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प्रतीकात्मक तसवीर

एक बेटा अफ़सर, दूसरा नेता; लावारिस माँ को कीड़े तक पड़ गए!

क्या इसकी कल्पना की जा सकती है कि जिसका एक बेटा अफ़सर, दूसरा रसूख वाला नेता और पोती भी अफ़सर हो, उसको लावारिस छोड़ दिया जाए और शरीर में कीड़े तक पड़ जाएँ! वैसे, शहरों में बढ़ते वृद्धाश्रम और उनमें बुजुर्गों की बढ़ती संख्या को देखकर यह मामला अजीब भी नहीं लगता। लेकिन पंजाब क्षेत्र का यह मामला दिल को झकझोर देने वाला है।

यह मामला क़रीब एक सप्ताह पहले का है जब पंजाब के श्री मुक्तसर साहिब क्षेत्र में बूड़ा गुज्जर रोड पर एक बुजुर्ग महिला लावारिस हालत में मिली थीं। उनकी उम्र क़रीब 80 साल की थी। उनके सिर में कीड़े पड़े हुए थे। न खाने-पीने का ठिकाना और न ही कोई देखभाल करने वाला। जब राहगीरों ने देखा तो उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। जब वृद्धा महिला के भरेपूरे और संपन्न परिवार का पता चला तो लोग हैरान रह गये। 

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एक रिपोर्ट के मुताबिक़ लोगों का कहना था कि महिला काफ़ी दिनों से सड़क किनारे खाली मैदान में ईंटों की झोपड़ी बनाकर रह रही थीं। लेकिन एक दिन जब लोगों ने देखा कि उनकी हालत ज़्यादा ख़राब है तो पुलिस और एनजीओ की मदद से महिला को अस्पताल पहुँचाया गया। 

बाद में यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। जानकारी मिलने पर एक बेटा अस्पताल में भर्ती बुजुर्ग महिला के पास पहुँचा। 'आजतक' की रिपोर्ट के अनुसार, वृद्ध महिला को अपने साथ फरीदकोट ले गया लेकिन बाद में सोमवार सुबह उनकी मौत हो गई। महिला का अंतिम संस्कार कर दिया।

'दैनिक जागरण' की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, उनका एक बेटा आबकारी विभाग में है तो दूसरा नेता और पोती भी अफ़सर है। रिपोर्ट के अनुसार, महिला के बेटे ने बताया कि उसने अपनी माँ को संभालने के लिए किसी व्यक्ति को रखा हुआ था जिसे वह चार हज़ार रुपए मासिक देता था। रिपोर्ट के अनुसार उसने कहा कि उसे नहीं पता कि उसकी माँ वहाँ कैसे पहुँच गई। उसने दावा किया कि उसकी पत्नी को डायलसिस है तथा उसका बेटा छोटा होने के कारण वह उसे संभालने में असमर्थ था इसलिए उसने ऐसा किया। रिपोर्ट के अनुसार, उसने अपने नेता भाई के बारे में कुछ भी बताने से इनकार कर दिया।
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'दैनिक जागरण' की रिपोर्ट के अनुसार महिला की मौत की जाँच के आदेश दिए गए हैं और एसडीएम वीरपाल कौर को जाँच सौंपी गई है।

पंजाब के श्री मुक्तसर साहिब क्षेत्र का यह मामला समाज के एक हिस्से के उस बदनुमा चेहरे को उजागर करता है जो आम व्यक्ति को हैरान भी करता है और परेशान भी। और यह संवेदनशील लोगों के दिल को झकझोरता भी है।

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क़मर वहीद नक़वी

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