loader

एम्स की रिपोर्ट : सुशांत सिंह राजपूत की हत्या नहीं हुई, आत्महत्या का मामला

कई सुपर हिट फ़िल्मों के मशहूर अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की संदेहादस्पद स्थितियों में हुई मौत का मामला अभी ढंडा नहीं हुआ है, बल्कि यह घूम कर एक बार फिर वहीं पहुँच गया, जहाँ जाँच शुरू हुई थी। ऑल इंडिया इंस्टीच्यूट ऑफ़ मेडिकल साइसेंज ने सुशांत सिंह की हत्या की संभावनाओं को सिरे से खारिज कर दिया है। डॉक्टरों की एक टीम ने केंद्रीय जाँच ब्यूरो को सौंपी एक रिपोर्ट में अभिनेता को ज़हर दिए जाने या गला घोंटने की आशंकाओं से इनकार किया है।

गर्लफ्रेन्ड पर गंभीर आरोप

याद दिला दें कि 14 सितंबर को इस अभिनेता का शव मुंबई स्थित उनके फ़्लैट में छत से लटका हुआ मिला था। उस समय पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर मुंबई पुलिस ने आत्महत्या की संभावना को खारिज कर दिया था। पर उसके बाद सुशांत के पिता ने उन्हें ज़हर दिए जाने का आरोप लगाया था।
सुशांत के परिवार ने अभिनेता की गर्ल फ्रेंड अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती पर आत्महत्या के लिए उकसाने और पैसे के कथित लेन-देन का आरोप लगाया था। फिलहाल, सुशांत सिंह केस से जुड़े ड्रग्स मामले में अभियुक्त रिया चक्रवर्ती जेल में हैं।
Choose... से और खबरें
सुशांत की मौत की जाँच मुंबई पुलिस नहीं, बल्कि सीबीआई से कराने की माँग की गई थी और इस पर खूब बवाल मचा था। इस पर राजनीति भी खूब हुई थी।
यह मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। समझा जाता है कि आगे की जाँच सीबीआई ही करेगी और वह एम्स के नतीजों पर विचार करेगी। समझा जाता है कि वह एम्स के मेडिको-लीगल जाँच और उसके नतीजों की पुष्टि ही करेगी।

एम्स की रिपोर्ट

एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि सूत्रों ने बताया कि एम्स पैनल ने मुंबई के उस अस्पताल की राय पर अपनी सहमति जाहिर की है, जिसने अभिनेता का पोस्टमॉर्टम किया था। मुंबई के अस्पताल ने अपनी रिपोर्ट में मौत का कारण 'फाँसी के कारण श्वास अवरोध' बताया था। 
उसने सूत्रों के हवाले से यह भी कहा है कि 'परिस्थितिजन्य साक्ष्य से भी लगता है कि अभिनेता ने आत्महत्या की है, उनकी हत्या नहीं हुई है।' इसके अलावा राजपूत के मित्रों और परिवार के सदस्यों ने कहा था कि वह आत्महत्या नहीं कर सकते।
यह भी महत्वपूर्ण है कि सुशांत सिंह राजपूत के पिता के वकील विकास सिंह ने दावा किया था कि एम्स के एक डॉक्टर ने उन्हें बताया है कि सुशांत सिंह राजपूत की हत्या गला दबाकर की गई है। विकास सिंह ने एम्स डॉक्टर के हवाले से यह दावा किया था और इसका आधार उनके द्वारा भेजे गए फोटोग्राफ़ थे।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें