पाँच राज्यों के विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हो चुका है और 11 दिसंबर को पता चलेगा कि किसको मिलेगी कुर्सी और किसे मिलेगा वनवास। लेकिन आज शाम जो एग्ज़िट पोल आए हैं, उनसे कुछ-कुछ संकेत मिलता है कि कहाँ किसके सत्ता में आने की ज़्यादा संभावना है। आइए, नीचे देखते हैं एग्ज़िट पोल के राज्यपाल अनुमान।
मध्य प्रदेश में काँटे की टक्कर
एग्जि़ट पोल से साफ़ संकेत मिलता है कि मध्य प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस के बीच काँटे की टक्कर है। लेकिन कांग्रेस को हल्की बढ़त मिलती दिख रही है। कुल सात पोल में चार में कांग्रेस और दो में बीजेपी को आगे दिखाया गया है, एक में बराबर का मामला है। पोल के औसत के मुताबिक़, राज्य में कांग्रेस को 108 से 115 सीटें मिलने की संभावना है जबकि बीजेपी को यहां 105 से 112 सीटें मिल सकती हैं। बहुजन समाज पार्टी सिर्फ़ 2 सीटों पर रुक सकती है। दोनों बड़ी पार्टियाँ बहुमत यानी 115 सीटों के टारगेट के क़रीब हैं। चूँकि एग्ज़िट पोल के अनुमानों में दस-पाँच का प्लस-माइनस हो सकता है, इसलिए कुछ भी सीटें इधर-उधर हुईं तो कोई भी दल बाज़ी मार सकता है। अनुमानों से ऐसा लगता है कि मध्य प्रदेश में ऐंटी-इन्कम्बेन्सी का बहुत असर नहीं पड़ रहा है हालाँकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को कांग्रेस से इतनी कड़ी चुनौती पहले कभी नहीं मिली। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की वापसी?
इन एग्ज़िट महापोल पर यक़ीन किया जाए तो छत्तीसगढ़ में भी बीजेपी की स्थिति अच्छी नहीं है। सात पोलों के औसत के अनुसार यहाँ इसे विधानसभा की 90 सीटों में इसे 38 से 42 सीटों पर कामयाबी मिल सकती है। विपक्ष में बैठी कांग्रेस को 43 से 47 सीटें मिल सकती हैं। यहाँ हुए सात पोल में से चार में कांग्रेस को जीतता हुआ या आगे दिखाया गया है जबकि बीजेपी तीन में आगे है। बहुजन समाज पार्टी और अजित जोगी की छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस को 5 सीटें हासिल हो सकती हैं। यहाँ बहुमत पाने के लिए किसी भी दल को 46 सीटें जीतनी होंगी। रमन सिंह यहां बीते15 साल से सत्ता में बने हुए हैं। समझा जाता है कि लगातार लंबे समय तक सरकार में बने रहने को जनता अब और स्वीकार नहीं करेगी।
राजस्थान में सभी एग्ज़िट पोल में कांग्रेस आगे
राजस्थान का इतिहास है कि इसके वोटरों ने लगातार दो बार किसी दल को सत्ता में नहीं पहुँचाया है। इस बार भी ऐसा ही होता दिख रहा है और सत्ताधारी बीजेपी हार की ओर बढ़ रही है। यहाँ कांग्रेस के जीतने की पूरी संभावना है। छह एग्ज़िट पोल के आधार पर कहा जा सकता है कि सूबे में कांग्रेस 114 से 119 सीटें जीत कर बहुमत हासिल कर लेगी, बीजेपी को 72 से 77 सीटों पर संतोष करना होगा। यहाँ विधानसभा की 199 सीटों पर चुनाव हुए हैं और बहुमत के लिए 100 सीटों की ज़रूरत है। राजस्थान में बीजेपी की स्थिति शुरु से ही डाँवाडोल रही है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिन्धिया को पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व का साथ तो मिला, पर वे अपने ही दल के एक वर्ग के बीच अलोकप्रिय रही हैं। उनके कामकाज की शैली की आलोचना होती रही है। चुनावों पर शायद इसका बहुत असर पड़ा है। तेलंगाना में होगी केसीआर की ज़बरदस्त वापसी
एग्ज़िट पोल के आधार पर यह कहा जा सकता है कि समय से पहले विधानसभा भंग करने का मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव का फ़ैसला उनके लिए सही था। उनका यह दाँव सही बैठ सकता है और उनकी पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति बहुमत की सीमा रेखा से काफ़ी आगे निकलने में कामयाब हो जाएगी। उसे राज्य विधानसभा की 119 सीटों में से 65 से 74 के बीच सीटें मिल सकती हैं। यहाँ बहुमत के लिए 61 सीटें ज़रूरी हैं। कांग्रेस की अगुवाई वाले पीपल्स फ़्रंट को 32 से 37 सीटों से संतुष्ट होना पड़ सकता है। यहाँ बीजेपी को 4-5 सीटों पर जीत मिलने की संभावना है।केसीआर ने इस बार तेलंगाना राष्ट्रवाद का मुद्दा उठाया था और लोगों से इसी आधार पर वोट माँगा था। इसके अलावा उन्होंने इस बार कई स्कीमों की घोषणा भी की थी। कांग्रेस ने पीपल्स फ़्रंट बनाया था, पर शायद उसके नेता लोगों को अपनी बात पूरी तरह नहीं समझा पाए। इससे पूरे देश में बीजेपी के ख़िलाफ़ एक राष्ट्रीय मोर्चा बनाने की कांग्रेस की मुहिम को धक्का लग सकता है।
मिज़ोरम में त्रिशंकु विधानसभा?
पूर्वोत्तर के छोटे राज्य मिज़ोरम में इस बार त्रिशंकु विधानसभा बन सकती है। इस राज्य में दो एग्ज़िट पोल सामने आए हैं, दोनों में ही मिज़ो नैशनल फ़्रंट यानी एमएनएफ़ को बहुमत मिलता हुआ दिखाया गया है। इसे 40 सदस्यों वाली विधानसभा में 16 से 21 सीटों पर आगे देखा जा सकता है। लेकिन रिपब्लिक टीवी-सी वोटर के पोल में कांग्रेस भी बहुत पीछे नहीं है।
अपनी राय बतायें