सियासी हलक़ों में यह कयास तेज़ हो गया है कि लोक जनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान राष्ट्रीय जनता दल के क़रीब आ रहे हैं।
पहले भी राजद के नेता तेजस्वी यादव ने चिराग पासवान से अपील की थी कि वे बीजेपी को छोड़ कर उनके साथ आ जाएं।
लेकिन इस राजनीतिक समीकरण को और मजबूती तब मिली जब मंगलवार को राजद के सुप्रीमो व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने कहा कि वे चाहते हैं कि चिराग पासवान और तेजस्वी यादव एक हो जाएं।
क्या करेंगे चिराग?
चिराग पासवान को उनकी ही पार्टी के पाँच सदस्यों ने संसदीय नेता के पद से हटा दिया है। उनके चाचा पशुपति पारस समेत पाँच सांसद एक साथ हैं और केंद्र सरकार के साथ हैं।
पिछले मंत्रिमंडल विस्तार में पशुपति पारस को केंद्रीय मंत्री बनाया गया, जबकि चिराग पासवान को उस पद का दावेदार माना जा रहा था।
पिता रामविलास पासवान के निधन के बाद चिराग पासवान को उनका उत्तराधिकारी समझा ही जा रहा था कि मत्रिमंडल विस्तार के ठीक पहले उनकी पार्टी में बग़ावत हुई और उन्हें संसदीय दल के नेता पद से हटा दिया गया।
इसके बाद ही तेजस्वी ने रामविलास पासवान की तारीफ करते हुए कहा था कि चिराग पासवान को बीजेपी का साथ छोड़ कर उनके साथ जुड़ना चाहिए।
मंगलवार को लालू प्रसाद यादव ने कहा,
“
लोक जनशक्ति पार्टी में चाहे जो हुआ हो, पर चिराग अभी भी पार्टी के नेता हैं। मैं चाहता हूं कि वे और तेजस्वी एक हो जाएं।
लालू प्रसाद यादव, नेता, राष्ट्रीय जनता दल
लालू-मुलायम मुलाक़ात
एक दूसरे अहम राजनीतिक घटनाक्रम में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री ने समाजवादी पार्टी के मौजूदा प्रमुख अखिलेश यादव और उनके पिता मुलायम सिंह यादव से भी मुलाक़ात की।
ख़ुद लालू प्रसाद यादव ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। दोनों नेताओं के बीच क्या बात हुई, इसका पता नहीं चल सका है, पर किसी राजनीतिक विचार विमर्श से इनकार नहीं किया जा सकता है।
वरिष्ठ समाजवादी नेता शरद भाई से मुलाक़ात कर स्वास्थ्य लाभ संबंधित जानकारी प्राप्त की।
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) August 3, 2021
सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक और राजनीतिक असमानता के विरुद्ध हमारा लंबा संघर्ष रहा है। हम समाजवादियों का संघर्ष ही संस्कार है। सांप्रदायिकता और ग़ैर-बराबरी के ख़िलाफ अंतिम दम तक लड़ाई जारी रहेगी। pic.twitter.com/W93QWwa5wI
इसकी एक वजह यह भी है कि उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं और तेजस्वी यादव ने उसमें समाजवादी पार्टी का समर्थन करने का एलान पहले ही कर दिया है।
समझा जाता है कि तेजस्वी उत्तर प्रदेश जाकर समाजवादी पार्टी के पक्ष में चुनाव प्रचार करें और यह भी मुमकिन है कि कुछ सीटों पर उनकी पार्टी अखिलेश की मदद से चुनाव भी लड़े।
राष्ट्रीय जनता दल का उत्तर प्रदेश की राजनीति में कोई ख़ास स्थान नहीं है, पर उसके समर्थन का सांकेतिक महत्व है।
लालू-पवार मुलाक़ात
इसके पहले लालू प्रसाद यादव ने नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार से भी मुलाक़ात की थी।
यह मुलाक़ात ऐसे वक़्त में हुई, जब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने दिल्ली दौरे के दौरान विपक्षी दलों के नेताओं के साथ ताबड़तोड़ मुलाक़ात कर रही थीं।
इस मुलाक़ात में लालू और पवार के अलावा एक और अहम शख़्स मौजूद रहे जिनका नाम प्रोफ़ेसर रामगोपाल यादव है। मुलायम सिंह के भाई रामगोपाल यादव मज़बूती से अपने भतीजे अखिलेश यादव के साथ खड़े हैं।
रामगोपाल की इस मुलाक़ात में मौजूदगी ये बताती है कि इस चुनाव में 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर भी बात ज़रूर हुई होगी।
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