loader

मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, पत्रकारों की जासूसी पर सरकार कटघरे में

रविवार को यह खुलासा हुआ कि किस तरह स्पाइवेअर पेगासस का इस्तेमाल कर 40 पत्रकारों की जासूसी की गई। लेकिन यह पहली बार नहीं हुआ है। इसके पहले 2019 में यह बात सामने आई थी कि वॉट्सऐप से पेगासस के ज़रिए मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और दूसरी लोगो की जासूसी की गई थी। उस समय इस पर तीखी प्रतिक्रिया हुई थी। 
क़मर वहीद नक़वी
इज़रायली जासूसी सॉफ़्टवेअर 'पेगैसस' का इस्तेमाल कर भारत के पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं पर निगरानी रखने पर तीखी प्रतिक्रिया हुई है। मानवाधिकार संगठनों, राजनीतिक दलों, पत्रकारों और दूसरे लोगों ने सोशल मीडिया पर इस मुद्दे पर सरकार की ज़ोरदार आलोचना की है और कई गंभीर सवाल उठाए हैं। 
सम्बंधित खबरें

सबसे तीखी और सीधी प्रतिक्रिया ट्विटर पर हुई है। मानवाधिकार के क्षेत्र में काम करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल ने ट्वीट कर कहा, 'क्या आपको कभी लगा कि आप पर निगरानी रखी जा रही है?'

इसने इसी ट्वीट में कहा है,  '100 मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को निशाना बनाने के लिए जासूसी सॉफ़्टवेअर का इस्तेमाल करने की वजह से व्हॉट्सऐप एनएसओ पर मुक़दमा कर रहा है।'  

इंटरनेट फ्रीडम फ़ाउंडेशन ने भी इस पर चिंता जताई है। 
मानवाधिकार कार्यकर्ता शबनम हाशमी ने कहा: अंत में सच सामने आ ही गया। मैने यह मुद्दा कई बार उठाया, कई बार कहा कि मेरे वॉट्सऐप पर हमला हुआ है। मैं अपना जवाब 4-5 बार टाइप करती थी, वह गायब हो जाता था। 
कांग्रेस  पार्टी के नेता और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने तंज किया, 'मोदीजी की खुली, पारदर्शी सरकार! सब पर निगरानी रखने वाली सरकार यहाँ है।'
कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने ट्वीट कर कहा, 'वॉट्सऐप सॉफ़्टवेअर हमले से डाटा सुरक्षा और भारतीयों की निजता के अधिकार से जुड़े कई सवाल खड़े हो गए हैं।'
भारतीवॉट्सऐपय मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता मुहम्मद सलीम ने  ट्वीट किया, 'फ़ेसबुक के स्वामित्व वाले व्हॉट्सऐप ने चौंकाने वाला खुलासा किया है, इसने कहा है कि इज़रायली सॉफ़्टवेअर का इस्तमाल कर पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओ को जासूसी के निशाने पर रखा गया। यह तो निजता और निजी आज़ादी का उल्लंघन है।' 

वरिष्ठ पत्रकार नंदगोपाल राजन ने ट्वीट कर कहा, 'यह तो डराने वाली बात है। चलिए हम पहले की तरह कॉफ़ी शॉप में लोगों से मिलना शुरू करें।'

बता दें कि पहले पत्रकार लोगों से मिलने जुलने और संपर्क स्थापित करने या नेटवर्क बनाने के लिए चाय और कॉफ़ी शॉप या रेस्तरां में मिलते थे, जो बेहद अनौपचारिक होती थी।  

पूर्व राजनयिक निरुपमा सुब्रमण्यण ने ट्वीट कर कहा ऐसा लगता है सब लोगों का अंदेशा सही निकला और वॉट्सऐप ने इसकी पुष्टि भी कर दी, भारतीय पत्रकारों की जासूसी करने के लिए इज़रायली सॉफ़्टवेअर का इस्तेमाल किया गया। 
यह ख़बर पूरी दुनिया में छाई हुई है। भारतीय मीडिया के अलावा विदेशी मीडिया ने इसे प्रमुखता से प्रकाशित किया है। बीबीसी, अल जज़ीरा, फ़ोर्ब्स, रॉयटर्स, ब्लूमबर्ग, एबीसी न्यूज़, फ़ॉक्स न्यूज़, स्काई न्यूज़ वगैरह से इसे प्रमुखता दी है।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें