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पाक में कोरोना नियंत्रित? 24 घंटे में 4 मौतें और क़रीब 500 पॉजिटिव केस

कोरोना संक्रमण के नियंत्रण के लिए पाकिस्तान दुनिया भर में चर्चा में है। रविवार को आई रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान में 24 घंटे में कोरोना से सिर्फ़ 4 लोगों की मौत हुई। उससे एक दिन पहले 12 और दो दिन पहले 10 मौतें हुई थीं। पिछले एक हफ़्ते में औसत रूप से हर रोज़ क़रीब 9 लोगों की मौत हुई है। हर रोज़ संक्रमण के मामले भी क़रीब 500 आ रहे हैं। पूरे देश में फ़िलहाल संक्रमित लोगों की संख्या भी सिर्फ़ 10 हज़ार ही है। यह तब है जब पाकिस्तान में भारत या दूसरे कई देशों की तरह सख़्त लॉकडाउन नहीं लागू किया गया था। पाकिस्तान की स्वास्थ्य व्यवस्था बहुत ही ख़राब है, फिर भी कोरोना पर ऐसा नियंत्रण ही दुनिया का ध्यान खींच रहा है। तो क्या सच में पाकिस्तान में कोरोना नियंत्रित हो गया?

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एक समय ऐसा था जब पाकिस्तान में भी कोरोना संक्रमण काफ़ी तेज़ी से फैल रहा था। जून महीने में तो हर रोज़ 6 हज़ार से भी ज़्यादा मामले आ रहे थे। लेकिन 20 जून के बाद स्थिति संभली। वर्ल्ड मीटर इन्फ़ो के अनुसार, पाकिस्तान में 23 अगस्त को 591 संक्रमण के मामले, 22 को 586, 21 को 630 और 20 को 513 पॉजिटिव केस आए थे। पिछले एक हफ़्ते में हर रोज़ औसत रूप से 580 संक्रमण के मामले आए। 

ऐसी ही स्थिति कोरोना से मौत के मामले में भी है। कोरोना संक्रमण के मौत के मामले दहाई अंक से नीचे आ गये हैं। पाकिस्तान में अब तक क़रीब 2 लाख 93 हज़ार संक्रमण के मामले आ चुके हैं और 6244 लोगों की मौत हुई है। इन कुल संक्रमित लोगों में से 2 लाख 76 हज़ार से ज़्यादा ठीक हो चुके हैं और फ़िलहाल क़रीब 10 हज़ार ही संक्रमित हैं। 

इस मामले में कहा जाए तो पाकिस्तान में भारत से स्थिति काफ़ी बेहतर है। भारत में अभी हर रोज़ संक्रमण के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं और हाल के दिनों में 60 से 70 हज़ार के बीच संक्रमण के मामले आ रहे हैं।

भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 31 लाख से ज़्यादा हो गई है और अब तक कुल 57 हज़ार से लोगों की मौत हो चुकी है। अभी भी भारत में 7 लाख से ज़्यादा संक्रमित हैं। 

पड़ोसी देश में ऐसा तब है जब आशंका जताई जा रही थी कि पाकिस्तान में स्वास्थ्य व्यवस्था को देखते हुए स्थिति ज़्यादा गंभीर होगी। पाकिस्तान में कोरोना संक्रमण नियंत्रण पर अपेक्षाकृत बेहतर स्थिति पर पाक प्रधानमंत्री इमरान ख़ान भी गदगद दिखे। पिछले हफ़्ते ही इमरान ने दावा किया था कि उनकी सरकार कोरोना वायरस महामारी पर नियंत्रण करने में कामयाब रही है।

पाकिस्तान में कैसे लगाया गया लॉकडाउन?

कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए पूरी दुनिया में लॉकडाउन का सहारा लिया गया। कहीं सख़्ती से इसे लागू किया गया तो कहीं नियंत्रित तरीक़े से। कई देशों में सख़्ती से इसे लागू करने के लिए आलोचना भी की गई। लेकिन पाकिस्तान में अलग मॉडल अपनाया गया। इसका नाम दिया गया 'स्मार्ट लॉकडाउन'। अपने देश की आर्थिक स्थिति बेहद ख़राब होने की वजह से पाकिस्तान ने पूरी तरह से लॉकडाउन लागू नहीं किया। पाकिस्तान ने जहाँ-जहाँ हॉटस्पॉट थे, सिर्फ़ वहीं लॉकडाउन लगाया। इससे फ़ायदा यह हुआ कि आर्थिक गतिविधियाँ सीमित स्तर पर चलती रहीं। पाकिस्तान ने मसजिदों और धार्मिक स्थलों को भी बंद नहीं किया। सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनने जैसे नियमों का पालन किया गया। 

इसी महीने मेडिकल माइक्रोबायोलॉजी और इन्फेक्शयस डिजीज सोसायटी ऑफ़ पाकिस्तान के बयान में कहा गया कि सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों की सलाह पर आधारित 'स्मार्ट लॉकडाउन' कोरोना संक्रमण से निपटने में व्यावहारिक साबित हुआ। 

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इमरान ख़ान ने ख़ुद की पीठ थपथपाई

कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के लिए पिछले हफ़्ते ही अपनी सरकार की पीठ थपथपाते हुए इमरान ख़ान ने कहा था कि जब मुझसे कोरोना महामारी पर काबू पाने के लिए लॉकडाउन लगाने के लिए कहा गया तो मैंने पहले ग़रीबों और समाज के सबसे वंचित तबक़े के बारे में सोचा। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी के कुछ सदस्यों ने भी लॉकडाउन लगाने का सुझाव दिया था, लेकिन मैंने विरोध किया और परिस्थितियों के अनुसार लॉकडाउन लगाया। 

हालाँकि सरकार के विरोधियों का कहना है कि कोरोना की जाँच दर बेहद कम है और युवा आबादी की वजह से यहाँ मौत दर कम है।

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क़मर वहीद नक़वी

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