loader

जाति सूचक टिप्पणी के मामले में युवराज सिंह गिरफ़्तार, मिली जमानत

जातिसूचक टिप्पणी करने के मामले में पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह को हरियाणा पुलिस ने बीते शनिवार को गिरफ़्तार कर लिया। हालांकि उन्हें उसी दिन जमानत भी मिल गई। युवराज पर आरोप था कि उन्होंने जून, 2020 में इंस्टाग्राम पर लाइव वीडियो में बातचीत के दौरान साथी क्रिकेटर युजवेंद्र चहल पर जातिसूचक टिप्पणी की थी। 

इसे लेकर विवाद होने पर उन्होंने माफ़ी मांगी थी और कहा था कि उनका ऐसा करने का कोई इरादा नहीं था। उस दौरान युवराज सिंह क्रिकेटर रोहित शर्मा से बात कर रहे थे। 

युवराज सिंह की इस टिप्पणी का जबरदस्त विरोध हुआ था। सोशल मीडिया पर लोगों ने उनकी खासी लानत-मलानत की थी। 

ताज़ा ख़बरें

हरियाणा के हांसी इलाक़े की पुलिस अफ़सर नितिका गहलोत ने एनडीटीवी को बताया कि अदालत के आदेश के मुताबिक़, युवराज सिंह को गिरफ़्तार किया गया और उन्हें जमानत दे दी गयी। हालांकि युवराज सिंह के वकील का कहना है कि उनके मुवक्किल को गिरफ़्तार नहीं किया गया। 

दर्ज कराई थी शिकायत 

युवराज सिंह के ख़िलाफ़ हरियाणा के दलित कार्यकर्ताओं ने शिकायत दर्ज कराई थी और एसएसी-एसटी एक्ट में मुक़दमा दर्ज कर उनकी गिरफ़्तारी की मांग की थी। इसके बाद अदालत के आदेश पर पूर्व क्रिकेटर के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की गई थी। 

हरियाणा से और ख़बरें

दलित कार्यकर्ता रजत कलसान ने कहा कि पुलिस इस मामले में हिसार की अदालत में रिपोर्ट जमा करेगी और युवराज सिंह को वहां से नियमित जमानत लेनी होगी। 

उन्होंने एनडीटीवी से कहा कि वे पूरी कोशिश करेंगे कि युवराज का दोष सिद्ध हो क्योंकि पूर्व क्रिकेटर ने पूरे समुदाय का अपमान किया है। उन्होंने कहा कि युवराज को मिली जमानत को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी। 

‘मुझे ग़लत समझा गया’

युवराज ने वीडियो जारी कर कहा था कि अगर अनजाने में उन्होंने किसी का दिल दुखाया है तो वे इसके लिए माफ़ी मांगते हैं। पूर्व क्रिकेटर ने कहा था कि उन्हें ग़लत समझा गया। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

हरियाणा से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें