loader

घिर गए कमलनाथ, बीजेपी ने राक्षस बताया, सोनिया से की शिकायत

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ एक महिला मंत्री को ‘आइटम’ कहकर बुरी तरह फंस गये हैं। विधानसभा की 28 सीटों के लिए उपचुनाव की प्रक्रिया के बीच कमलनाथ की इस कथित अमर्यादित टिप्पणी को बीजेपी ने बड़ा सियासी मुद्दा बना लिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत बीजेपी के आला नेताओं ने सोमवार को प्रदेश भर में मौन धरने दिये।

शिवराज इस मुद्दे को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दरबार में ले गये हैं। शिवराज ने सोनिया को एक पत्र लिखा है। पत्र में अपनी काबीना की सदस्य इमरती देवी के ख़िलाफ़ की गई टिप्पणी का उल्लेख करते हुए शिवराज ने कमलनाथ के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने की मांग की है। 

शिवराज ने कहा है, ‘नारी जाति का अपमान करने वाले नेता कमलनाथ को पीसीसी चीफ़ और मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष जैसे अहम पद से हटा देना चाहिए।’ मुख्यमंत्री चौहान ने कमलनाथ को पार्टी से निकालने की मांग भी सोनिया गांधी से अपने पत्र में की है।

ख़ास ख़बरें

मौन धरने के बाद शिवराज सिंह ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, ‘पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से उन्हें किसी भी तरह की उम्मीद नहीं है। उन्होंने एक बार नहीं दो-दो बार इमरती देवी के ख़िलाफ़ अपमानजनक टिप्पणी की। वह रस ले-लेकर निर्लज टिप्पणी करते रहे और कांग्रेसी उन्हें रोकने के बजाय तालियां पीटते रहे।’

शिवराज सिंह ने कहा कि अपनी अमर्यादित टिप्पणी पर खेद जताने के बजाय कमलनाथ बदजुबानी को जायज करार देने में जुटे हुए हैं। यही वजह है कि उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष को खत लिखना पड़ा है। शिवराज ने संकेतों में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को निर्लज और बेशर्म नेता भी बता दिया।

शिवराज ने मीडिया से बाचतीत में कमलनाथ द्वारा स्वयं (शिवराज) को नालायक कहने का स्मरण भी कराया। कहा, मुझे घुटने टेकने वाला नेता कहा गया। कलाकार बोला गया। भूखा और नंगा नेता करार दिया गया। स्वयं को लेकर की गई तमाम अपमानजनक टिप्पणियों को मैं पी गया। मगर कैबिनेट की अनुसूचित जाति वर्ग की महिला सदस्य के ख़िलाफ़ की गई अमर्यादित टिप्पणी ने मुझे अंदर तक व्यथित कर दिया है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि इमरती देवी मजदूर से मंत्री पद तक पहुंची हैं और उन्होंने अपनी मेहनत से यह मुकाम हासिल किया है लेकिन नाथ ने उनकी मेहनत का भी ध्यान नहीं रखा।

रोने लगीं इमरती देवी 

मामले के तूल पकड़ने के बाद इमरती देवी भी खुलकर मैदान में आ गयी हैं। कमलनाथ की टिप्पणी से जुड़े सवालों के जवाब देने से पहले इमरती देवी मीडिया के कैमरों के सामने आंसू बहाती नज़र आयीं।

कमलनाथ का बंगाल कनेक्शन

इमरती देवी ने कमलनाथ पर खूब निशाना भी साधा। नाथ को उन्होंने राक्षस करार दिया। वे बोलीं बंगाल से आये कमलनाथ संस्कारहीन हैं। इमरती देवी ने कमलनाथ सरकार में सहयोगी मंत्री रहीं विजय लक्ष्मी साधो (कमलनाथ की टिप्पणी वाले वायरल वीडियो में साधो भी ठहाका लगाती नज़र आ रही हैं) को भी नहीं बख्शा।

इमरती देवी ने कमलनाथ की सरकार में रहते हुए कथित रूप से झेले गये अपमानों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘मंत्री होने के बावजूद कमलनाथ कभी उन्हें सम्मान नहीं देते थे। बैठने तक को नहीं कहते थे और चंद मिनटों में चलता कर देते थे।’

मध्य प्रदेश से और ख़बरें

सिंधिया भी बरसे 

इमरती देवी पर टिप्पणी से कुपित राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इंदौर में मौन व्रत रखा और वे भी कमलनाथ पर जमकर बरसे। उन्होंने भी कमलनाथ के बंगाल कनेक्शन पर चटखारे लिये।

बता दें, मध्य प्रदेश में 28 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव होने जा रहे हैं। तीन नवंबर को वोट डाले जाने हैं। जबकि 10 नवंबर को वोटों की गिनती होगी।

उपचुनाव में कोई ठोस मुद्दा दोनों ही प्रमुख दलों के पास नज़र नहीं आ रहा है। कांग्रेस ने जहां ‘गद्दार’ और ‘टिकाऊ बनाम बिकाऊ’ को मुख्य चुनावी मुद्दा बनाया हुआ है, वहीं सत्तारूढ़ बीजेपी अपने कामकाज के आधार पर वोट मांग रही है। कमलनाथ सरकार के 15 महीनों की कथित असफलताएं भी मतदाताओं के सामने बीजेपी रख रही है।

तमाम चुनावी दांव-पेच के बीच कांग्रेस के कई ताजा मसलों को बीजेपी ने बड़ा मुद्दा बनाने का प्रयास किया है। खासकर शिवराज सिंह को ‘नंगा और भूखा’ नेता करार दिये जाने पर बीजेपी ने कांग्रेस को खूब निशाने पर लिया।

फिलहाल, कमलनाथ की टिप्पणी पर पूरी की पूरी बीजेपी मैदान में उतर आयी है। वह इस टिप्पणी को राष्ट्रीय स्तर का मुद्दा बनाते हुए भुनाने में लग गई है। यहां बता दें, मध्य प्रदेश के उपचुनावों के अलावा बिहार में चुनाव चल रहे हैं और बंगाल में होने हैं। प्रेक्षक कमलनाथ के बंगाल कनेक्शन के मुद्दे को विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को चित करने की चाल के तौर पर देख रहे हैं। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
संजीव श्रीवास्तव

अपनी राय बतायें

मध्य प्रदेश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें