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अनुच्छेद 370 में बदलाव के बाद कश्मीरी महिलाएँ निशाने पर क्यों?

इस साल 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से जुड़े अनुच्छेद 370 में फेरबदल किए जाने और राज्य को दो हिस्सों में विभाजित कर केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने को लेकर भारत के एक ख़ास तबक़े में उत्साह है। यह उत्साह कश्मीरी लड़कियों को उठा लाने, उनके साथ पोर्न वीडियो बनाने और उसे पोर्न वेबसाइट पर डाल देने, कश्मीर की सुंदर लड़कियों से विवाह कर लेने तक पहुँच गया है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के आम समर्थकों से लेकर मुख्यमंत्री तक ने कश्मीर की लड़कियों पर हमला बोल दिया है।

अश्लील मैसेजों की बाढ़

सोशल मीडिया पर माहौल डराने वाला है। ठीक-ठाक संख्या में पुरुष तबक़े की कुंठा निकलकर सामने आ रही है। ख़ासकर बीजेपी समर्थक उत्साहित हैं। यह उत्साह कश्मीर में छठ मनाने से लेकर वहाँ ज़मीन और कोठियाँ ख़रीद लेने से लेकर कश्मीरी लड़कियों से शादी करने, उनसे बलात्कार करने व उनके पोर्न वीडियो बनाने तक है। हाल ही में ‘सत्य हिंदी’ ने दिखाया था कि फ़ेसबुक पर मौजूद एक व्यक्ति कश्मीर के लाल चौक पर वहाँ की महिलाओं के साथ वीडियो बनाकर वह उसे पोर्न हब वेबसाइट पर डालना चाहता है। ‘जम्मू कश्मीर में हमारा भी ससुराल होगा’ ‘चलो हिंदुस्तानियों जम्मू-कश्मीर में बारात लेकर चलते हैं, कौन-कौन चल रहा है मेरे साथ… जय श्री राम’, ‘तब तक एक भाई को जोश आ गया’, 'कश्मीरी लड़कियों करो तैयारी, आ रहे हैं भगवाधारी’ जैसे मैसेजों की फ़ेसबुक, ह्वाट्सऐप, टिकटॉक, ट्विटर सहित विभिन्न संचार माध्यमों में बाढ़ आ गई है।

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बड़े नेता भी शामिल

इस बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर का भी बयान आया है। फतेहाबाद में राज्य स्तर पर होने वाले कार्यक्रम महर्षि भगीरथ जयंती समारोह में उन्होंने कहा कि शादी के लिए कश्मीर से लड़की लाने की राह खुल गई है। इतना ही नहीं, एक क़दम आगे बढ़ते हुए खट्टर ने कहा है, ‘इसके पहले बिहार से बहुएँ लानी पड़ती थीं, लेकिन अब हम कश्मीर से लड़कियाँ लाएँगे।’ खट्टर ने बड़े गर्व के साथ अपने मंत्री ओपी धनखड़ का उल्लेख करते हुए कहा कि हमारे मंत्री पहले कहते थे कि हम बिहार से बहुएँ लाएँगे और अब लोग करने लगे हैं कि कश्मीर से लड़कियाँ लाने का रास्ता साफ़ कर दिया गया है।

2014 के चुनाव के पहले धनखड़ ने बिहार से लड़कियाँ लाकर हरियाणा के लड़कों की शादियाँ कराने का उल्लेख तमाम सभाओं में किया था। जींद के नरवाना में किसान महासम्मेलन में धनखड़ ने कहा था कि राज्य में बीजेपी की सत्ता आने पर बिहार से लड़कियाँ लाएँगे। बिहार के मौजूदा उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का हवाला देते हुए धनखड़ ने कहा था कि वह मेरे मित्र हैं और बीजेपी को मज़बूत बनाने का मतलब हुआ कि जो लोग आज कुँवारे घूम रहे हैं उन्हें एक लड़की मिलेगी।

कबायली युग में पहुँचे!

इस तरह से देखें तो हम कबायली युग में पहुँच चुके हैं, जब यह व्यवस्था थी कि एक राज्य जब दूसरे राज्य पर कब्ज़ा करता था तो वहाँ की महिलाओं सहित राज्य की संपत्ति लूटी जाती थी। कश्मीर को हमेशा से भारत का हिस्सा माना जाता रहा है। 5 अगस्त 2019 को ऐसा क्या बदल गया है जिससे बीजेपी के समर्थक यह सोचने लगे हैं कि कश्मीर अब उनका उपनिवेश, उनका ग़ुलाम हो गया और वे उस राज्य से ख़ूबसूरत लड़कियाँ उठाकर ला सकते हैं।

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हरियाणा चुनाव का असर

हरियाणा में 2014 के चुनाव के पहले कुँवारे लड़कों के लिए बिहार से लड़कियों का इंतज़ाम करना चुनावी मसला था। 2019 के विधानसभा चुनाव के पहले राज्य के मुख्यमंत्री ने ख़ुद यह मोर्चा संभाल लिया। 2011 की जनगणना के मुताबिक़ हरियाणा में प्रति 1,000 पुरुष पर महिलाओं की संख्या 877 है। लिंगानुपात के हिसाब से राज्य का प्रदर्शन बेहद ख़राब है। हालाँकि जम्मू-कश्मीर में भी प्रति 1000 पुरुषों पर महज 883 महिलाएँ हैं और लिंगानुपात में असंतुलन साफ़ है। लेकिन राजनीतिक दुष्प्रचार और कुंठाओं के लिए किसी आँकड़े की ज़रूरत नहीं होती है। 

बीजेपी के इन नेताओं से कोई यह पूछने वाला नहीं है कि बीजेपी नेता धनखड़ ने सत्ता में आने के बाद बिहार से अपने उपमुख्यमंत्री मित्र से कहकर कितनी लड़कियाँ मंगाई हैं। उस दौरान धनखड़ के बयान के बाद जनता दल यूनाइटेड, राष्ट्रीय जनता दल ने संसद में जमकर हंगामा किया था। लेकिन बीजेपी अब प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में है और जनता दल यूनाइटेड तो बिहार में बीजेपी के साथ सरकार भी चला रही है।

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डराने वाली स्थिति

अनुच्छेद 370 में फेरबदल किए जाने से कश्मीरी महिलाओं व लड़कियों को लेकर जो कुंठा सामने आ रही है, वह सामान्य नहीं है। यह डराने वाली स्थिति है। कश्मीर ही नहीं, यह हर राज्य की लड़कियों के लिए डराने के लिए पर्याप्त है। महिलाएँ इन टिप्पणियों से आहत हैं। फ़ेसबुक पर सक्रिय अनिता मिश्रा लिखती हैं, ‘कश्मीर और वहाँ के लोगों पर जिस तरह के घटिया जोक्स लोग पोस्ट कर रहे हैं उस पर हैरत है। कोई वहाँ मकान ख़रीदने को मरा जा रहा है, कोई वहाँ की लड़कियों से शादी/सेक्स करने को बेताब है। कुछ लोगों की हैसियत ऐसे ही सड़ियल जोक्स बनाने भर की है।’ वहीं गीता यथार्थ लिखती हैं, ‘कश्मीर में ससुराल। इस बात पर वे ही लोग मज़ाक बना सकते हैं जिनके लिए पत्नी/बच्चे/ ससुराल एक मज़ाक है। मानसिक बीमार हों।’

महिलाएँ ही नहीं, कोई भी संवेदनशील व्यक्ति इस तरह की हरकतों का समर्थन नहीं कर सकता। बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व को ऐसे मसलों पर ध्यान देने की ज़रूरत है। महिलाओं के प्रति कुंठा दिखाना और बलात्कारी मानसिकता को ज़ाहिर करना ख़तरनाक रूप लेता जा रहा है। बीजेपी के समर्थकों व नेताओं की वजह से देश का वैश्विक अपमान हो रहा है और भारत की महिलाओं में भय पैदा हो रहा है।

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प्रीति सिंह

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