loader

क्या ख़त्म हो गया खूँखार आतंकी संगठन आईएसआईएस?

सीरिया के रेगिस्तान में आईएसआईएस के कैलिफ़ेट (इस्लामिक राज्य) के आख़िरी पड़ाव ने हथियार डाल दिए। कुछ हज़ार लोग जिनमें नवजात शिशु, औरतें, बच्चे और ज़्यादातर कैलिफ़ेट का सपना रखने वाले विदेशी युवा थे, कतारबद्ध होकर कुर्द सैनिकों के सामने हाथ ऊपर करके जैकेट उतारकर पंक्तियों में खड़े हो गए। उनका सपना ख़त्म होने का आख़िरी पड़ाव सामने था।

आईएसआईएस के आख़िरी लोग थे

कुछ अमेरिकी सैनिक टुकड़ियाँ और आकाश में उड़ रहे टोही विमान इन्हें कवर दे रहे थे। यूरोप के किसी सेंट्रल पार्क जितने इलाक़े में खुले आसमान के नीचे ध्वस्त टेम्परेरी रिहाइशों में से झाँकते आईएसआईएस के ये आख़िरी लोग थे। बघूज़ नामक सीरियाई गाँव के बाहर का यह वह दृश्य था, जहाँ न्यूयॉर्क टाइम्स के लिए पहुँचे दो अख़बारनवीसों के सिवा सिर्फ़ अमेरिकी सैनिक और रेगिस्तान ही उपलब्ध था। इन अखबारनवीसों को भी मीलों दूर से दूरबीन के जरिये ही कार्रवाई देखने की अनुमति थी।

syria civil war US to withdraw all troops from Syria isis - Satya Hindi
आईएसआईएस के आख़िरी अड्डे से मिलीं स्त्रियाँ।

इस्लामी राज्य बनाने के लिए लड़े थे

कुर्द लड़ाकों ने औरतों, बच्चों की अलग कतारें बनवा दी थीं और मर्दों की अलग। मर्दों को लगभग वस्त्रहीन करके फ़िंगरप्रिंट्स वग़ैरह लिए जा रहे थे जिससे उनकी शिनाख़्त हो सके। इन आख़िरी लोगों में ज़्यादातर बाहरी देशों (यूरोप, कनाडा, अफ़्रीका) के नागरिक थे। ये कैलिफ़ैट बनाने के लिए सीरिया में लड़ने आए थे। इनमें से कोई भी स्थानीय गाँव बघूज़ का निवासी नहीं था। कुछ तुर्क थे, कुछ इराकी और बाक़ी यूरोप और उत्तरी अमेरिका के।

किसी तरह रखा ख़ुद को जिंदा

कुर्द लड़ाकों की जाँच के बाद काफ़िला क़रीब पांच सौ मीटर दूर अमेरिकी सैनिकों के पास पहुँचा जिन्होंने फिर से जाँच की, दुबारा फ़िगर प्रिंट्स, फ़ोटोग्राफी हुई, मेडिकल जाँच भी हुई, खाने के कुछ पैकेट भी बाँटे गए क्योंकि आईएसआईएस के इन लोगों ने हफ़्तों यहाँ की स्थानीय वनस्पति को उबाल कर किसी तरह अपने को जिंदा रखा था। तमाम नवजात शिशु और स्त्रियाँ और बच्चे-बूढ़े पहले ही दम तोड़ चुके थे।

रुक्मिणी कॉलिमची नामक अमेरिकी पत्रकार ने अपने ट्विटर हैंडल पर जारी की गई एक स्टोरी में लिखा कि कई औरतों ने उन्हें बताया कि वे लोग पत्तियाँ उबाल कर पीने को मजबूर थे क्योंकि खाने को कुछ नहीं था।

टोरंटो के लॉरेंस हाइट्स की रहने वाली दो बच्चों की 28 वर्षीय माँ दुरे अहमद ने बताया कि वह अल्बर्टा की दूसरी कैनेडियन स्त्री के साथ कैलिफ़ैट बनाने आई थी। उसने अपने स्वेटर काट कर बच्चों के डायपर बनाये थे। उन्होंने एक स्थानीय वीड उगा ली थी जिसकी पत्तियों को खाकर वे जिंदा थीं।

syria civil war US to withdraw all troops from Syria isis - Satya Hindi
रेगिस्तानी वीड, जिसे खाकर ज़िंदा रहे आईएसआईएस के लोग।
आईएसआईएस के इन आख़िरी जीवित लोगों में अज़रबैजान कज़ाख़ और रूस के भी कुछ लोग मिले। कैलिफ़ैट के ये आख़िरी नागरिक थे जिन्होंने अपने स्वप्न संसार में सबसे ज़्यादा समय जीवित रहते हुए गुजारा वरना इनके हज़ारों साथी अपने स्वप्न संसार की लड़ाई लड़ते हुए बेसबब मारे गए। 
रुक्मिणी ने लिखा कि सबसे दर्दनाक वह पल था जब सुरक्षा कारणों से समय पर मेडिकल सपोर्ट न मिल पाने के कारण अमेरिकी सैनिकों के पास पहुँचे औरतों, बच्चों के समूह में से 6 बरस के एक बच्चे ने आख़िरी साँस ली। वह बच्चा मोर्टार हमले में घायल हो गया था।
syria civil war US to withdraw all troops from Syria isis - Satya Hindi
मोर्टार हमले में घायल बच्चा, बाद में जिसकी मौत हो गई। सभी फ़ोटो साभार - @rcallimachi के ट्विटर हैंडल से।
एक औरत जिसकी उम्र 20 बरस के आस-पास रही होगी, एक विस्फ़ोट में उसके सिर में चोट आई थी, कई लोग उसे उठा कर लाए। उसने भी अमेरिकी सैनिकों के पास पहुँचते ही दम तोड़ दिया। कुर्द और अमेरिकी सैनिकों ने उसे वहीं पास में दफ़ना दिया। उसका नमाज़े जनाजा कुर्दों ने ही पढ़ा।

बगदादी को मान लिया था ख़लीफ़ा

एक बूढ़ा अपने बेटे के साथ मिला जिसके परिवार के बीस लोग पिछले महीने एक हवाई हमले में मारे गए थे। वह इराक़ के अनबार इलाके से था। उसे लगा था कि बगदादी ही सारे मुसलमानों का असली ख़लीफ़ा है। बाद में वह रोने लगा कि उसके इस बयान से उसे आईएसआईएस वाला न मान लिया जाए पर वह नहीं बता सका कि वह और उसका परिवार सीरिया के इस रेगिस्तान में आईएसआईएस के क़ब्जे वाले इलाक़े में कैसे और क्या करने आया था?

आईएसआईएस, आइसिल, दाइश आदि नामों से चर्चित इस आतंकी प्रयोग के सिरियन चैप्टर का यह हालिया अंत है पर वह विचार क़ायम है, जिससे आईएसआईएस बनता है।

अमेरिकी सेनाओं के सीरिया छोड़ने का फ़ैसला हो चुका है। ट्रम्प अपनी पीठ ठोक चुके हैं और इस प्रायोजित पागलपन में मारे गए हज़ारों लोगों की लाशें चील खा चुकी हैं। कुछ को आख़िरी सलाम मिला और तमाम इससे भी महरूम रह गए। 

अब दुनिया इस पर बात करेगी और सीरिया के भविष्य के फ़ैसले लेगी। समझना मुश्किल है कि जब चीजें आख़िर में बातचीत से ही हल होती हैं तो जंग होती क्यों है?

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
शीतल पी. सिंह

अपनी राय बतायें

दुनिया से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें