loader

‘गुड लक’ और मेहनत के बीच की कड़ी है ‘द ज़ोया फ़ैक्टर’

डायरेक्टर- अभिषेक शर्मा

फिल्म- द ज़ोया फैक्टर

शैली- रोमांस व ड्रामा

स्टार कास्ट- सोनम कपूर, दलकीर सलमान, संजय कपूर, सिकंदर खेर, अंगद बेदी

डायरेक्टर अभिषेक शर्मा फिल्म ‘परमाणु’ के बाद अब अपने दर्शकों के लिए रोमांस-ड्रामा फ़िल्म ‘द ज़ोया फ़ैक्टर’ लेकर आए हैं। इस फिल्म में आपको सोनम कपूर और दलकीर सलमान मुख्य किरदार निभाते हुए नज़र आएंँगे। साथ ही फ़िल्म को डायरेक्टर ने रोमांस, हल्की सी कॉमेडी और ड्रामे के साथ पिरोया है। 

क्या है फ़िल्म में?

फ़िल्म का नाम है ‘द ज़ोया फ़ैक्टर’ तो आप इससे अंदाजा लगा सकते है कि फिल्म में कोई ज़ोया तो होगी ही। फिल्म की शुरुआत होती है सुपरस्टार शाहरुख ख़़ान की आवाज़ के साथ जो कि बताते है कि जब भारत ने पहला वर्ल्ड कप जीता था उसी वक्त पैदा हुई थी ज़ोया (सोनम कपूर)। बस उसी वक्त से उसके पिता विजयेंद्र सोलंकी (संजय कपूर) अपनी बेटी को भारतीय क्रिकेट मैच के लिए ‘लकी चार्म’ मान लेते है।
ज़ोया एक विज्ञापन कंपनी में काम कर रही हैं और उन्हें क्रिकेट टीम से मिलने का मौका मिलता है। इसी दौरान उनकी मुलाक़़ात टीम के कप्तान निखिल खोडा (दलकीर सलमान) से हो जाती है। ज़ोया टीम प्लेयर्स को बताती हैं कि वह क्रिकेट के लिए ‘लकी’ है जब भी वह टीम के साथ होती है तो मैच भारत ही जीत जाता है। इस पर निखिल जरा भी भरोसा नहीं करते। 

सम्बंधित खबरें
जोया और निखिल की मुलाक़ातें होने लगती है और वहीं इन दोनों की लव स्टोरी भी शुरू हो जाती है। लेकिन कुछ ऐसा होता है कि दोनों के बीच जल्द ही दरार भी पड़ जाती है। इसी बीच ‘लकी चार्म’ लड़की यानि ज़ोया को लोग भगवान की तरह पूजने लगते है। अब ज़ोया के ‘लकी चार्म’ की वजह से टीम इंडिया फ़ाइनल मैच जीत पाती है या नहीं। निखिल और ज़ोया की लव स्टोरी का क्या हुआ ये सब जानने के लिए आपको थिएटर तक जाना पड़ेगा।

Film 'The Zoya Factor' talks about lucky charm and hard work - Satya Hindi

क्या होता है ‘लकी चार्म’ या ‘गुड लक’

अक्सर हम किसी नंबर, किसी व्यक्ति या किसी अन्य वस्तु को अपना ‘लकी चार्म’ मान लेते है। इसके साथ हमें लगने लगता है कि हम इसके साथ रहकर या रखकर कोई भी काम करेंगे वो ज़रूर पूरा होगा। इस दौरान हम अपनी मेहनत पर नहीं, बल्कि अपने लकी चार्म पर पूरी तरह से निर्भर हो जाते है। ऐसा होता नहीं है, हम इसे एक तरीके से अंधविश्वास कह सकते है जिसे हम खुद में मान लेते है और सोचते है कि वैसा ही होगा।

किरदारों की अदाकारी

फिल्म 'द ज़ोया फ़ैक्टर' में दलकीर सलमान ने अपने किरदार को अंत तक मजबूती से पेश किया है। दलकीर सलमान ने अपनी एक्टिंग से दिल जीत लिया। सोनम कपूर ने अपनी एक्टिंग से फिर से एक बार निराश किया है। कई जगहों पर उनकी ओवर एक्टिंग साफ़ देखने को मिली। इसके अलावा फिल्म में अन्य किरदार संजय कपूर, अंगद बेदी और सिकंदर खेर को भले ही पर्दे पर ज्यादा समय न दिया गया हो, लेकिन अपने किरदार में सभी बेहतर रहे।

कमज़ोर कड़ियाँ

फिल्म ‘द ज़ोया फ़ैक्टर’ में कॉमेडी का तड़का लगाने की कोशिश की गई, लेकिन लोगों को हंसाने में यह फ़िल्म नाकाम रही। इसके साथ ही थिएटर से निकलते वक़्त फ़िल्म का एक भी गाना आपको याद नहीं रहेगा, क्योंकि फिल्म में कोई भी गाना पूरा फिल्माया नहीं गया है।

क्यों देखें फिल्म

अगर आप हल्की रोमांटिक फिल्म देखना चाहते है या फिर आप सोनम कपूर के फ़ैन है तो आप फ़िल्म देख सकते हैं। फ़िल्म की कहानी नई सोच पर ज़रूर बनी है लेकिन उतनी मजबूती से इसे पेश नहीं किया गया। जिससे आप कई जगहों पर बोर हो सकते है। यह फिल्म 20 सितंबर से सिनेमाघरों में देखी जा सकती है। रेटिंग स्टार- 2/5
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
दीपाली श्रीवास्तव

अपनी राय बतायें

सिनेमा से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें