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झंडा लगाने के लिए हेलीकॉप्टर से झूला तो फांसी पर लटका क्यों बताया गया?

अफ़ग़ानिस्तान में उड़ते हुए हेलीकॉप्टर से एक व्यक्ति के लटकने वाला वीडियो आपने देखा क्या? कहीं आपने भी इसको हेलीकॉप्टर से फांसी पर लटकाए जाने की ख़बर तो नहीं मान लिया? यह सवाल इसलिए कि दक्षिणपंथी विचारों वाला ऑपइंडिया और मुख्यधारा मीडिया के साथ-साथ बड़े-बड़े न्यूज़ चैनलों के संपादकों ने भी हेलीकॉप्टर से फांसी पर लटकाए जाने का दावा किया है। 

ऐसा करने वालों में ज़ी न्यूज़ के प्रमुख संपादक सुधीर चौधरी और इंडिया टुडे के कार्यकारी संपादक शिव अरूर भी शामिल हैं। सुधीर चौधरी ने ट्वीट किया है, 'एक और ऐतिहासिक तसवीर दुनिया को आतंक के नए युग में ले जा रही है। तालिबान ने अमेरिकी ब्लैकहॉक हेलीकॉप्टर से एक व्यक्ति को फांसी पर लटका दिया, जिसे अमेरिकी दुभाषिया माना जाता है। अमेरिका के बचे हुए हेलीकॉप्टरों का अब इस तरह अफ़ग़ानिस्तान में इस्तेमाल किया जाएगा।'

हालाँकि शिव अरूर ने अपने पहले के दावे का तो बाद में सुधार कर लिया और बीबीसी की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए माना कि हेलीकॉप्टर से लटकता हुआ व्यक्ति दरअसल गवर्नर बिल्डिंग पर झंडा लगाने की कोशिश कर रहा था। अब इस मामले में काफ़ी ज़्यादा स्थिति साफ़ होने के बाद भी सुधीर चौधरी ने ऐसी कोई सफ़ाई नहीं दी है। 

ऐसा तब है जब कल ही तालिबान ने अपने आधिकारिक अकाउंट से एक वीडियो ट्वीट किया था, जिसमें एक उड़ते हुए हेलीकॉप्टर से रस्सी के सहारे एक व्यक्ति लटक रहा था। तालिबान ने कहा था कि उसका हेलीकॉप्टर कांधार शहर में गश्त कर रहा है। इसके बावजूद हेलीकॉप्टर से लटकते एक व्यक्ति के इस वीडियो को बड़े-बड़े मीडिया समूहों ने उसे फांसी पर चढ़ाना ही मान लिया। 

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इसकी पड़ताल फैक्ट चेक करने वाली वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ ने की है। इसने लिखा है कि ट्विटर पर पश्तो भाषा में हेलीकॉप्टर से लटकते व्यक्ति के बारे में सर्च करने पर अलग-अलग ट्विटर हैंडल पर अलग-अलग कई वीडियो दिखे। कई वीडियो में तो साफ़ तौर पर देखा जा सकता है कि हेलीकॉप्टर से लटकता व्यक्ति अपना हाथ हिला रहा है। एक वीडियो में देखा जा सकता है कि हेलीकॉप्टर से रस्सी उस व्यक्ति की कमर के आसपास के हिस्सों में बंधी है, न कि उसके गले में। 

कुछ वीडियो में हेलीकॉप्टर से लटके उस व्यक्ति की गतिविधि को देखकर कहा जा सकता है कि वह व्यक्ति ज़िंदा है, न कि मरा हुआ। 

इस संदर्भ में अफ़ग़ानिस्तान की एक न्यूज़ एजेंसी अस्वाका ने भी उस मामले से जुड़ा एक वीडियो ट्वीट किया है, लेकिन उसने फांसी लगाए जाने जैसी घटना का ज़िक्र या दावा नहीं किया है। ऑल्ट न्यूज़ ने लिखा है कि जब उसने अस्वाका न्यूज़ एजेंसी से संपर्क किया तो उसने इसकी पुष्टि की कि हेलीकॉप्टर से लटका वह व्यक्ति गवर्नर बिल्डिंग पर तालिबान का झंडा लगाने की कोशिश कर रहा था। रिपोर्ट के अनुसार अस्वाका ने कहा, 'हमारे पास वहाँ एक टीम है, उन्होंने पुष्टि की है कि कंधार में गवर्नर बिल्डिंग में ध्वज को लगाने के लिए व्यक्ति को हेलीकॉप्टर से झूलाया गया था।'

स्थानीय पत्रकार सादिकुल्ला अफ़ग़ान ने भी एक वीडियो पोस्ट किया था जिसमें एक व्यक्ति को हेलीकॉप्टर से झूलते दिखाया गया था। उन्होंने बताया कि वह व्यक्ति तालिब था और 100 मीटर के खंभे पर झंडा लगाने की कोशिश कर रहा था।

अफ़ग़ान के एक अन्य पत्रकार ने ट्वीट किया कि वह उस अफ़ग़ान पायलट से परिचित हैं जो हेलीकॉप्टर उड़ा रहा था। उन्होंने हेलिकॉप्टर से लटके व्यक्ति की पहचान तालिबानी लड़ाके के रूप में की, जो इसलामी संगठन के झंडे को लगाने का प्रयास कर रहा था, लेकिन वह असफल रहा।

वाशिंगटन पोस्ट के लिए फैक्ट चेक करने वाले ग्लेन केसलर ने ट्वीट किया कि कैसे इंटरनेट पर इस कहानी को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। उन्होंने ट्वीट में लिखा, 'देखिए कि इंटरनेट पर चीजें कैसे घुम जाती हैं। आप जानते हैं कि ब्लैकहॉक हेलीकॉप्टर से किसी को कथित तौर पर लटकाने वाली वह तसवीर हर जगह ट्वीट की गई थी। इसे गढ़ा गया। यह वीडियो 'FJ' से लिया गया है, लेकिन उनके मूल वीडियो में ऐसा नहीं कहा गया है...।'

'FJ' ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा था, 'कसम से मुझे नहीं पता कि यहाँ क्या हो रहा है।' बाद में यह वीडियो अन्य जगह शेयर किया गया और फिर यह बात गढ़ दी गई कि फांसी पर लटकाया गया। बता दें कि यह वीडियो इस ग़लत सूचना के साथ दुनिया भर में वायरल हुआ। 

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क़मर वहीद नक़वी

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