सवाल यह है कि ममता के ख़िलाफ़ बीजेपी के सफल धार्मिक ध्रुवीकरण का मुख्य कारण अगर वर्तमान मुख्यमंत्री की कथित मुसलिम तुष्टिकरण की नीतियाँ हैं तो क्या राज्य के हिंदू मतदाता घोर नास्तिक माने जाने वाले मार्क्सवादियों की हुकूमत में पूरी तरह से संतुष्ट थे?
उत्तर प्रदेश के हाई कोर्ट ने राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून के तहत पिछले दो सालों में निरुद्ध 41 लोगों में (जिनमें 90 फ़ीसदी अल्पसंख्यक थे) 30 की गिरफ़्तारी ग़लत क़रार दी। नौकरशाही को आख़िर हुआ क्या है?
सर्वोच्च न्यायालय की यह बात तो बिल्कुल ठीक है कि भारत का संविधान नागरिकों को अपने ‘धर्म-प्रचार’ की पूरी छूट देता है और हर व्यक्ति को पूरा अधिकार है कि वह जिसे चाहे, उस धर्म को स्वीकार करे।
देश में पुलिस के बेजा इस्तेमाल पर रोक लगाने का संवैधानिक समाधान नहीं निकाला जाएगा, तो देश को पूरी तरह पुलिस स्टेट में तब्दील होने से नहीं रोका जा सकेगा। यूपी में एनएसए का इस्तेमाल इसका उदाहरण है।
दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन निर्माता देश है भारत। दुनिया के देश कम से कम भारत में वैक्सीन की कमी होने की कल्पना नहीं कर सकते थे। सवाल है- ऐसा क्यों? वह भी तब जब मोदी ने इंडिया फर्स्ट का नारा दिया है।
लोगों की यह जानने की भारी उत्सुकता है कि बंगाल चुनावों के नतीजे क्या होंगे? ममता बनर्जी हारेंगी या जीत जाएँगी? सवाल वास्तव में उलटा होना चाहिए। वह यह कि बंगाल में नरेंद्र मोदी चुनाव जीत पाएँगे या नहीं?
कोरोना के दिन प्रतिदिन आ रहे आँकड़े बेहद ख़ौफ़नाक और डराने वाले हैं। जिन प्रदेशों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं, उनमें तो लगता है किसी को कोरोना की चिंता नहीं है। न भीड़ को, न उम्मीदवारों को, न सियासी पार्टियों को और न सितारा शिखर पुरुषों को।
महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख का इस्तीफ़ा काफ़ी पहले ही हो जाना चाहिए था। लेकिन हमारे नेताओं की खाल इतनी मोटी हो चुकी है कि जब तक उन पर अदालतों का डंडा न पड़े, वे टस से मस होते ही नहीं।
यूपी में पंचायत चुनाव शुरू हो चुके हैं। 75 ज़िलों की 58194 ग्राम पंचायतों के लिए चार चरणों में वार्ड सदस्य से लेकर प्रधान, बीडीसी और ज़िला पंचायत सदस्यों के चुनाव होंगे। परिणाम 2 मई को आएँगे।
वित्त मंत्रालय से ओवरसाइट की रिपोर्ट के बाद यह सवाल हवा में तैर रहा है कि एनएससी, पीपीएफ़ और बाक़ी छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर आगे भी बरक़रार रहेगी या फिर पाँच राज्यों के चुनाव ख़त्म होने के बाद फिर कटौती होगी?
केंद्र सरकार के आयकर-विभाग ने तृणमूल कांग्रेस के नेताओं पर छापे मार दिए हैं और उनमें से कुछ को गिरफ्तार भी कर लिया है। चुनावों के दौरान इनको लेकर ख़बरें उछलवाने का उद्देश्य क्या है?
पश्चिम बंगाल की चुनावी रणनीति में दो बड़े किरदार हैं- मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस और केंद्र सहित कई राज्यों में विजय पताका फहराने वाली भारतीय जनता पार्टी। पर कौन मज़बूत है?