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सुशांत केस- कड़ी-2: एक मौत पर मर्कट राजनीति, दावे-प्रतिदावे, खंडन-मंडन

फिल्मी सितारे सुशांत सिंह राजपूत की मौत का मामला देश और दुनिया के लिए दिल दहलाने वाला भले हो, हिंदुस्तानी नेताओं के लिए यह बयानों का उत्सव है। तमाम नेतागण सुशांत सिंह की मौत और हत्या की पहेली के बीच अपनी-अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने में जुट गए। 

किसी को सीबीआई जांच की पड़ी है, किसी ने इसे महाराष्ट्र बनाम बिहार का मुद्दा बनाया है, किसी ने इसके जरिए हिंदू-मुसलमान का खेल रचाया है, तमाम मुद्दे चल पड़े हैं लेकिन सबसे अहम मुद्दा गौण हो गया है, वह है- सुशांत की मौत का रहस्य। 

बयानों की फसल आज भी लहलहा रही है, आज भी काटी जा रही है। नित नए-नए नेता उग रहे हैं, नित नए-नए बयान सामने आ रहे हैं।

महाराष्ट्र में राजनीतिक हार से क्षुब्ध और बौखलाए बीजेपी के नेताओं ने इस मुद्दे पर भी राज्य की ठाकरे सरकार को घेरने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी।

सरकार बनाम विपक्ष की जंग

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को सुशांत सिंह मामले में धनशोधन का मामला दर्ज कर जांच करनी चाहिए। देवेंद्र फडणवीस ने यह भी कहा कि जनता सीबीआई जांच की मांग कर रही है लेकिन उद्धव ठाकरे की सदारत में चल रही महाविकास आघाडी सरकार सीबीआई से जांच न करवाने पर अड़ी हुई है।

कई दिनों तक सुशांत सिंह की रहस्यमय मौत के मुद्दे पर राजनीतिक बमबारी झेलने के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की तरफ से जवाब आया। उद्धव ठाकरे की यह प्रतिक्रिया मराठी के एक समाचार चैनल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सामने आई थी। 

अदालती दांव-पेच और राजनीतिक छीछालेदर के बीच उद्धव ठाकरे ने सख्त स्वर में कहा कि सुशांत सिंह मामले में मुंबई पुलिस की भूमिका और योग्यता पर अविश्वास करने का कोई कारण ही नहीं है। मुंबई पुलिस की योग्यता पर सवाल नहीं किया जा सकता है। सीबीआई जांच बेमानी है।

उद्धव ठाकरे ने फडणवीस द्वारा मुंबई पुलिस पर सवाल उठाने को लेकर कहा कि वे तो खुद इस प्रदेश के 5 साल तक मुख्यमंत्री रहे हैं। उन्हें मुंबई पुलिस की क्षमताओं पर अविश्वास नहीं करना चाहिए।

उद्धव ठाकरे ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, ‘विपक्ष तो इंटरपोल को भी इस मामले में ले आएगा या नमस्ते ट्रंप का आयोजन करने वाले लोग भी इसकी जांच में जुट जाएंगे। देवेंद्र फडणवीस को ध्यान रखना चाहिए कि मुंबई पुलिस वही है,जिसके साथ उन्होंने 5 साल तक काम किया है।’

उद्धव ठाकरे ने यह भी कहा कि हम आरोपियों को ज़रूर सजा दिलवाएंगे और कृपा करके इस मामले को महाराष्ट्र बनाम बिहार का मुद्दा ना बनाएं। महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने भी पिछले दिनों बयान जारी किया कि मुंबई पुलिस ऐसे मामले सुलझाने में सक्षम है और सीबीआई जांच की बिल्कुल ज़रूरत नहीं है।

बीजेपी प्रवक्ता के निशाने पर आदित्य

31 जुलाई, 2020 को भारतीय जनता पार्टी के बिहार के बीजेपी के प्रवक्ता निखिल आनंद भी बयानबाज़ी के अखाड़े में उतर गए। उन्होंने शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे की चुप्पी पर भी सवाल खड़ा किया।

बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद ने जानना चाहा कि आदित्य ठाकरे की चुप्पी के पीछे राज क्या है। उन्होंने पूछा, ‘सुशांत सिंह राजपूत युवा और प्रतिभाशाली भारतीय कलाकार थे, जिनकी मौत संदिग्ध हालात में हुई, बावजूद इसके महाराष्ट्र के युवा नेता चुप क्यों बैठे हैं?’ आनंद ने पूछा कि आदित्य ठाकरे महाराष्ट्र सरकार के महत्वपूर्ण सदस्य हैं तो भी उनकी सरकार सीबीआई जांच क्यों नहीं करवा रही है?

सीबीआई जांच पर अड़े

निखिल आनंद ने इस पर भी सवाल उठाया कि महाराष्ट्र सरकार के गृह राज्य मंत्री द्वारा बिहार पुलिस की जांच पर प्रश्नचिन्ह लगाया गया है। उन्होंने इस मामले को महाराष्ट्र बनाम बिहार करने की पूरी कोशिश की। निखिल आनंद ने कहा कि बिहार की जनता को महाराष्ट्र सरकार और मुंबई पुलिस पर बिल्कुल भरोसा नहीं है। सीबीआई जांच ही एकमात्र आशा की किरण है।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के सुपुत्र और विधायक व मंत्री आदित्य ठाकरे का नाम सुशांत सिंह राजपूत कांड में एक चैनल ने क्या उजागर किया, हंगामा खड़ा हो गया। 

चैनल ने दावा किया कि 13 जून, 2020 की रात को सुशांत सिंह के घर पर एक दावत थी, जिसमें आदित्य ठाकरे भी शामिल थे। यह दावत देर रात तक चली लेकिन एक बड़े झगड़े से ख़त्म हुई। उस दौरान इमारत के सीसीटीवी कैमरे भी बंद थे।

इस सिलसिले में @KangnaTeam ट्विटर हैंडल पर टीम कंगना रानाउत की तरफ से एक संदेश आया, जिसमें कहा गया, ‘सबको पता है कि वह व्यक्ति कौन है। वह करण जौहर का खास दोस्त है और विश्व के सबसे अच्छे मुख्यमंत्री का श्रेष्ठ बेटा है, जिसे लोग प्यार से बेबी पेंग्विन बुलाते हैं।’ कंगना का कहना है कि अगर किसी दिन वे भी अपने घर में लटकी मिलें, तो ध्यान रखें कि उन्होंने आत्महत्या नहीं की है।

इस मुद्दे पर बीजेपी के कई नेताओं ने आदित्य ठाकरे और उद्धव ठाकरे को भी निशाने पर ले रखा है।

बताया जाता है कि इस सिलसिले में मुंबई पुलिस आदित्य ठाकरे का बयान ले चुकी है। मुंबई पुलिस को आदित्य ठाकरे ने क्या बयान दिया है, उसकी जानकारी बाहर नहीं आ रही है क्योंकि पुलिस अधिकारियों ने अपने होंठ सिले हुए हैं।

इस बारे में ताज्जुब जाहिर किया जा रहा है कि मुंबई की सबसे बेहतरीन इमारतों में से एक में सुशांत रहते हैं लेकिन यह विश्वास करना संभव नहीं कि वहां सीसीटीवी कैमरे काम करना एक दिन पहले ही बंद कर देते हैं। यह स्वाभाविक नहीं लगता है। 

रामविलास पासवान भी कूदे

बिहार के नेता और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान भी इस नूरा कुश्ती में कूद पड़े। उन्होंने बयान दिया कि दो राज्यों के बीच झगड़ा चल रहा है, जिसके कारण महाराष्ट्र में एफ़आईआर तक दर्ज नहीं हुई है। उनके बेटे चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से इस बारे में बात की है कि सीबीआई जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा है कि सारे राजनीतिक नेता सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं, इसलिए यह मामला सीबीआई को सौंपा जाना चाहिए।

सुब्रमण्यन स्वामी भी मैदान में आए

ऐसा कोई मुद्दा हो, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबकी निगाहों का मरकज़ बना हो और बीजेपी सांसद सुब्रमण्यन स्वामी उसमें ना कूदें, यह तो संभव ही नहीं है। 

स्वामी ने ट्वीट कर कहा कि पटना पुलिस ने कई धाराओं के तहत सुशांत सिंह की मौत पर एफ़आईआर दर्ज की है जबकि मुंबई पुलिस अभी तक धारा 174 सीआरपीसी से आगे नहीं बढ़ पाई है, इससे मुंबई पुलिस के इरादों की भनक लगती है।

इसके पहले भी स्वामी ने ट्वीट करके बताया था कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उन्होंने बात की है और पटना पुलिस द्वारा एफ़आईआर दर्ज करने पर उन्होंने खुशी जताई है। 

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राज ठाकरे का गुस्सा

सुशांत की रहस्यमय मृत्यु के मामले में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का नाम भी कुछ लोगों ने घसीट दिया तो नाराज राज ठाकरे भी इसमें कूद पड़े। राज ठाकरे ने ट्विटर पर एक टिप्पणी की, जिसमें उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी फिल्मोद्योग के इस मामले में किसी भी तरह शामिल नहीं है। 

राज ठाकरे ने अधिकृत बयान में लिखा, “सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद हिंदी फिल्मोद्योग असमंजस की स्थिति में है और तमाम विवाद खड़े होने लगे हैं। कुछ लोग अनावश्यक रूप से महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का नाम इस मुद्दे से जोड़ रहे हैं। मैं साफ करना चाहूंगा कि न तो मेरी पार्टी और न ही हमारी कोई शाखा, इस विवाद या ख़बर में शामिल है। सब यह बात ध्यान रखें, धन्यवाद।”

सुशील मोदी की नाराज़गी

बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने मुंबई पुलिस पर आरोप लगाया कि बिहार पुलिस की निष्पक्ष जांच में मुंबई पुलिस रुकावटें डाल रही है। मुंबई पुलिस से कोई सहयोग नहीं मिल रहा है। बीजेपी को लगता है कि यह मामला अब सीबीआई को सौंपा जाना चाहिए।

बिहार सरकार में मंत्री और जेडीयू नेता महेश्वर हजारी ने सुशांत की गर्लफ़्रेंड रिया चक्रवर्ती को आड़े हाथों लिया। हजारी ने उन्हें विषकन्या कहते हुए शंका जाहिर कर डाली कि सुशांत की हत्या के पीछे बड़े गिरोह का हाथ हो सकता है।

हजारी ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से कहा, ‘सुशांत सिंह राजपूत की हत्या के पीछे बड़ा गिरोह है। इससे पहले भी काम के लिए मुंबई गए प्रतिभाशाली लोगों को मारा गया है। इस गिरोह ने रिया चक्रवर्ती का इस्तेमाल किया। उसने सुशांत सिंह राजपूत को प्रेम में फंसाया और उसके पैसे ट्रांसफर करवा लिए।’ 

हजारी के मुताबिक़, रिया ने बाद में भूत-प्रेत का नाटक शुरू किया और एक ‘विषकन्या’ की भूमिका निभाई। उसने सुशांत की प्रतिभा को नुकसान पहुंचाया और प्यार को भी बदनाम कर दिया।’

Sushant Singh Rajput suscide case Bihar and Maharashtra clash - Satya Hindi
सुशांत की गर्लफ़्रेंड रिया चक्रवर्ती।

महाराष्ट्र सरकार गंभीर हो: मायावती 

कोई मामला हो जिसमें दूसरे राजनीतिक दल कूदें और मायावती नहीं, यह तो संभव ही नहीं है। 30 जुलाई, 2020 की सुबह मायावती ने ट्वीट करते हुए महाराष्ट्र और बिहार पुलिस के बदले सीबीआई द्वारा जांच को ही बेहतर करार दिया। उन्होंने लिखा, ‘सुशांत प्रकरण में महाराष्ट्र और बिहार के कांग्रेसी नेताओं के अलग-अलग रवैये से लगता है कि इसका असल मकसद राजनीतिक स्वार्थ की पूर्ति करना है, पीड़ित परिवार को न्याय दिलाना नहीं। यह कतई उचित नहीं है। महाराष्ट्र सरकार को गंभीर होना चाहिए।’

रिया पहुंची गृहमंत्री तक

रिया चक्रवर्ती ने भी गृहमंत्री अमित शाह को टैग करते हुए एक ट्वीट कर कहा, ‘मुझे सरकार पर पूरा भरोसा है और मैं हाथ जोड़ कर न्याय की आस में आपसे निवेदन करती हूं कि यह मामला सीबीआई को जांच के लिए सौंपा जाए। मैं भी जानना चाहती हूं कि आखिर ऐसा क्या दबाव था,जिसके कारण सुशांत ने ऐसा कदम उठा लिया।’

बहन की प्रधानमंत्री से फरियाद

सुशांत की बहन श्वेता सिंह ने 1 अगस्त, 2020 की सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इस मामले में शामिल कर लिया। उन्होंने एक ट्वीट में प्रधानमंत्री को टैग करते हुए लिखा, “प्रिय श्रीमान, मेरा दिल कहता है कि आप सत्य के साथ खड़े होंगे। हम बहुत ही साधारण परिवार से हैं। मेरे भाई का बॉलीवुड में कोई गॉडफादर नहीं था। मेरा आपसे निवेदन है कि आप इस मामले में तुरंत दखल दें और सुनिश्चित करें कि मामला बहुत गंभीरता से देखा जाए तथा सबूतों से छेड़खानी ना हो। न्याय की आस में।”

अब घमासान मचा हुआ है कि सुशांत सिंह को न्याय दिलाया जाए। कैसे?, यह कोई नहीं जानता। बस चारों तरफ सीबीआई जांच की मांग हो रही है।
ऐसा लग रहा है कि सीबीआई के पास कोई जादुई आला है और उसके अधिकारी पल भर में आरोपियों को घसीट कर कानून के कटघरे में खड़ा कर देंगे। क्या ये ही लोग सीबीआई को तोता कहते नहीं थकते हैं? तो फिर सीबीआई पर इन लोगों को भरोसा इस कदर कैसे जाग गया। 
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विवेक अग्रवाल

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