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बीजेपी नेता हिमंत बिस्व सरमा पर चुनाव प्रचार करने पर प्रतिबंध

असम में बीजेपी नेता और मंत्री हिमंत बिस्व सरमा पर 48 घंटे के लिए चुनाव प्रचार पर रोक लगा दी गई है। उनपर यह पाबंदी बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट के नेता के ख़िलाफ़ एनआईए के माध्यम से जेल भेजने की धमकी देने के लिए लगाई गई है। असम में तीसरे और आख़िरी चरण का मतदान मंगलवार को है। इसका मतलब है कि सोमवार को चुनाव प्रचार बंद हो जाएगा और पाबंदी लगने की वजह से सरमा दो दिन तक यानी रविवार तक वह कोई चुनाव प्रचार नहीं कर पाएँगे। असम में बीजेपी के लिए हिमंत बिस्व सरमा ही बीजेपी के मुख्य रणनीतिकार हैं। वह राज्य में बीजेपी के स्टार कैंपेनर हैं।

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इस मामले में चुनाव आयोग ने शुक्रवार रात को आदेश जारी किया। इसने कहा है कि यह आदेश तुरत प्रभाव से लागू होगा। कांग्रेस ने सरमा के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई थी। इसने आरोप लगाया था कि हिमंत बिस्व सरमा ने खुलेआम बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट के नेता हाग्रामा मोहिलरी को धमकी दी थी कि एनआईए का 'ग़लत' इस्तेमाल करते हुए जेल भेज देंगे। बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट विपक्षी गठबंधन का एक सदस्य है।

रिपोर्ट के अनुसार हिमंत बिस्व शर्मा ने 28 मार्च को वह आपत्तिजनक बयान दिया था। उन्होंने कहा था, '...अगर हाग्रामा मोहिलरी अतिवाद करता है ... वह जेल जाएगा। यह सीधी बात है... पहले से ही बहुत सारे सबूत मिले हैं। यह मामला एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) को दिया जा रहा है। कोकराझार में एक कार में हथियारों की बरामदगी के मामले को एनआईए को दिया जा रहा है। किसी को भी बोडोलैंड टेरिटोरियल रीजन में अशांति करने की अनुमति नहीं दी जाएगी, भले ही वह हाग्रामा हो ...'

चुनाव आयोग ने एक दिन पहले ही सरमा के ख़िलाफ़ कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इसके जवाब में सरमा ने आज जवाब दाखिल किया था। चुनाव आयोग ने उनके जवाब को संतोषजनक नहीं पाया।
चुनाव आयोग ने अपने आदेश में कहा, '... आयोग बीजेपी नेता और स्टार प्रचारक हिमंत बिस्वा सरमा द्वारा दिए गए अभद्र बयानों की कड़ी निंदा करता है... आयोग उन्हें मीडिया में (इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट, सोशल मीडिया, आदि) इस चुनाव प्रचार से जुड़े किसी भी सार्वजनिक सभा, जुलूस, रैली, रोड शो, साक्षात्कार और सार्वजनिक बात करने से तत्काल प्रभाव से 48 घंटों के लिए रोक लगाता है।'
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क़मर वहीद नक़वी

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