पाँच राज्यों के चुनावों के नतीजे केंद्र सरकार, भारतीय जनता पार्टी के साथ-साथ कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष की राजनीति पर असर डालेंगे। इनसे पता चलेगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का ग्राफ़ किस ओर जा रहा है।
स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह को 23 मार्च, 1931 की सुबह जेल में फाँसी पर चढ़ा दिया गया। उनका लेख 'मैं नास्तिक क्यों हूँ?' 27 सितम्बर 1931 को लाहौर के अखबार 'पीपल' में प्रकाशित हुआ था। इसमें उन्होंने धर्म पर चोट की और खुद को नास्तिक बताया।
महात्मा गाँधी के इस देश की राजधानी दिल्ली की नाक के नीचे बसे ग़ाज़ियाबाद ज़िले के एक गाँव डासना में स्थित देवी के मंदिर में पानी की प्यास बुझाने के लिए प्रवेश करने वाले एक मासूम तरुण की ज़बरदस्त तरीक़े से पिटाई की जाती है।
अंतरराष्ट्रीय राजनीति के हिसाब से कल तीन महत्वपूर्ण घटनाएँ हुईं। एक तो अलास्का में अमेरिकी और चीनी विदेश मंत्रियों की झड़प, दूसरी मास्को में तालिबान-समस्या पर बहुराष्ट्रीय बैठक और तीसरी अमेरिकी रक्षा मंत्री की भारत-यात्रा।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में संघ के सबसे महत्वपूर्ण निर्वाचित पद यानी सर कार्यवाह के लिए दत्तात्रेय होसबोले को चुन लिया गया है।
म्यांमार में उथल-पुथल मची हुई है। सैन्य हुकूमत की तानाशाही के ख़िलाफ़ आंदोलनकारियों ने सड़कों को पाट रखा है। उन पर गोलियाँ चलाई जा रही हैं। डेढ़ सौ मारे जा चुके हैं। भारत से कोई प्रतिक्रिया क्यों नहीं है?
महामारी का ख़तरा उन लोगों के लिए भी उतना ही है, लेकिन जिस तरह से म्याँमार यानी बर्मा में सेना ने चुनी हुई सरकार को अपदस्थ कर सत्ता पर कब्जा किया है, जनता तमाम ख़तरों को नजरंदाज करते हुए सड़कों पर निकल आई है।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का गंगा स्नान के लिए हरिद्वार आने वालों पर कोविड—19 निगेटिव रिपोर्ट लाने की अनिवार्यता ख़त्म करने वाला आदेश क्या कुंभ मेले को श्रद्धालुओं के लिए 'महामारी का महाकुंभ' साबित कर देगा?