छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी के ज़िला ईकाई के उपाध्यक्ष जगत पुजारी और दूसरे लोगों को माओवादियों को ट्रैक्टर आपूर्ति करने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया है। पुलिस के अनुसार पुजारी कम से कम एक दशक से माओवादियों को सामान की आपूर्ति करने में शामिल रहे हैं। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार ये आरोपी उस माओवादी नेता अजय अलामी को ट्रैक्टर देने वाले थे जिसकी गिरफ़्तारी पर पाँच लाख रुपये का ईनाम घोषित है। ट्रैक्टर और 9 लाख 10 हज़ार रुपये जब्त किए गए हैं।
यह मामला छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा क्षेत्र का है। यह राज्य में सबसे ज़्यादा माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में से एक है। पुलिस अधीक्षक का कहना है कि मोबाइल फ़ोन को इंटरसेप्ट कर लंबे समय से पुलिस पुजारी समेत कुछ संदिग्धों पर नज़र रख रही थी।
फ़ोन पर हुई बातचीत के आधार पर ही पुलिस माओवादियों और उनसे जुड़े लोगों को पकड़ने के लिए जाल बिछा रही थी। 'एनडीटीवी' से बातचीत में दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव ने कहा, 'पिछले कुछ महीनों से हम कई माओवादी नेताओं के कॉल को इंटरसेप्ट कर रहे हैं, जिनमें अलामी और पुजारी का सेल नंबर कई बार सामग्रियों की आपूर्ति के लिए भी सामने आया था। हाल ही में, अलमी ने पुजारी से कहा था कि उन्हें एक ट्रैक्टर की ज़रूरत है, जिसे खरीदना होगा। पुजारी ने उसके भुगतान के लिए सहमति जताई। उन्होंने कहा कि उन्हें किसी ऐसे व्यक्ति की आवश्यकता होगी जिसके दस्तावेज़ों का उपयोग खरीद के लिए किया जा सके। इसलिए उन्होंने रमेश उसेंडी को इससे जोड़ा जिनकी पत्नी अलामी गाँव से हैं।'
इस सूचना के आधार पर पुलिस ने गिडम के पास दो स्थानों पर बैरिकेड लगा दिए और सभी नए ट्रैक्टरों को रोक दिया। पुलिस के अनुसार, रोके जाने पर उसेंडी पैसे के स्रोत के बारे में नहीं बता सके और यह भी कि उनके पास कागजात क्यों नहीं थे। एसपी के अनुसार, उसेंडी ने कहा कि वह ट्रैक्टर को जगत के कहने पर ले जा रहा था।
पुलिस अधीक्षक पल्लव ने कहा, 'पूछताछ के दौरान जगत ने कबूल किया कि वह 10 वर्षों से माओवादियों को माल की आपूर्ति कर रहा है।' उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी खुफिया जानकारी जुटाने के महीनों बाद की गई। पुलिस को पहले जानकारी मिली थी कि पुजारी माओवादियों को वर्दी, जूते, कागज, प्रिंटर, कारतूस, बैटरी और रेडियो सेट की बड़ी खेप सप्लाई करने में शामिल था, लेकिन उसके ख़िलाफ़ कोई सबूत नहीं था।
उन्होंने कहा कि हमें पता चला कि जगत पुजारी माओवादियों से मिलते हैं और सक्रिय रूप से हंदवाड़ा के अंदरूनी इलाकों में ग्रामीणों के माध्यम से सामग्री भेजते हैं। पुलिस का कहना है कि अब यह जाँच का विषय है और इस मामले में अधिक गिरफ्तारियाँ हो सकती हैं।
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