वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश करते हुए उम्मीद जताई है कि अगले वित्तीय वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी वृद्धि दर 6 से 6.50 प्रतिशत हो सकती है।
एक दिन बाद जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश कर रही होंगी तब उनके सामने 2020 की भारत की अर्थव्यवस्था की वह तस्वीर होगी जो पहले से ज़्यादा बदहाली की कगार पर है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कहा है कि साल 2020 में भारत में आर्थिक मंदी पहले के अनुमान से ज़्यादा होगी। नतीजतन, भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति बदतर होगी।
सरकार के साथ-साथ अब आम लोगों के लिए भी बुरी ख़बर है। गिरती विकास दर के बीच अब महँगाई बेतहाशा बढ़ गई है। यानी ख़ुदरा में सामान खरीदना आम लोगों के लिए पहुँच से बाहर होता जा रहा है।
बीजेपी सांसद सुब्रमणियन स्वामी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अर्थव्यवस्था की कोई समझ नहीं है और वित्त मंत्री के बारे में तो कुछ न कहा जाए तो ही अच्छा है।
विकास दर से जुड़े तमाम आँकड़े बताते हैं कि स्थिति बहुत अच्छी नहीं है, पर गौर करने पर यह तसवीर सामने आती है कि स्थिति उतनी बुरी भी नहीं है, जितनी लोग समझ रहे हैं।