दिल्ली में शनिवार शाम को आये एग्जिट पोल्स ने बीजेपी को हिला दिया है। 22 साल से दिल्ली की सत्ता से दूर रही बीजेपी को इस बार पूरी उम्मीद है कि वह सरकार बनाएगी लेकिन एग्जिट पोल इसकी गवाही नहीं देते। सभी चैनलों के एग्जिट पोल में पूर्ण बहुमत से आम आदमी पार्टी की सरकार बनने की बात कही गई है। एग्जिट पोल आने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार शाम को दिल्ली के सांसदों और वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई।
बीजेपी ने शाह की अगुवाई में आक्रामक चुनाव लड़ा और नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ शाहीन बाग़ में चल रहे धरने को मुद्दा बनाया। बीजेपी के तमाम नेताओं के बयान शाहीन बाग़ के धरने और प्रदर्शनकारियों तक ही सिमटे रहे।
अमित शाह तमाम जनसभाओं में कहते रहे कि ईवीएम का बटन इतने ग़ुस्से में दबाएं कि बटन यहां दबे और करंट शाहीन बाग़ में लगे। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने शाहीन बाग़ को तौहीन बाग़ कहा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केजरीवाल सरकार पर शाहीन बाग़ में बैठे प्रदर्शनकारियों को बिरयानी खिलाने का आरोप लगाया। इस तरह यह आंदोलन पार्टी नेताओं के निशाने पर रहा।
आम आदमी पार्टी को 2015 के विधानसभा चुनाव में 67 सीटों पर जीत मिली थी और इस बार भी एग्जिट पोल दिल्ली में उसकी आंधी आने और बीजेपी के प्रदर्शन में मामूली सुधार होने का दावा कर रहे हैं।
इंडिया टुडे-एक्सिस माइ इंडिया के एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी को 59-68, बीजेपी को 2-11 और कांग्रेस को 0 सीटें मिलने की बात कही गई है। इस एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी को 56 फ़ीसदी, बीजेपी को 35 फ़ीसदी और कांग्रेस को 5 फ़ीसदी वोट मिलने की बात कही गई है। रिपब्लिक टीवी-जन की बात एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी को 48 से 61, बीजेपी को 9 से 21 और कांग्रेस को 1 सीट मिलने की बात कही गई है। इसी तरह टीवी-9 सिसेरो के एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी को 54 सीटें, बीजेपी को 15 और कांग्रेस को सिर्फ 1 सीट मिलने की बात कही गई है। एबीपी-सी वोटर के एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी को 49 से 63 सीटें, बीजेपी को 5 से 19 और कांग्रेस को 0-4 सीटों पर जीत मिलने की बात कही गई है।
बीजेपी को लगेगा तगड़ा झटका
अगर एग्जिट पोल सही साबित होते हैं तो यह बीजेपी के लिये बहुत बड़ा झटका साबित होगा क्योंकि पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद अमित शाह से लेकर राजनाथ सिंह, जेपी नड्डा और कई केंद्रीय मंत्री और सांसद दिल्ली की गलियों की खाक छानते रहे। पार्टी ने शाहीन बाग़ को मुद्दा बनाकर धार्मिक आधार पर ध्रुवीकरण की भी कोशिश की लेकिन एग्जिट पोल बताते हैं कि उसकी यह कोशिश कामयाब नहीं रही है। हालांकि पार्टी के नेता एग्जिट पोल को सही नहीं बता रहे हैं और ऐसे में सभी को 11 फ़रवरी का इंतजार है।
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