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जिन जेएनयू-जामिया को 'राष्ट्र विरोधियों का अड्डा' बताते हैं वे हैं देश की शान

दक्षिणपंथियों के निशाने पर रहने वाले जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) ने लगातार चौथे साल देश के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों की सूची में दूसरा स्थान हासिल किया है।
जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय ने भी 10वें स्थान पर क़ब्ज़ा जमाया है। उल्लेखनीय है, जामिया भी लगातार विरोधों की गिरफ़्त में रहा है। यहाँ के छात्रों को भी विरोध प्रदर्शनों के लिए लगातार गिरफ्तार किया जा रहा है।

भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर शीर्ष पर

केंद्र सरकार के अधीन मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा जारी की गई  राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) की सूची में भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर को सर्वेश्रेष्ठ विश्वविद्यालय चुना गया है। और ऐसा लगातार चौथी बार हुआ है। जब इस विश्वविद्यालय ने शीर्ष पर जगह पाई हो।
जिसके बाद जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय का नाम आता है जो दूसरा सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय है और उसने भी चौथी बार ये कारनामा किया है।
एनआईआरएफ रैंकिंग को मानव संसाधन विकास मंत्रालय के नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क द्वारा तैयार किया जाता है और रैंकिंग टीचिंग, लर्निंग एवं रिसोर्सेस, रिसर्च एवं प्रोफेशनल प्रैक्टिसेस जैसे पैमानों के आधार पर तय की जाती है।
बता दें, जेएनयू और जामिया अनुसंधान और शिक्षण में उच्च गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं और उनका प्रदर्शन भी कुछ ऐसा ही दिखाता है।जेएनयू के कुलपति एम जगदीश कुमार ने जेएनयू की उपलब्धि पर कहा कि-

हमने 2017 से 2020 तक चार वर्षो के दौरान इस रैंक को बनाये रखा है। हमें जेएनयू पर गर्व है और हम हर संभव समर्थन जारी रखेंगे।


जेएनयू के कुलपति एम जगदीश कुमार

जेएनयू 2016 से निशाने पर रहा है

जेएनयू 2016 से ही निशाने पर रहा है, जब विश्विद्यालय में देश विरोधी नारे लगाने का आरोप लगाया गया था। इस साल जनवरी में भी जएनयू में कुछ नकाबपोशों ने घुसकर छात्रों पर हमला कर दिया था। जिसमें जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष समेत 40 से ज्यादा छात्र और अध्यापक बुरी तरह घायल हुए थे।
हमले के बाद सभी नकाबपोश बिना पुलिस के हस्तक्षेप के कैंपस से बाहर भी चले गए थे। और अब पाँच महीने बाद भी उन नकाबपोशों में से किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई है।

जेएनयू को बंद करने की माँग

जेएनयू के विरोध में एक विशेष अभियान चलाया जाता है। जिसके तहत ये साबित किया जाता है कि ये देश विरोधियों का अड्डा है। और इस कैंपेन में बीजेपी नेता भी पीछे नहीं रहे हैं। अगर ये कहें कि बीजेपी नेता अग्रणी रहे हैं तो ग़लत नहीं होगा।
इसी साल फरवरी 2020 में बीजेपी सांसद वीरेंद्र सिंह ने लोकसभा में जेएनयू को राष्ट्रविरोध का गढ़ बताते हुए उसे कुछ दिनों के लिए बंद करने की मांग तक कर डाली थी।
सिंह का कहना था कि आम जनता के पैसों से चलने वाले जेएनयू में राष्ट्रविरोधी बातें होती हैं। उनका कहना था कि देश की आज़ादी से पहले जो बातें मोहम्मद अली जिन्ना ने की थीं, वही बातें जेएनयू में हो रही हैं।

जामिया में पुलिस ने घुसकर छात्रों को पीटा

दिसंबर 2019 में, जामिया के छात्रों को पुलिस ने कैंपस में घुसकर पीटा था। कहा गया कि पुलिस माहौल खराब करने वालों को पकड़ने के लिए अंदर गई थी। वहीं, लॉकडाउन के दौरान भी पुलिस ने गिरफ़्तारियाँ चालू रखीं। इस दौरान वो सभी छात्र निशाने पर रहे जिन्होंने विवादित संशोधित नागरिकता कानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया था।

 बीएचयू रहा तीसरे स्थान पर

एनआईआरएफ रैंकिंग 2020 की यूनिवर्सिटी कैटेगरी के अनुसार बनारस हिंदू विश्वविद्यालय तीसरे स्थान पर रहा है। जबकि जादवपुर विश्वविद्यालय और कलकत्ता विश्वविद्यालय ने क्रमशः 5वाँ और 7 वाँ स्थान हासिल किया है।
एनआईआरएफ रैंकिंग 2020 को 9 विभिन्न कटेगरी में जारी किया गया है। इनमें ओवरऑल, यूनिवर्सिटी, इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, फार्मेसी, कॉलेज, मेडिकल, लॉ, आर्किटेक्चर और डेंटल शामिल हैं।
अगर ‘ओवरऑल ‘की बात करें तो जिसमें 100 संस्थानों के नाम हैं। इस सूची में आईआईटी मद्रास शीर्ष पर है। भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर  दूसरे स्थान पर है और जेएनयू 8वें स्थान पर। इसके अलावा जामिया ने 16वां स्थान हासिल किया है।
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क़मर वहीद नक़वी

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