loader

बजट 2021: वित्त मंत्री के पिटारे में क्या, आप पर क्या होगा असर?

कोरोना और लॉकडाउन से तबाह अर्थव्यवस्था के बीच पेश किए जाने वाले बजट के पहले से ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के हाथ बंधे हुए हैं, क्योंकि राजस्व उगाही बहुत ही कम है। इसके बावजूद उनकी यह घोषणा कि वे जो बजट पेश करेंगी, वैसा बजट अब तक कभी पेश नहीं किया गया है, लोगों का ध्यान खींचती है। सवाल यह है कि इस बार के बजट से लोग क्या उम्मीद करें।

आय कर

मध्य वर्ग के पास पैसे हों ताकि वह उसे खर्च कर सके, इसे ध्यान में रख कर सरकार आयकर में छूट को थोड़ा बढ़ा सकती हैं। फ़िलाहल 2.50 लाख रुपए तक की कमाई पर कर नहीं चुकाना होता है, इसे बढ़ा कर तीन लाख रुपए तक किया जा सकता है। पिछले 7 साल से आयकर छूट को नहीं बढ़ाया गया है। इससे होने वाले घाटे को पाटने के लिए सरकार टैक्स कप्लाएंस पर ध्यान दे सकती है, यानी जो लोग टैक्स वर्ग में आते हैं, वे टैक्स चुकाएं, इसका पुख़्ता इंतजाम किया जा सकता है।

ख़ास ख़बरें

बचत पर छूट

फिलहाल आयकर अधिनियम 80 सी के तहत 1.50 लाख रुपए तक की बचत को कुल आमदनी से घटा दिया जाता है। इसे बढ़ा कर 2 लाख रुपए तक किया जा सकता है। इससे सरकार को यह फ़ायदा होगा कि यह पैसा बैंक, बीमा कंपनियों और दूसरे सरकारी निकायों के पास ही जाता है। तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2014 में एक लाख की सीमा को बढ़ा कर 1.50 रुपए किया था, उसके बाद से इसमें कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। इस बार इसे बढ़ा कर दो लाख करना स्वाभाविक लगता है।

स्वास्थ्य सेवा

कोरोना महामारी की वजह से इसकी पूरी संभावना है कि सरकार स्वास्थ्य मद में अधिक पैसे की व्यवस्था करे ताकि स्वास्थ्य से जुड़ी बुनियादी सुविधाओं को दुरुस्त किया जा सके। आर्थिक सर्वेक्षण में यह कहा गया है कि जीडीपी का 2.50 प्रतिशत से 3 प्रतिशत तक स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च हो। फिलहाल जीडीपी का एक प्रतिशत इस पर खर्च होता है।

budget 2021 : finance minister nirmala sitharaman empty coffer - Satya Hindi

राहत पैकेज

वित्त मंत्री ने कोरोना काल में ही जिस 20 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज का एलान किया था, उससे उद्योग जगत बहुत उत्साहित नहीं हुआ था। इसकी पूरी संभावना है कि सरकार व्यवसाय जगत के लिए कुछ ऐसे स्कीमों का एलान करे और उन्हें छूट दें जिससे उद्योग जगत उत्साहित हो। यानी सरकार किसी स्टिम्युलस पैकेज की घोषणा कर सकती है।

निर्माण कार्य

वित्त मंत्री ने जब 20 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज का एलान किया था तो मोटे तौर पर यह शिकायत की गई थी कि इससे खर्च नहीं बढ़ेगा। ज़रूरत खर्च बढ़ाने की है ताकि मांग व खपत बढ़े। यह मुमकिन है कि वित्त मंत्री बुनियादी सुविधाओं के निर्माण का एलान करें। लेकिन उनके पर्स में बहुत पैसे हैं नहीं, इसलिए वे निजी क्षेत्र को बुनियादी ढाँचे के निर्माण के लिए उत्साहित करने के लिए कुछ ऐलान कर सकती हैं, उन्हें छूट दे सकती हैं। निजी क्षेत्र को उत्साहित करने के लिए सरकार भी इस तरह का निर्माण कार्य कर सकती है।

budget 2021 : finance minister nirmala sitharaman empty coffer - Satya Hindi

रियल इस्टेट को छूट

कोरोना महामारी की वजह से रियल इस्टेट बहुत ही बुरी तरह प्रभावित हुआ, जबकि सबसे ज़्यादा असंगठित मज़दूर इसी क्षेत्र में काम करते हैं। इस वजह से समझा जाता है कि करोड़ों मजदूरों को बेरोज़गार होना पड़ा। दूसरी ओर, रियल इस्टेट क्षेत्र के लोगों की शिकायत है कि उन्हें कई तरह के नियंत्रणों से गुजरना पड़ता है, उन्हें बहुत अधिक रेगुलेशन का सामना करना पड़ता है। यह मुमकिन है कि सरकार इस क्षेत्र में सुधार करे, रियल इस्टेट को कुछ रेगुलेशन से छूट दे।

होटल-पर्यटन

कोरोना और लॉकडाउन की सबसे ज़्यादा मार होटल-पर्यटन क्षेत्र पर पड़ी है जिसमें करोड़ों कर्मचारी जुड़े हुए थे। लॉकडाउन की वजह से ये तमाम लोग बेरोज़गार हुए। इतना नही नहीं, इस क्षेत्र के बंद होने से खाने-पीने के दूसरे क्षेत्रों पर भी बुरा असर पड़ा। कुल मिला कर यह असर दूरगामी हुआ। यह मुमिकन है कि सरकार नीति के स्तर पर इस क्षेत्र को रियायतें दें ताकि उन्हें एक बार फिर तेजी से आगे बढ़ने का मौका मिले।

budget 2021 : finance minister nirmala sitharaman empty coffer - Satya Hindi

मैन्युफ़ैक्चरिंग उद्योग

कोरोना की वजह से मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र का हाल बुरा इसलिए हुआ कि आार्थिक गतिविधियाँ ठप हो जाने से लोगों की क्रय क्षमता कम हो गई, उनके पास पैसे नहीं रहे और उससे मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र प्रभावित हुआ। यह मुमकिन है कि सरकार मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र को सहारा देने के लिए कोई कदम उठाए।

कोरोना सेस

कोरोना महामारी पर सरकार को अभी बहुत अधिक खर्च करना होगा। यदि वह सबको न सही, सबसे अधिक प्रभावित होने वाले लोगों को भी मुफ़्त कोरोना वैक्सीन देना चाहो तो वह खर्च अरबों रुपए में बैठेगा। कोरोना से लड़ने के नाम पर लगाए गए अतिरिक्त अधिभार यानी सेस का लोग ज़्यादा विरोध भी नहीं कर पाएंगे। उन्हें यह समझाना आसान होगा कि यह तो ज़रूरी है। ऐसे में यह बहुत मुमकिन है कि सरकार कम से कम एक प्रतिशत का कोरोना अधिभार तमाम सुविधाओं पर लगा दे।

budget 2021 : finance minister nirmala sitharaman empty coffer - Satya Hindi

निजीकरण

सरकार पहले ही कह चुकी है कि उसे सार्वजनिक क्षेत्र से धीरे-धीरे हटना है और उन क्षेत्रों में निजी कंपनियों को बढावा देना है। कोरोना काल में इसके लिए सरकार ने अपनी नीति का एलान भी किया था। आर्थिक सर्वेक्षण में स्ट्रक्चरल रिफ़ॉर्म्स की बात कही गई है, सरकार के पास पैसे तो वैसे ही नहीं है। इसलिए कुछ सरकारी कंपनियों का निजीकरण करने का एलान किया जा सकता है।

कृषि

ऐसे समय जब लाखों किसान दो महीने से ज़्यादा वक़्त से धरने पर बैठे हों, किसान आन्दोलन राष्ट्र-व्यापी मुद्दा बन चुका हो, लाख किरकिरी के बावजूद सरकार पीछे हटने को कतई तैयार न हो, यह मुमकिन है कि सरकार कृषि क्षेत्र में कुछ राहत का एलान करे। वह किसानों को सीधे पैसे देने की किसी स्कीम का एलान कर सकती है या पहले से मिल रही स्कीमों में पैसे बढ़ा सकती है।

सब्सिडी में कटौती

तबाह अर्थव्यवस्था और कम राजस्व के बीच सरकार को नया कुछ भी करना है तो उसे अपने पहले से चल रहे खर्च में कटौती करनी ही होगी। यह साफ है कि सरकार को सब्सिडी में कटौती करनी होगी। आर्थिक सर्वेक्षण में खाद्य सब्सिडी में कटौती करने की बात कही ही गई है। रसोई गैस और दूसरे मदों पर सब्सिडी में कटौती लगातार हो रही है, और कटौती की जा सकती है। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

अर्थतंत्र से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें