loader

राम मंदिर पर नेता गरमाए, धर्मसभा में लोग उम्मीद से कम आए

राम मंदिर बनाने के लिए आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने आज सरकार और सुप्रीम कोर्ट पर दबाव और बढ़ा दिया है। आज दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान पर विहिप द्वारा आयोजित विराट धर्म सभा हो रही है। इसमें पाँच लाख लोगों के आने का दावा किया गया था। फ़िलहाल कुछ हज़ार लोग ही जुटे हैं। इस सभा में जोशीले और भड़काऊ भाषण दिए गए। विहिप की तरफ से साफ़ कहा गया है कि हिंदू समाज अनंत काल तक इंतज़ार नहीं करेगा।
विराट धर्मसभा में आरएसएस के सरकार्यवाह भैयाजी जोशी और विहिप अध्यक्ष आलोक कुमार ने सुप्रीम कोर्ट को निशाने पर लिया। उनके भाषणों का मर्म यही था - 

  1. सुप्रीम कोर्ट ने अपने कर्तव्यों की अवहेलना की। 
  2. सुप्रीम कोर्ट हमारी अपीलों पर जल्द सुनवाई क्यों नहीं करता। 
  3. न्यायालय की प्रतिष्ठा बना रहनी चाहिए। न्याय व्यवस्था इसपर विचार करे। 
  4. अदालत जनभावना का सम्मान करे।

धर्मसभा में आरएसएस में नंबर दो नेता भैयाजी जोशी ने साफ़ कहा कि अदालत को जनभावना को समझना होगा। भैयाजी जोशी ने एक बार फिर कहा कि राम मंदिर बनाने के लिए क़ानून के अलावा और कोई रास्ता नहीं है। बता दें कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने दशहरे वाले दिन सरकार से कहा था कि वह राम मंदिर बनाने के लिए क़नून बनाए।
पिछली 25 नवंबर को विहिप द्वारा आयोजित धर्मसंसद में ये फ़ैसला किया गया था कि देश भर में राम मंदिर बनाने के लिए पाँच सौ से ज़्यादा ज़िलों में सभाएँ की जाएँगी। आज यह दावा किया गया कि सभी ज़िलों और राज्यों से लोग आए हैं। 
vhp rss put pressure on modi government for ram mandir - Satya Hindi

विहिप ने की कोर्ट की आलोचना

धर्मसभा में विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने सुप्रीम कोर्ट की तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने कर्तव्यों की अवहेलना की है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को कठघरे में खड़ा किया और सवाल पूछा कि कोर्ट हमारी अपीलों पर जल्द सुनवाई क्यों नहीं करता? सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या में विवादित ज़मीन पर सुनवाई के लिए जनवरी में बेंच बनाने का फ़ैसला किया गया है।
पहले यह उम्मीद की जा रही थी कि सुप्रीम कोर्ट शायद लोकसभा चुनाव से पहले अयोध्या मामले का निपटारा कर दे। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के जनवरी में सिर्फ़ बेंच बनाने के फ़ैसले से हिंदुत्ववादियों की उम्मीदों पर पानी फिर गया। इस सभा में कई-कई बार सुप्रीम कोर्ट पर हमले किए गए। कहा गया कि अदालत जनभावना को समझे। साफ़ है कि लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र राम मंदिर मुद्दे को और गरमाया जाएगा। पर आज जितनी संख्या में लोग जुटे हैं, उससे ये उम्मीद कम है कि इस मुद्दे का कोई विशेष असर होगा।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें