झारखंड के आदिवासियों के लिए काम करने वाले 83 वर्ष के बुज़ुर्ग सामाजिक कार्यकर्ता स्टेन स्वामी पार्किंसन नामक बीमारी से जूझ रहे हैं। जेल में उन्हें स्ट्रॉ और सिपर कप जैसी छोटी-मोटी ज़रूरत की चीज़ें भी नहीं मिल रही हैं?
हिंदू आमतौर पर मसजिदों में नहीं जाते और मुसलमान आमतौर पर मंदिरों में नहीं जाते। लेकिन दोनों जिन जगहों पर जाते हैं उन्हें दरगाह कहते हैं। क्या दरगाह हिंदू-मुसलिम सद्भाव के प्रतीक नहीं हैं?
ट्रांसपेरेन्सी इन्टरनेशनल की ताज़ा रपट के अनुसार एशिया में सबसे अधिक भ्रष्टाचार यदि कहीं है तो वह भारत में है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को इससे गंदा प्रमाण-पत्र क्या मिल सकता है?
संविधान और लोकतंत्र पर सत्तापक्ष और हिंदुत्ववादी संगठनों द्वारा जितना ही खुलकर हमला हो रहा है उतना ही डॉ. आंबेडकर और उनकी वैचारिकता की प्रासंगिकता बढ़ती जा रही है।
स्टैंडअप कॉमेडियन भारती सिंह और उसके पति को गांजा रखने और पीने के आरोप में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने गिरफ्तार किया। दीपिका पदुकोण सहित कई हस्तियाँ राडार पर हैं। क्या समाज के आइकन खरा नहीं उतर रहे हैं?
मध्य प्रदेश में हुई गौ-कैबिनेट की चर्चा जितनी उसकी बैठक से पहले हुई, बैठक के बाद उतनी नहीं हुई क्योंकि उसमें ऐसा कुछ हुआ ही नहीं कि कोई बड़ी चर्चा हो सके। क्या बीजेपी को वाक़ई गाय की चिंता है?
आज जब हमारा देश भारी सामाजिक आर्थिक और राजनैतिक चुनौतियों का सामना कर रहा है, उत्पीड़ित जनता की दुर्दशा को दूर करने के लिए बड़ी संख्या में आशिक़ों (वास्तविक देशभक्तों) की घोर आवश्यकता है।
'यूनेस्को विश्व धरोहर' में शुमार फ़तेहपुर सीकरी की देख-रेख का ज़िम्मा 'भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण' का है, लेकिन वह दुर्दशा का शिकार है। आख़िर इसकी देखरेख क्यों नहीं हो रही है?
मुसलिम नेता असदुद्दीन ओवैसी देश में लगातार संगठित और मज़बूत होते हिंदू राष्ट्रवाद के समानांतर अल्पसंख्यक स्वाभिमान और सुरक्षा का तेज़ी से ध्रुवीकरण कर रहे हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने डाॅ. मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में तीन कमेटियां बना दी हैं, जिनका काम पार्टी की अर्थ, सुरक्षा और विदेश नीतियों का निर्माण करना है।
लव जिहाद बीजेपी और हिंदुत्ववादी संगठनों का नया प्रोपेगेंडा है। लव जिहाद हिन्दुत्व एजेंडे को आगे बढ़ाने का नया पैंतरा है। इसीलिए योगी आदित्यनाथ सहित बीजेपी के कई नेता इसको आगे बढ़ा रहे हैं।
कल्पना कीजिए कि सेंट्रल विस्टा परियोजना सिर्फ एक नौकरशाह के हाथ में ना होती जिसे संपूर्ण निर्णय लेने का असीमित अधिकार होता, बल्कि लोकतांत्रिक तरीके से नागरिकों से यह पूछा जाता कि हम इसका कैसा रूप चाहते हैं?
पश्चिम बंगाल में कुछ महीनों बाद विधानसभा का चुनाव होना है। इस युद्ध में बीजेपी के सेनापति गृहमंत्री अमित शाह हैं, इसलिए राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने भी ख़ुद को इस युद्ध में झोंक रखा है। क्या राज्यपालों का यही काम है?