सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार के. वी. सुब्रमण्यण ने कहा है कि अर्थव्यवस्था की बुनियाद अभी भी मजबूत है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जीडीपी वृद्धि दर अगली तिमाही में बढेगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक मंदी की बात से इनकार तो किया ही है, उन्होंने कहा कबी मंदी हो ही नहीं सकती। पर ख़ुद सरकारी आँकड़े उनकी बात को झूठ साबित करते हैं।
भारतीय रिज़र्व बैंक यानी आरबीआई के पूर्व गवर्नर सी रंगराजन ने क्यों कहा कि अर्थव्यवस्था खस्ता हालत में है और ऐसे में 2025 तक पाँच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का सवाल ही नहीं उठता?
सरकार एक तो आर्थिक मंदी की बात ही नहीं मानती है, और उस पर तुर्रा यह कि आर्थिक स्थिति ठीक करने के लिए जो कदम उठाती है, उसका ज़्यादा फ़ायदा वे लोग ही उठा रहे हैं सरकार के नज़दीक हैं, ऐसा क्यों है?
ताज़ा सरकारी आँकड़े बता रहे हैं कि गाँवों में अर्थव्यवस्था 40 साल के न्यूनतम स्तर पर है। पर सरकार का कहना है कि किसी का कोई काम नहीं रुक रहा है और अर्थव्यवस्था की खुशहाली का यह सबूत है।
जापान की कंपनी दायची संक्यो द्वारा दायर एक केस के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटर मलविंदर सिंह और उनके भाई शिविंदर सिंह को कोर्ट की अवमानना को दोषी पाया है।
भारत छोड़ने की बात कर रही वोडाफ़ोन अकेली कंपनी नहीं है जो यहाँ व्यापार में नाकाम हो रही हैं, लाखों कंपनियाँ बंद हो चुकी हैं और कई बंद होने के कगार पर हैं। क्या है मामला?
बीएसएनएल और एमटीएनएल के विलय से भी इन कंपनियों के कर्मचारियों की स्थिति सुधरने को नहीं है। एक लाख लोगों की नौकरी ख़तरे में हे, पूरा दूरसंचार उद्योग की स्थिति ही बुरी है।