loader

क्या बिहार सरकार ने 80 हज़ार करोड़ का घपला किया है?

क्या बिहार सरकार ने 80 हज़ार करोड़ रुपए का घपला किया है? यह सवाल इसलिए उठ रहा है कि नियंत्रक व महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने कहा है कि राज्य सरकार ने बार-बार कहने के बावजूद 79,690 करोड़ रुपए की उपयोगिता का प्रमाण पत्र नहीं दिया है। 

सीएजी ने दूसरे कई तरह की खामियाँ भी उजागर की है और कहा है कि 9,155 करोड़ की अग्रिम राशि की डीसी बिल पेश नहीं की है। महालेखाकार ने आशंका जताई है कि यह पूरा मामला पैसे के दुरुपयोग और गबन के जोखिम से भरा हो सकता है।

बिहार के  वित्त मंत्री और उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने बिहार विधान सभा में सीएजी की यह रिपोर्ट पेश की।

ख़ास ख़बरें

ऑडिट नहीं

सीएजी की इस रिपोर्ट के अनुसार, राज्य सरकार के दिए हुए करीब 18,872 करोड़ रुपये के उपयोग का ऑडिट पिछले कई वर्षों से नहीं हुआ है। 

इसके अलावा इस रिपोर्ट में 2019-20 के दौरान पहली बार 1784 करोड़ के राजस्व घाटे की पुष्टि की गयी है। इसके अलावा राजस्व उगाही में भी 7561करोड़ की कमी आई जो बजट आकलन से 29.71 प्रतिशत कम था।

सरकार का जवाब

नीतीश कुमार सरकार ने सीएजी की रिपोर्ट पर जवाब देते हुए किसी तरह की अनियमितता से इनकार कर दिया है। 

उसने कहा है कि सीएजी की रिपोर्ट में कुछ भी चौंकाने वाला नहीं है। सरकार ने सफाई देते हुए कहा है कि जहाँ तक 80 हज़ार करोड़ के खर्च का हिसाब नहीं देने का जिक्र है, वह  पंचायती राज या शिक्षा या समाज कल्याण विभाग से संबधित हैं। यह पिछले कई वर्षों से लंबित रहा है, लेकिन यह कहना ग़लत है कि पैसे का गबन किया गया है।

सरकार ने यह भी कहा है कि उसके कई  उपक्रमों का ऑडिट कई दशकों से नहीं हुआ है और इस राशि का समायोजन करना बेहद मुश्किल है। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

बिहार से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें