loader

महाराष्ट्र में कोरोना: मंत्री ही 'विरोध' में तो कैसे लगेगा लॉकडाउन?

कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने पर लॉकडाउन की चेतावनी देते रहे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जब कहा कि अब लॉकडाउन की तैयारी करें तो इसका विरोध भी शुरू हो गया। बीजेपी से ही नहीं, उद्धव सरकार के गठबंधन के सहयोगी दल एनसीपी से भी। एनसीपी नेता नवाब मलिक का कहना है कि लॉकडाउन से लोगों की नौकरियाँ जाएँगी और अर्थव्यवस्था तबाह हो जाएगी। बीजेपी ने तो विरोध-प्रदर्शन की चेतावनी दी है। अब दुविधा यह हो गई है कि लॉकडाउन लगेगा या नहीं?

सरकार लॉकडाउन पर विचार तब कर रही है और दूसरे दलों की इस पर प्रतिक्रिया तब आ रही है जब महाराष्ट्र में कोरोना बेकाबू हो गया लगता है। रविवार को ही राज्य में एक दिन में 40 हज़ार से ज़्यादा संक्रमण के मामले आए थे। सोमवार को 31 हज़ार से ज़्यादा मामले आए। क़रीब हफ़्ते भर से राज्य में हर रोज़ 30 हज़ार से ज़्यादा मामले आ रहे हैं। इस बीच राज्य में 28 मार्च से ही रात का कर्फ्यू लगा दिया गया है। सार्वजनिक सभाओं पर भी प्रतिबंध लगाया जा चुका है। 

ताज़ा ख़बरें

इस तेज़ी से बढ़ते संक्रमण के बीच ही रविवार को हुई टास्कफ़ोर्स की बैठक में संबंधित अधिकारियों ने इस पर चिंता जताई कि कोरोना से जुड़े दिशा-निर्देशों का ठीक से पालन नहीं हो रहा है। संक्रमण की रफ़्तार पर चिंता जताते हुए टास्कफ़ोर्स के लोगों ने कहा कि इससे मरीजों के इलाज की सुविधा पर बुरा असर पड़ सकता है, जो चिंता का विषय है। इस बीच टास्कफ़ोर्स की बैठक में ही मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा दिया कि अब लॉकडाउन की तैयारी करें। 

मुख्यमंत्री के इस बयान के विरोध में आवाज़ उठने लगी। ऐसा इसलिए भी हुआ कि क्योंकि अब तक जो रिपोर्टें आती रही हैं उसमें कहा जाता रहा है कि लॉकडाउन से कोरोना को नियंत्रित नहीं किया जा सकता है। 

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी पहला कहा था कि स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने में लॉकडाउन मदद कर सकता है लेकिन लॉकडाउन कोरोना संक्रमण का इलाज नहीं है। तब वैक्सीन नहीं आई थी और तब विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वैक्सीन और इलाज ढूँढे जाने तक लॉकडाउन को एक विकल्प के तौर पर इसके इस्तेमाल पर आपत्ति भी नहीं की थी। हालाँकि उसका कहना था कि लॉकडाउन से ज़िंदगियाँ प्रभावित होंगी और अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा।

bjp and ncp are against lockdown in maharashtra amid corona surge - Satya Hindi

अब लॉकडाउन के विरोध में तर्क देने वाले भी कुछ ऐसी ही बात कह रहे हैं। 'टीओआई' की रिपोर्ट के अनुसार उद्धव ठाकरे सरकार में शामिल एनसीपी के प्रवक्ता और राज्य मंत्री नवाब मलिक ने कहा, 'अधिकांश कैबिनेट सदस्य लॉकडाउन के ख़िलाफ़ हैं। पहले लॉकडाउन में लोगों को बड़ी संख्या में अपनी नौकरी गंवानी पड़ी और अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो गई।'

एनसीपी के मलिक ने कहा कि दूसरे लॉकडाउन के बजाय स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मज़बूत करने, टीकाकरण को बढ़ावा देने और कोविड नियमों को लागू करने के लिए सभी प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा, 'निगरानी बहुत ख़राब है। परिणामस्वरूप, लोग बिना मास्क के सड़कों पर घूम रहे हैं। वार्ड अधिकारियों पर ज़िम्मेदारी तय की जानी चाहिए।' 

bjp and ncp are against lockdown in maharashtra amid corona surge - Satya Hindi

लॉकडाउन के लागू होने पर विपक्ष ने विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि यह ग़रीबों पर भारी पड़ेगा। उन्होंने मांग की कि सरकार उन दैनिक वेतनभोगियों के लिए 5,000 रुपये के पैकेज की घोषणा करे जो लॉकडाउन से प्रभावित होंगे।

ऐसे में अब सवाल उठता है कि शिवसेना के नेता क्या सोचते हैं? शिवसेना सांसद और पार्टी के नेता संजय राउत ने कहा कि उन्होंने ठाकरे से बात की थी और सुझाव दिया था कि लॉकडाउन के बजाय और सख्त अंकुश लगाया जा सकता है।

उन्होंने कहा था कि लॉकडाउन अर्थव्यवस्था के लिए नुक़सानदेह हो सकता है। राउत ने कहा, 'मैं पूर्ण लॉकडाउन के पक्ष में नहीं हूँ। श्रमिक वर्ग, व्यवसाय और आर्थिक चक्र प्रभावित होंगे। मैंने सीएम से बात की और वह भी उसी दृष्टिकोण के पक्ष में हैं।'

महाराष्ट्र से और ख़बरें

राज्य के अधिकारी क्या मानते हैं, कोरोना की स्थिति कितनी ख़राब है और क्या उपाय किए जाने चाहिए? प्रमुख सचिव (सार्वजनिक स्वास्थ्य) प्रदीप व्यास ने कहा कि संक्रमण तेज़ी से फैल रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्य सुविधाएँ, विशेष रूप से बेड, वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की आपूर्ति जल्द ही कम पड़ जाएँगी। टास्क फ़ोर्स के सदस्य डॉ. शशांक जोशी ने कहा, 'लॉकडाउन अंतिम उपाय है, लेकिन हमें इस पर विचार करना होगा क्योंकि स्वास्थ्य सुविधाओं का ढांचा चरमरा रहा है। निजी क्षेत्र में कोई बिस्तर उपलब्ध नहीं है और सार्वजनिक क्षेत्र के बिस्तर भी तेजी से भर रहे हैं।'

अब स्थिति यह है कि महाराष्ट्र में कोरोना तेज़ी से फैल रहा है, अधिकारी राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं के कम पड़ने की आशंका से चिंतित हैं, लेकिन जनप्रतिनिधि लॉकडाउन के विरोध में तर्क दे रहे हैं। ऐसे में आख़िरी फ़ैसला क्या होता है वह 2 अप्रैल को पता चल सकता है।  

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

महाराष्ट्र से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें