राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की भारत यात्रा के कुछ ही दिन पहले ही अमेरिका ने क्यों भारत को विकासशील देशों की सूची से बाहर कर विकसित देशों की सूची में डाल दिया है?
महँगाई बेकाबू है। यह लगातार बढ़ती जा रही है। गिरती विकास दर के बीच ही अब रिपोर्ट आई है कि जनवरी में ख़ुदरा महँगाई दर छह साल में सबसे ज़्यादा होकर 7.59 पर पहुँच गई है।
दिसंबर में बेरोज़गारी की दर में थोड़ी गिरावट दर्ज की गई, पर शहरी बेरोज़गारी की दर बढ़ कर 9.7 प्रतिशत हो गई। सेंटर फ़ॉर मॉनीटरिंग इंडियन इकॉनमी (सीएमआईई) ने यह जानकारी दी है।
पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार और नीति निर्माताओं को निशाना साधते हुए कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था ध्वस्त होने की ओर अग्रसर है और इसकी देखरेख वे कर रहे हैं जो 'अक्षम डॉक्टर' हैं।
सुस्त आर्थिक रफ़्तार और लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था के मद्देनज़र वित्त मंत्री से साहसिक कदम और कठोर फ़ैसलों की उम्मीद की जाती थी। पर निर्मला सीतारमण ने जो बजट पेश किया है, उससे किसी का भला नहीं होगा।
भारतीय उद्योग जगत ने बजट का मोटे तौर पर स्वागत किया है और इसके कुछ उपायों की तारीफ की है। उद्योग ने सबसे ज़्यादा खुशी लाभांश पर दिए जाने वाले कर को हटाने पर जताई है। लेकिन कुछ दूसरी घोषणाओं पर आशंका भी जताई है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकारी बीमा कंपनी जीवन बीमा निगम की हिस्सेदारी का बड़ा भाग बेचने का एलान कर सबको चौंका दिया है। उनकी इस घोषणा से कई सवाल खड़े हो गए हैं।
नए बजट में टैक्स दरों में भारी बदलाव किया गया है। 5 लाख से 15 तक की आय पर लगने वाला टैक्स पहले के मुक़ाबले कम कर दिया गया है। इससे लगता है कि करदाताओं को इससे काफ़ी लाभ होगा। लेकिन ऐसा है नहीं।
शेयर बाज़ार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के 2020 के बजट से निराश है। बजट में 988 अंकों की गिरावट आई है। जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट पेश करने से पहले ही नकारात्मक हो गया था।