मोदी ने कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेताओं को चुनौती देते हुए कहा था कि यदि उनमें दम है तो वे अपने घोषणा पत्रों में इस बात का उल्लेख करें कि चुनाव जीतने के बाद अनुच्छेद 370 को फिर से लागू कर देंगे। यही नहीं उन्होंने महाराष्ट्र से सेना में भर्ती होने वाले सैनिकों की कश्मीर या सीमा पर शहादत को अनुच्छेद 370 से जोड़ते हुए कहा था कि जब महाराष्ट्र का कोई जवान शहीद होता है तो उसका इससे नाता क्यों नहीं हो सकता?
चुनावी रैलियों में अमित शाह ने कहा था कि महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनावी नतीजे यह बता देंगे कि देश की जनता अनुच्छेद 370 को हटाने के मुद्दे के साथ है या नहीं! लेकिन शायद अब भारतीय जनता पार्टी का कोई भी प्रवक्ता और नेता इसका जवाब देना पसंद नहीं करेगा। और ना ही वह अमित शाह के बयान के आधार पर इस बात का आकलन करने की कोशिश करेगा कि अगर जनता अनुच्छेद 370 को हटाने के पक्ष में है तो उन्हें इतना कम समर्थन क्यों मिला?
विधानसभा चुनाव के साथ में महाराष्ट्र में लोकसभा की एक सीट पर उपचुनाव भी था और वह भी बीजेपी बड़े अंतर से हार गयी है। यहां से बीजेपी ने छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज उदयन भौसले को मैदान में उतारा था। भौसले चार महीने पहले ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के टिकट पर इस सीट से चुनाव जीते थे और प्रदेश में बीजेपी द्वारा प्रोत्साहित की गयी दल-बदल की आंधी में सांसद पद से इस्तीफ़ा देकर बीजेपी में शामिल हो गए थे।
अपनी राय बतायें