संसद से पास नये कृषि विधेयकों को राष्ट्रपति द्वारा मंजूरी देने और इसके क़ानून बन जाने के एक दिन बाद प्रदर्शन तेज़ हो गया है। नये कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ पंजाब और हरियाणा में तो प्रदर्शन हो ही रहा है बीजेपी शासित कर्नाटक में आज किसान संगठनों ने बंद बुलाया है। प्रदर्शन करने वालों ने कई मार्गों को जाम कर दिया है। इधर दिल्ली में इंडिया गेट पर प्रदर्शन करने वालों ने एक ट्रैक्टर जलाकर कृषि क़ानूनों का विरोध जताया। यूथ कांग्रेस ने इंडिया गेट पर प्रदर्शन किया।
यूथ कांग्रेस की ओर से ट्वीट कर कहा गया है कि यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने भगत सिंह जी की जयंती पर इंडिया गेट पर प्रदर्शन किया...। उन्होंने लिखा कि कार्यकर्ताओं ने विरोध के दौरान राजपथ पर एक ट्रैक्टर को आग लगाई।
#Punjab यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने भगत सिंह जी की जयंती पर इंडिया गेट पर प्रदर्शन किया...@IYC के कार्यकर्ताओं ने विरोध के दौरान राजपथ पर एक ट्रैक्टर को लगाई आग
— Supriya Bhardwaj (@Supriya23bh) September 28, 2020
फिर वही बैठ कर कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ किया प्रदर्शन
देश भर में आज कांग्रिस कर रही है प्रदर्शन#FarmBill pic.twitter.com/AIpVy7bSUD
कर्नाटक में प्रदर्शन कृषि से जुड़े पाँच विधेयकों को लेकर किया जा रहा है। इसमें से तीन विधेयक (जो अब क़ानून बन गए हैं) तो केंद्र सरकार के हैं और दो विधेयक कर्नाटक सरकार के हैं। कर्नाटक से जुड़े इन दोनों विधेयकों को विधानसभा ने पास कर दिया है। इन विधेयकों के क़ानून बनने पर राज्य में कृषि भूमि को खरीदना आसान हो जाएगा।
केंद्र सरकार ने जिन तीन कृषि विधेयकों को पास किया है उसको लेकर आशंका जताई जा रही है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी ख़त्म हो जाएगा और निजी कंपनियों व कॉर्पोरेट के आने से छोटे और सीमांत किसान तबाह हो जाएँगे। इन तीन कृषि विधेयक को लेकर यह कहा जा रहा है कि ये विधेयक साफ़ तौर पर मौजूदा मंडी व्यवस्था को ख़त्म करने वाले हैं। हालाँकि मोदी सरकार दावा कर रही है कि ये तीनों विधेयक किसानों को फ़ायदा पहुँचाने वाले हैं।
पंजाब और हरियाणा के किसानों में कृषि से जुड़े इन तीनों विधेयकों (अब क़ानून) के ख़िलाफ़ ज़बरदस्त ग़ुस्सा है। आज पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह भी इसके ख़िलाफ़ प्रदर्शन करने वाले हैं।
बता दें कि कृषि विधेयकों के मुद्दे पर ही बीजेपी का सबसे पुराना साथी रहे शिरोमणि अकाली दल ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी एनडीए का साथ छोड़ दिया है। विवादास्पद तीन कृषि विधेयकों पर असहमति व्यक्त करते हुए अकाली दल ने शनिवार देर शाम को एनडीए से अलग होने की घोषणा की। दस दिन पहले ही अकाली दल ने मोदी मंत्रिमंडल से अलग होने का फ़ैसला लिया था और तब हरसिमरत कौर ने इस्तीफ़ा दे दिया था।पंजाब और हरियाणा में तो इसका विरोध तब से हो रहा है जब कृषि विधेयक से पहले सरकार इस पर अध्यादेश लेकर आई थी। लेकिन किसानों का यह प्रदर्शन अब यह धीरे-धीरे पूरे देश में फैलता जा रहा है।
कर्नाटक में आज बड़े स्तर पर प्रदर्शन किया जा रहा है। कर्नाटक में प्रदर्शन करने वाले हुबली में आज सुबह ही बीच सड़क पर धरने पर बैठ गए। कलबुर्गी में भारी तादाद में पुलिस बल को तैनात किया गया है। कई जगहों पर किसानों ने सड़कों पर ट्रैक्टर खड़े कर दिए हैं। राज्य में यातायात प्रभावित हुआ है।
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