कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण और मौतों से बेहाल हो चुके कर्नाटक ने संभावित तीसरी लहर के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। राज्य सरकार ने इसके लिए टास्क फ़ोर्स का गठन किया है और जाने-माने सर्जन डॉ. देवी शेट्टी को इसकी कमान सौंपी गई है। मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने इस बात की जानकारी दी है।
कर्नाटक में कोरोना संक्रमण को लेकर हालात बेहद ख़राब हैं और राज्य में हर दिन संक्रमण के 40 से 50 हज़ार मामले आ रहे हैं। इसे देखते हुए राज्य सरकार इस बार किसी तरह की ढील देने के मूड में नहीं है। लेकिन सरकार को ऐसी ही तैयारी दूसरी लहर से पहले भी करनी चाहिए थी, जिसके बारे में विशेषज्ञ, विपक्षी राजनीतिक दल सरकार को चेता चुके थे।
राज्य सरकार ने यह क़दम शीर्ष वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. के विजय राघवन की हालिया चेतावनी के बाद उठाया है। डॉ. राघवन ने कहा था कि जितनी तेज़ी से यह वायरस फैल रहा है, भारत में कोरोना की तीसरी लहर का आना तय है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा था कि अगर वायरस को फैलने से रोकने के लिए ज़रूरी क़दम उठाए जाते हैं तो देश इस लहर से ख़ुद को बचा सकता है।
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने भारत में जबरदस्त तबाही मचाई है। पिछले डेढ़ महीने के अंदर लगभग डेढ़ लाख लोग इस महामारी के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं। ऑक्सीजन बेड्स से लेकर दवाइयों, वेंटिलेटर्स की कमी से लोगों को जूझना पड़ा और शहरों से होता हुआ यह संक्रमण अब गांवों में कहर बरपा रहा है। ऐसे में तीसरी लहर के लिए कर्नाटक क्या बाकी राज्य सरकारों और केंद्र सरकार को भी पूरी तरह अलर्ट मोड में आ जाना चाहिए।
सख्तियों से कम हुआ संक्रमण!
कर्नाटक में कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए 24 अप्रैल से ही तमाम पाबंदियां लगाई गई हैं। इसका थोड़ा सा असर देखने को मिला है और संक्रमण के मामलों में कमी आई है लेकिन अभी भी हालात राहत देने वाले नहीं हैं।
मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने कहा है कि राज्य सरकार सरकारी अस्पतालों और प्राइवेट मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड्स सहित अन्य सुविधाओं को बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए भी लगातार काम कर रही है।
कर्नाटक में सबसे ज़्यादा संक्रमित शहर बेंगलुरू है। बेंगलुरू पुलिस ने हालात की गंभीरता को देखते हुए बेहद सख़्त क़दम उठाए हैं और किसी भी तरह के छोटे-बड़े धार्मिक या अन्य कार्यक्रमों के आयोजन पर पूरी तरह रोक है। कर्नाटक में हर दिन कोरोना संक्रमण के कुल मामलों में से लगभग आधे बेंगलुरू से आते हैं।
वैक्सीन की कमी से टीकाकरण रुका
कोरोना संक्रमण से दहशत में आए लोग अब वैक्सीन के लिए कतारों में लगे हैं लेकिन महाराष्ट्र, दिल्ली के अलावा कर्नाटक भी वैक्सीन की कमी का सामना कर रहा है। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने 18-44 साल के लोगों का टीकाकरण रोक दिया है।
हालांकि कर्नाटक सरकार ने तीन करोड़ वैक्सीन का ऑर्डर दिया है और इसके लिए वैक्सीन बनाने वाली दो कंपनियों को पैसे भी दे दिए गए हैं लेकिन राज्य को अब तक सिर्फ़ सात लाख वैक्सीन ही मिली हैं। वैक्सीन लगाने को लेकर कर्नाटक में कई जगहों पर टीकाकरण केंद्रों के बाहर भारी भीड़ देखी जा रही है। कई लोग तो वैक्सीन के लिए 100 किमी. दूर तक जा रहे हैं।
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