कोरोना वायरस के खौफ़ और पूरे देश में लॉकडाउन की स्थिति के बीच शेयर बाज़ार में भी ज़बरदस्त खौफ दिखा। सुबह दस बजने से कुछ मिनट पहले ही सेंसेक्स में 2991.85 फ़ीसदी यानी 10 फ़ीसदी की गिरावट आ गई और सर्किट ब्रेकर लगाना पड़ा।
दुनिया के दो बड़े इन्वेस्टमेंट बैंकर्स मॉर्गन स्टैनली और गोल्डमैन सैक्स ने कहा है कि कोरोना वायरस के डर से कामकाज पर जो असर पड़ रहा है, वह दुनिया को मंदी की ओर धकेल रहा है।
शेयर बाज़ार ने बुधवार को फिर गोता लगाया है। सेंसेक्स 1710 अंक गिरकर 28 हज़ार 800 पर पहुँच गया है। निफ़्टी में भी भी क़रीब 500 अंकों की गिरावट आई है। पिछले पाँच दिन में सेंसेक्स में पाँच हज़ार अंकों की की गिरावट आ चुकी है।
भारत की पहले से ख़राब अर्थव्यवस्था में दुनिया की आर्थिक स्थिति के साथ-साथ कोरोना वायरस का भी असर होना है और यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि क्या कुछ हो सकता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस संक्रमण को महामारी घोषित किया, इसके बाद एक दिन में बंबई शेयर बाज़ार के निवेशकों को 9 लाख करोड़ रुपए का नुक़सान हुआ।