1984 से अमर उजाला, चौथी दुनिया, इंडिया टुडे, समय सूत्रधार, स्वतंत्र भारत, दैनिक जागरण आदि में 1993 तक लगातार रिपोर्टिंग की। इसके बाद पारिवारिक व्यवसाय में क़रीब दो दशक गुज़ारने के बाद पत्रकारिता में पुनर्वापसी को प्रयासरत। बीच में 2010-11 में 'समकाल' पाक्षिक समाचार पत्रिका का क़रीब एक वर्ष प्रकाशन किया ।
देश में एक नई समस्या ने जन्म ले लिया है। वह यह है कि साधुओं की जानमाल पर अचानक ख़तरा बढ़ गया है। पालघर से शुरू हुआ सिलसिला यूपी में मंडरा रहा है और रोज़ कहीं न कहीं ख़बर बन रहा है। हाल-चाल बता रहे हैं शीतल पी सिंह।
वरिष्ठ पत्रकार और चर्चित लेखक हेमंत शर्मा की एक और किताब छप कर बाज़ार में आ गई है। हमेशा की तरह उनकी किताब के शीर्षक ‘एकदा भारतवर्षे’ से उसके कथ्य के पांडित्यपूर्ण होने की झलक मिलती है। इस पुस्तक की सामग्री उनकी पिछली किताबों से एकदम भिन्न शैली की है।
करौली (राजस्थान)में प्रशासन और पुजारी के परिवार में तालमेल बन गया है और परिवार शवदाह के लिये तैयार है । मीडिया और सोशल मीडिया पर एक अभियान चला कर लिबरल ,डेमोक्रेटिक ,बुद्धिजीवियों और विपक्ष को लांछित किया जा रहा था कि वे करौली की उपेक्षा कर रहे थे । सच इससे अलग था , कैसे ? यह बता रहे हैं शीतल पी सिंह
रिया चक्रवर्ती को आज हाईकोर्ट से ज़मानत मिल गई । ज़मानत देने वाले जज ने लिखा कि रिया का ड्रग्स के कारोबार से कोई संबंध नहीं मिला । सुशांत सिंह के लिये ड्रग ख़रीदने पर उन्हें 27a में निरुद्ध नहीं किया जा सकता । इस फ़ैसले के बाद उसके ख़िलाफ़ कई महीनों से चलाए गए टीवी/ट्रोल कैंपेन का पर्दाफ़ाश हो गया है पर क्या उन्हें इस अपराध की सजा भी मिलेगी ? पूछ रहे हैं शीतल पी सिंह
राहुल गांधी और प्रियंका आज सड़कों पर उतर गये । यूपी पुलिस ने उनसे झूमा झटकी की । राहुल इस सबमें गिर भी पड़े । सारे दृष्य सेकेंड्स में सोशल मीडिया और मीडिया पर पसर गये । योगी प्रशासन ने किसी तरह राहुल व प्रियंका को डिटेन करके दावानल रोकने का प्रयास किया । क्या यह उत्तर प्रदेश में विपक्षी क़दमताल की जनस्वीकृति का संदेश है? विश्लेषित कर रहे हैं शीतल पी सिंह
किसानों के भारत बंद का हरियाणा और पंजाब में व्यापक असर पड़ा। बाक़ी देश में सांकेतिक झलकियाँ दिखाई दीं। विपक्षी दलों में वामपंथी दलों की ज़्यादा सक्रियता दिखी। बिहार में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने आंदोलनकारियों पर हमला किया।
सुदर्शन टीवी और उसके मालिक/संपादक चव्हाणके पहली बार कड़ी न्यायिक स्क्रुटिनी के सामने आ पड़े हैं। संयोग से वह सुप्रीम कोर्ट में एक ऐसी बेंच के सामने हैं जो प्रेस की आज़ादी और नागरिक की आज़ादी के सवाल पर बेहद तर्कसंगत रवैये के लिये विख्यात है। हाईकोर्ट से तो चव्हाणके केंद्र सरकार की खुली मदद के चलते बच निकले थे, विश्लेषण कर रहे हैं शीतल पी सिंह।
दिल्ली के दंगों में स्पेशल सेल ने उमर ख़ालिद को कल रात गिरफ़्तार कर लिया है। उन पर यूएपीए लगाया गया है। इस गिरफ़्तारी के ख़िलाफ़ देश-विदेश में व्यापक प्रतिक्रिया हुईं हैं। सुप्रीम कोर्ट के एक हाल ही में रिटायर हुए जस्टिस लोकुर समेत 66 बुद्धिजीवियों ने इसके ख़िलाफ़ बयान दिया है, शीतल पी सिंह का विश्लेषण।
पूर्व CBI चीफ़ नागेश्वर राव ने कहा कि अग्निवेश तेलगू ब्राह्मण समाज के कलंक थे । यमराज ने उन्हें पहले ही क्यों नहीं उठा लिया । उन्होंने भगवा पहनकर हिंदुत्व का बड़ा नुक़सान किया ।किसी की मृत्यु पर इतने ऊँचे ओहदे पर बैठ चुके व्यक्ति की ऐसी प्रतिक्रिया से समाज का सचेत हिस्सा सुन्न हो गया है। रिटायर्ड IAS राजू शर्मा से यही पूछ रहे हैं शीतल पी सिंह
कंगना आज सबसे बड़ी खबर हैं । सीमा पर चीन भी उनके सामने कुछ नहीं है, चीन कुछ किलोमीटर और भारत में धँस आये तो भी शायद ही फ़र्क़ पड़े । राजपूत करणी सेना नाम का एक मिलिटेंट संगठन उनकी जाति की पहचान को लेकर तलवार लेकर मैदान में उतर पड़ा है। उसी से समझने की कोशिश कर रहे हैं शीतल पी सिंह
आज पाँच बजे शाम पूरे देश में बेरोज़गार युवाओं ने सरकार के कान तक अपनी बात पहुँचाने के लिये थालियाँ बजाईं । उन्होंने एक घंटे तक ट्विटर पर ट्रेंड भी कराया और बात सरकार के कान में पहुँच भी गई यह संकेत भी मिला पर मीडिया ज़रा भी न हिला , क्यों ? बता रहे हैं शीतल पी सिंह
डॉ. कफ़ील को रिहा करने का इलाहाबाद हाईकोर्ट का फ़ैसला इस मायने में अहम है कि इसने योगी सरकार की बदनीयती को एक बार फिर से बेनकाब कर दिया है। पेश है सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील अनिल कर्णवाल, पूर्व पुलिस अधिकारी और सामाजिक कार्यकर्ता एस.आर. दारापुरी और वरिष्ठ पत्रकार शीतल पी. सिंह से मुकेश कुमार की बातचीत।
इस बार “मन की बात “ लोगों को बेमन की लगी । ऐसा क्यों हुआ , ऐसा क्या हुआ? मीडिया तो चुप है पर डिजिटल और सोशल मीडिया ने इसका परीक्षण किया । बहुत से लोगों ने जल्दबाज़ी में इसे मोदीजी के कार्यकाल की उलटी गिनती शुरू होना बताया पर बहुत से लोगों ने इसे नकार दिया । इसी बहस पर सवाल उठा रहे हैं शीतल पी सिंह
स्वीडन के माल्मो शहर में हिंसक घटनाओं के चलते भारत में सोशल मीडिया पर घृणा के प्रचार की लहर उठा दी गई है । इसे बेंगलूरू की हालिया घटनाओं से जोड़ा जा रहा है और कहा जा रहा है कि मुसलमान दुनिया के सभ्यतम देशों में भी रहने लायक़ नहीं । इसी मसले की मीमांसा कर रहे हैं शीतल पी सिंह
वह छूटते ही माँ बहन की गालियाँ बकता है पर उसके वीडियोज लाखों लोग देखते हैं। कई कंपनियाँ उसे बढ़ाती हैं वह ऐसे भड़काऊ अश्लील हिंसक वीडियोज रोज़ परोसता है पर कोई क़ानून उसके पीछे नहीं है। कोई अदालत उसे सुओ मोटो तलब नहीं करती! जानिये विकास पाठक उर्फ़ हिंदुस्तानी भाऊ का संसार शीतल पी सिंह के ज़रिये।
एक इंटरव्यू में प्रियंका गाँधी ने कहा है कि काँग्रेस का नेतृत्व गाँधी परिवार के बाहर के नेता को सँभालना चाहिए। उनके इस विचार का क्या मतलब है और साल भर पहले दिया गया ये बयान क्या आज भी प्रासंगिक माना जा सकता है? पेश है वरिष्ठ पत्रकार रामकृपाल सिंह और काँग्रेस मामलों के विशेषज्ञ रशीद किदवई से वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की बातचीत
अभी सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला नहीं आया है लेकिन आरोपी रिया चक्रवर्ती ने भी सीबीआई जाँच के लिये सहमति जताई है बशर्ते कि इसका आदेश सुप्रीम कोर्ट करे । इस मसले पर टेलीविजन चैनलों पर प्रसारित झूठी कहानियों का भी सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही से कुछ रंग ज़रूर बदला है पर बेशर्मी क़ायम है, सुनिये शीतल पी सिंह का ज़ोरदार हस्तक्षेप
बेंगलुरु में फ़ेसबुक पर की गई एक पोस्ट के ख़िलाफ़ जो कुछ हुआ वह भारत के मुसलमानों को अकारण उस कटघरे में ला खड़ा कर देता है जिसके वे हक़दार नहीं । वे पूरे भारत के स्तर पर इस समय उत्पीड़ित हैं पर बेंगलूरू में वे दंगाई हैं । यह जो विरोधाभास है वही आज की दुनिया में मुस्लिम समाज के सामने गंभीर चुनौती है, सुनिये शीतल पी सिंह को
जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर और जस्टिस शाह की तीन सदस्यीय बेंच ने आज सुप्रीम कोर्ट में फ़ैसला दिया कि हिंदू सक्सेशन एक्ट 1956 के वर्ष 2005 में हुए संशोधन में हिंदू लड़कियों को हिंदू युनाइटेड फ़ैमिली में जो लड़कों की तरह संपत्ति पर हक़ में बराबरी दी गई थी वह अब उन सब लड़कियों को प्राप्त होगी जो वर्ष 2005 में इस संशोधन के वक्त जीवित थीं ।भले ही वे इसके पहले पैदा हुई हों । 2005 के संशोधन में यह व्यवस्था उनके लिये थी जो इस संशोधन के लागू होने के बाद पैदा हुई थीं ।
अब तो केंद्रीय चुनाव आयोग ही ऐसी IT कंपनी को सोशल मीडिया कैम्पेन के लिये नियुक्त करता मिला है जिसको सीधे सीधे पी एम समेत बीजेपी के तमाम वरिष्ठ नेताओं के अकाउंट हैंडल करते देखा जा सकता है जो केंद्र सरकार के डिजिटल इंडिया नामक कैंपेन की संचालक है ! स्वायत्तता क्या शब्द भर है पूछ रहे हैं शीतल पी सिंह
कुल ६४ बरस पूरे कर सके अमर सिंह । सिंगापुर के एक अस्पताल में उन्होंने आख़िरी साँस ली । उन्होंने राजनीति में मर्यादा नामक शब्द को अप्रासंगिक कर दिया । वे सफलता के लिये कुछ भी कर सकते थे । क्लिंटन तक को वे अपनी खाने की मेज़ पर मेहमान रख कर दिखा चुके थे पर आख़िरी वर्षों में अस्वस्थता ने उनकी चमक फीकी कर दी थी ।
मीडिया के ज़रिए सरकार देश के हाल से ध्यान बँटाने में कामयाब है । रिटायर्ड IAS राजू शर्मा, अर्थशास्त्र के प्रोफ़ेसर सुरजीत दास और वरिष्ठ पत्रकार शरद गुप्ता से शीतल के सवालों का यही निष्कर्ष है । केंद्र सरकार ने राज्यों को जीएसटी का उनका हिस्सा तक देने से फ़िलहाल मना कर दिया है पर मीडिया चीन रफाल राम मंदिर पर ही केंद्रित है । ऐसा क्यों है?
महाराष्ट्र से खबर आई है कि राज्य चुनाव आयोग ने अपने सोशल मीडिया प्रचार प्रसार के लिये जिस कंपनी का चुनाव किया उसका संचालन बीजेपी की युवा शाखा का महाराष्ट्र इकाई का आईटी सेल का हेड करता है । वही कंपनी बीजेपी के प्रचारात्मक सोशल मीडिया पेजों और केंद्रीय सरकार के इस्पात मंत्रालय के सोशल मीडिया का प्रचार प्रसार भी करती है । यह सिर्फ़ संयोग है या षड्यंत्र? देखिए सुनिये शीतल के सवाल
पड़ोस में इस बार पाकिस्तान की चर्चा है। बाघा बॉर्डर से होकर अफ़ग़ानिस्तान के मेवे अब भारत पहुँच सकेंगे लेकिन भारतीय सामान अभी भी पाकिस्तान के सड़क मार्ग से होकर काबुल नहीं जा सकता? कुलभूषण का मुद्दा भी भारत पाकिस्तान के बीच रिश्तों की कड़वाहट और बढ़ाता रहा है, उसमें क्या हो रहा है और क्या हो सकता है आदि पर टिप्पणी कर रहे हैं दानिश्वर विभूति नारायण राय।
हम पीछे की ओर क़दमताल करते लग रहे हैं । धीरे धीरे लोकतंत्र की चूलें ढीली हो रही हैं और हम तिस पर भी तालियाँ बजा रहे हैं । अजब वक्त है कि जब पूरा समाज कालिदास हो गया है जिस पेड़ पर बैठा है उसी को काट कर खुश है । हम पुलिस को नागरिकों की हत्या करने का हक़ कैसे दे सकते हैं ? सुनिये रिटायर्ड IPS अफ़सर वी एन राय जी को