अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेन्सी मूडीज़ इनवेस्टर सेवा ने शुक्रवार को भारत की रेटिंग में कटौती कर दी है। इसने भारत की रेटिंग को 'स्टेबल' से गिरा कर 'निगेटिव' कर दिया है।
प्याज की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी और सोने की कीमत का लगातार गिरना कई सवाल खड़े करता है। यह किस आर्थिक नीति का नतीजा है और सरकार क्यों हस्तक्षेप नहीं करती है?
भारत ने रीजनल कॉम्प्रेहेन्सिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप (आरसीईपी) में शामिल होने से इनकार बिल्कुल अंत में किया। प्रधानमंत्री का कहना है कि भारत की चिंताओं पर ध्यान नहीं दिया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ़ शब्दों में कह दिया है कि भारत क्षेत्रीय आर्थिक संगठन आरसीईपी में शामिल नहीं होगा। सीमा शुल्क और बाज़ार खोलने के मुद्दे पर भारत की चिंताओं को दुरुस्त नहीं किया गया है।
पहले से धीमी चल रही अर्थव्यवस्था की रफ़्तार दिन-ब-दिन और कम होती जा रही है। ताजा आँकड़े बताते हैं कि उत्पादन क्षेत्र दो साल के न्यूनतम स्तर पर पहुँच चुका है।
पूरी अर्थव्यवस्था मंदी की चपेट में पहले से ही है, दूरसंचार क्षेत्र की कंपनयों पर संकट बढ़ता जा रहा है, एक ही कंपनी का वर्चस्व बढ़ रहा है। क्या है मामला?
जम्मू-कश्मीर का सेब व्याापार ट्रक और मजदूरों की किल्लत से संकट में हैं। कश्मीर ने बहुत बड़े निवेश और आर्थित विकास की बात करने वाली सरकार ने उन्हें किसके भरोसे छोड़ दिया है?