लोकतांत्रिक होने के लिए उसमें हर एक वर्ग, जाति, समुदाय की मौजूदगी ज़रूरी है। लोकतांत्रिक होने की इस कसौटी पर भारतीय मीडिया खरा नहीं उतरता है क्योंकि इसमें वह विविधता नहीं है।
ज़मीनी संघर्ष करते हुए उन्होंने बहुत कम समय में ही बहुजन समाज की न केवल एक राष्ट्रीय पार्टी खड़ी कर दी बल्कि देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में अपनी पार्टी की सरकार भी बना डाली।
मीडिया में अभद्र भाषा का इस्तेमाल तो धड़ल्ले से हो रहा है। इसमें भी रिपब्लिक टीवी पर बहस को लेकर सवाल उठते रहे हैं। अर्णब गोस्वामी की भाषा क्या सीमाओं को लांघती है?
लॉकडाउन के कारण लंबे समय तक घरों में कैद होने की वजह से डिप्रेशन कई गुना बढ़ रहा है और इन हालात में स्वयं को सामान्य बनाये रख पाना निश्चित ही किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है।
चीन दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों में उभरा है। उसकी आर्थिक नीतियाँ आक्रामक हैं। वह पूरी दुनिया भर में अपना जाल बिछा रहा है।लेकिन अमेरिका और यूरोपीय देश उसके पीछे पड़ चुके हैं।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 1 सितम्बर, 1923 को जन्मे हबीब तनवीर, रंगमंच में अपने आगाज से लेकर अंत तक उन सांस्कृतिक मूल्यों-रंगों को बचाने में लगे रहे जिनसे हमारे मुल्क की मुकम्मल तसवीर बनती है।