सरकार ने अब अपने किसान संगठन भी खड़े कर लिए हैं। मतलब कुछ किसान अब दूसरे किसानों से अलग होंगे! जैसे कि इस समय देश में अलग-अलग नागरिक तैयार किए जा रहे हैं।
बांग्लादेश की जयंति के 49वें और शेख मुजीबुर्रहमान के शताब्दी समारोह के मौके पर भारत और बांग्लादेश के प्रधानमंत्रियों के बीच बातचीत हुई, दोनों देशों के बीच जो 7 समझौते हुए हैं, उससे आपसी व्यापार, लेन-देन और आवागमन में काफी बढ़ोतरी होगी।
किसान आंदोलन से संबंधित गुरुवार की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने वर्तमान गतिरोध को हल करने के लिए एक बहुत ही समझदारी भरा रास्ता दिखाया। सरकार को इन क़ानूनों के कार्यान्वयन को रोकना चाहिए।
कृषि क़ानून के विरोध को प्रधानमंत्री और उनके वफादार किसानों को ‘ग़लत’ या ‘गुमराह’ घोषित कर सारे आन्दोलन को विपक्ष द्वारा प्रायोजित गुमराह लोगों का ग़ैर-ज़रूरी आन्दोलन कह कर अपना पल्ला झाड़ सकते हैं।
जवाहरलाल नेहरू और सरदार वल्लभभाई पटेल के बीच वैचारिक टकराव की तरह-तरह की चर्चाएँ होती हैं, नीतियों को लेकर दोनों में मतभेद भी थे। लेकिन उनका आपसी प्रेम अंतिम समय तक बना रहा।
सरदार वल्लभभाई पटेल की आज पुण्यतिथि है। प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने 'किसान नेता' सरदार पटेल की दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति नर्मदा के तट पर स्थापित कराई। लेकिन वह आज किसानों की बात क्यों नहीं सुनते?
देश के ज़्यादातर पढ़े-लिखे, शहरी और ऊँची जातियों के लोग स्वेच्छया ‘हम दो और हमारे दो’ की नीति पर चल रहे हैं लेकिन ग़रीब, ग्रामीण, अशिक्षित, मज़दूर आदि वर्गों के लोगों में अभी भी यह आत्म-चेतना जागृत नहीं हुई है।
देश के डॉक्टरों ने हड़ताल कर दी है। किसान आंदोलन के बाद अब यह डॉक्टर आंदोलन शुरू हो गया है। इन दोनों आंदोलनों का आधार ग़लतफहमी है। इस ग़लतफहमी का कारण किसान और डॉक्टर नहीं है़।
देश की तरक़्क़ी के लिए अगर तेज रफ़्तार वाले सुधारों की ज़रूरत है और मौजूदा ‘कुछ ज़्यादा ही’ लोकतंत्र उसमें बाधक बन रहा है तो फिर संसद की नई इमारत बनाने की ज़रूरत नहीं होनी चाहिए।
दुनिया में कोरोना-वैक्सीन का लोक-प्रयोग करने वाला पहला देश ब्रिटेन है। इसने ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्रेजनेका की वैक्सीन नहीं, अमेरिकी कम्पनी फाइज़र के टीके को प्रयोग की इजाज़त दी।
किसान आंदोलन के कारण सोनिया गाँधी ने अपना जन्मदिन मनाने से इनकार कर दिया था। उस दिन सोनिया गाँधी को ट्विटर पर टारगेट किया गया। पूरे दिन ट्विटर पर 'बार डाँसर' ट्रेंड करता रहा।
सोशल मीडिया पर एक तसवीर बहुत ज़्यादा चलाई जा रही है- इसमें आंदोलन कर रहे किसानों के हाथों में भीमा कोरेगाँव, शाहीनबाग़ और दिल्ली दंगों के लिए गिरफ्तार किए गए लोगों के पोस्टर हैं। यह तसवीर क्या कहती है?