loader

पीडीपी ने दो माह से हिरासत में बंद महबूबा से मिलने की योजना को टाला

पीडीपी यानी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने दो महीने से हिरासत में बंद पार्टी प्रमुख महबूबा मुफ़्ती से मिलने की योजना फ़िलहाल टाल दी है। पार्टी के प्रवक्ता फिरदौस टाक ने इसकी जानकारी दी। पहले पार्टी ने महबूबा से मिलने के लिए सोमवार का दिन तय किया था, लेकिन कुछ समय बाद ही उन्होंने अपना मन बदल लिया। हालाँकि, इस रणनीति में बदलाव के लिए कोई कारण नहीं बताया गया है।

एक दिन पहले ही ख़बर आई थी कि राज्य प्रशासन ने हिरासत में बंद पीडीपी और नेशनल कॉन्फ़्रेंस के नेताओं से मिलने की मंज़ूरी दी थी। इसके बाद पीडीडी ने अपने दस नेताओं के प्रतिनिधिमंडल का सोमवार को महबूबा मुफ़्ती से मिलना तय किया था। यह ख़बर तब आई थी जब रविवार को दो महीने बाद पहली बार उमर अब्दुल्ला और उनके पिता फारुक़ अब्दुल्ला को अपनी पार्टी नेशनल कॉन्फ़्रेंस यानी एनसी के नेताओं से मिलने दिया गया था। दो महीने से दोनों नेताओं को अलग-अलग उनके अपने आवास पर हिरासत में रखा गया है। दोनों नेताओं से मिलने के लिए पार्टी के 15 नेताओं का प्रतिनिधिमंडल श्रीनगर गया था।

ताज़ा ख़बरें

माना जा रहा है कि ब्लॉक डवलपमेंट काउंसिल यानी बीडीसी के चुनाव के मद्देनज़र इन मुलाक़ातों को मंज़ूरी दी गई है। ये प्रक्रियाएँ ऐसे समय में चल रही हैं जब इन चुनावों के मद्देनज़र जम्मू और श्रीनगर के कई इलाक़ों में पाबंदी में ढील दी गई है। हाल ही में सत्यपाल मलिक ने भी इस बात पर ज़ोर दिया है कि हिरासत में लिए गए राजनेताओं को एक-एक कर के रिहा किया जाएगा। इसे एक तरह से चुनाव के लिए माहौल को अनुकूल बनाने की तैयारी के तौर पर देखा जा रहा है। 

हालाँकि यह देखना दिलचस्प रहेगा कि पीडीपी बीडीसी चुनाव पर क्या फ़ैसला लेती है। नेशनल कॉन्फ़्रेंस के वरिष्ठ नेता अकबर लोन और हसनैन मसूदी ने तो यह साफ़ कर दिया है कि पार्टी राज्य में होने वाले बीडीपी के चुनाव में भाग नहीं लेगी क्योंकि पूरा नेतृत्व जेल में है। हालाँकि प्रतिनिधिमंडल में शामिल पार्टी के प्रांतीय अध्यक्ष देवेंद्र सिंह राणा ने कहा कि यदि राज्य में राजनीतिक प्रक्रिया शुरू करनी है तो मुख्य धारा के नेताओं को रिहा करना होगा।

जम्‍मू-कश्‍मीर में अनुच्‍छेद 370 और 35ए को हटाए जाने के बाद पहली बार स्थानीय निकायों के चुनाव होने जा रहे हैं। चुनाव के लिए नामांकन की अंतिम तारीख़ 9 अक्टूबर है। दोनों ही पार्टियों के आला नेता, फारूक़ अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला और पीडीपी की महबूबा मुफ़्ती नज़रबंद हैं।

जम्मू-कश्मीर से और ख़बरें

बता दें कि पाँच अगस्त को अनुच्छेद 370 में बदलाव किए जाने के बाद से ही कश्मीर में पाबंदी लगी है। कुछ जगहों पर पाबंदी में छूट दी गई है, लेकिन स्थिति बेहतर नहीं है। एक रिपोर्ट के मुताबिक़ 400 से ज़्यादा नेताओं को गिरफ़्तार किया गया है। इसमें दो पूर्व मुख्यमंत्री भी शामिल हैं। भारी संख्या में सशस्त्र बल तैनात किए गए हैं। पूरे क्षेत्र में संचार माध्यम बंद कर दिए गए और आवाजाही पर पाबंदी लगा दी गई। हालाँकि हाल के दिनों में कुछ जगहों पर संचार माध्यमों की बहाली और पाबंदी हटाए जाने की ख़बरें हैं। लेकिन अभी भी वहाँ सामान्य स्थिति बहाल नहीं हुई है और घाटी में तो स्थिति ज़्यादा ही ख़राब है। ऐसी ही स्थिति में अब राज्य में बीडीसी के चुनाव होने जा रहे हैं। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

जम्मू-कश्मीर से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें