loader

पवार के घर हुई बैठक बेनतीजा, राजनीतिक मुद्दों पर नहीं हुई चर्चा?

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार के घर हुई विपक्षी दलों की बैठक का कोई ख़ास नतीजा नहीं निकला। तृणमूल कांग्रेस के नेता ओर पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा की अगुआई में एक कमेटी गठित की गई, जो समान विचारों वाले दलों और नेताओं को एक मंच पर लाएगी।
तकरीबन ढाई घंटे तक चली बैठक के बाद भारतीय मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता नीलोत्पल बसु ने पत्रकारों से कहा कि इस बैठक में कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई, सिर्फ बेरोज़गारी, महंगाई और पेट्रोलियम उत्पादों की बेतहाशा बढ़ती कीमतों पर बातचीत की गई।
पर्यवेक्षकों का कहना है कि यह बैठक नाकाम रही और कहा जा सकता है कि पहली बैठक ही भींगा हुआ पटाखा साबित हुई, यानी उम्मीद तो बहुत थी, लेकिन नतीजा कोई ख़ास नहीं रहा। 
ख़ास ख़बरें

तीसरे मोर्चे की बैठक नहीं

यशवंत सिन्हा ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि यह विपक्षी दलों का तीसरे मोर्चे की बैठक नहीं थी, यह राष्ट्र मंच की बैठक थी और इसमें किसी भी राजनीतिक मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हुई। 

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मजीद मेमन ने कहा कि यह बैठक भले ही शरद पवार के घर हुई थी, लेकिन बैठक उन्होंने नहीं बुलाई थी। यह बैठक यशवंत सिन्हा ने बुलाई थी। 

उन्होंने कहा, 'यह बात कही जा रही थी कि यह तीसरे मोर्चे की बैठक थी, पर यह सच नहीं है। हमने समान विचार वाले सभी लोगों को बुलाया था, किसी तरह का भेदभाव नहीं किया गया था।'

मजीद मेमन ने आगे कहा, 

हमने कांग्रेस पार्टी को भी न्योता दिया था। मैंने विवेक तन्खा, मनीष तिवारी, अभिषेक मनु सिंघवी और शत्रुघ्न सिन्हा को बैठक में बुलाया था। वे नहीं आ सके क्योंकि कुछ लोग आज दिल्ली में नहीं थे।


मजीद मेमन, नेता, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी

इस बैठक में मौजूद रहने वालों में प्रमुख लोग थे- नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला, आरएलडी के जयंत चौधरी, समाजवादी पार्टी के घनश्याम तिवारी, सीपीआईएम के नीलोत्पल बसु, आम आदमी पार्टी के सुशील गुप्ता और सीपीआई के विनय विश्वम। 
no breakthrough in meeting at NCP leader Sharad Pawar house - Satya Hindi
उमर अब्दुल्ला, नेता, नेशनल कॉन्फ्रेंस
ग़ैर राजनीतिक शख़्सियतों में जस्टिस ए. पी. शाह, गीतकार जावेद अख़्तर, पूर्व राजदूत के. सी. सिंह, वरिष्ठ वकील के. टी. एस. तुलसी, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस. वाई. क़ुरैशी और वरिष्ठ वकील कोलिन गोंजाल्विस भी इस बैठक में शरीक हुए। 

सियासी समीकरण

2022 की शुरुआत में पाँच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इनमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा शामिल हैं। उसके बाद साल के आख़िर में हिमाचल प्रदेश और गुजरात में भी विधानसभा के चुनाव होने हैं। बीजेपी और संघ जानते हैं कि इन राज्यों में फ़तेह हासिल करने के बाद ही 2024 का रास्ता आसान होगा। 

विपक्षी नेताओं में सबसे ज़्यादा सियासी अनुभव रखने वाले नेता शरद पवार ही हैं। ऐसे में इस बात की गुंजाइश टटोली जा रही है कि शरद पवार के नेतृत्व में ऐसा कोई गठबंधन बन सकता है जो 2024 आने तक देश भर में एक व्यापक शक्ल ले ले और बीजेपी को शिकस्त देने की स्थिति में हो।

केसीआर ने भी की थी कोशिश 

दूसरी ओर, तेलंगाना के मुख्यमंत्री और तेलंगाना राष्ट्र समिति के अध्यक्ष के. चन्द्रशेखर राव (केसीआर) ग़ैर-बीजेपी, ग़ैर-कांग्रेस दलों का राष्ट्रीय मोर्चा बनाने की कोशिश में हाथ-पांव मार चुके हैं। लोकसभा चुनाव 2019 से पहले भी केसीआर ने ऐसी ही कोशिश की थी। 

वह ममता बनर्जी, मायावती, अखिलेश यादव, नवीन पटनायक, पिनराई विजयन, स्टालिन, देवेगौड़ा जैसे दिग्गज नेताओं से भी मिले भी थे। लेकिन उस समय तेलुगु देशम पार्टी के मुखिया चंद्रबाबू नायडू ने केसीआर की कोशिश में अड़चनें पैदा कर दी थीं।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें