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बंगाल में निष्पक्ष चुनाव नहीं होने देेगी ममता सरकार, बीजेपी ने आयोग से कहा

भारतीय जनता पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से मुलाक़ात की और कहा कि ममता बनर्जी की अगुआई वाली पश्चिम बंगाल सरकार राज्य में अगला आम चुनाव निष्पक्ष और भयमुक्त वातावरण में नहीं होने देगी। उसने आयोग से यह भी कहा कि राज्य सरकार में कुछ ऐसे अफ़सर हैं जो पार्टी के कार्यकर्ता की तरह व्यवहार कर रहे हैं, उन्हें चुनाव की ड्यूटी से अलग रखा जाए। 
आयोग से मुलाक़ात करने के बाद केंद्रीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि राज्य सरकार में कुछ ऐसे अफ़सर हैं जो निष्पक्ष नहीं हैं, तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता की तरह व्यवहार करते हैं। लिहाज़ा, उन्हें चुनाव ड्यूटी से दूर रखा जाए। सीतारमण ने किसी अफ़सर का नाम नहीं लिया। उन्होंने कहा कि ये अफ़सर कौन हैं, उनके नाम क्या हैं, यह सबको पता है। 
सीतारमण ने तृणमूल कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा किउसने अपने कैडर को हथियारों से लैस कर उतार दिया है। ये लोग पुलिस की वर्दी में हैं, पुलिस की लाठी के साथ हैं और लोगों के बीच ऐसा बर्ताव कर रहे हैं मानो वे असली पुलिस वाले हों। रक्षा मंत्री ने चुनाव आयोग से यह भी कहा कि यह सब राज्य सरकार और उसके साथ कुछ अफ़सरों की मिलीभगत से हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह चुनाव आयोग की ज़िम्मेदारी है कि पश्चिम बंगाल में निष्पक्ष चुनाव कैसे होते हैं, इसका इंतजाम करे। 
प्रतिनिधिमंडल में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री भअब्बास नक़वी भी थे। उन्होने पत्रकारों से कहा कि राज्य सरकार किसी सूरत में चुनाव ठीक से नहीं होने देगी और इसकी बड़ी वजह वे अफ़सर हैं, जो उसके साथ हैं। इस प्रतिनिधिमंडल में बीजेपी के पश्चिम बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय और मुकुल राय भी थे। 
प्रतिनिधिमंडल में मुकुल राय का जाना बेहद दिलचस्प मामला है। मुकुल राय कुछ महीनों पहले तक तृणमूल में थे, राज्य सरकार में  मंत्री थे और ममता बनर्जी के बेहद निजी विश्वापात्रों में एक थे। उन पर शारदा चिटफंड घोटाले में शामिल होने के आरोप लगे, वे अभियुक्त बनाए गए, उनसे पूछताछ हुई। सीबीआई ने उनके मामले की जाँच की। पर बाद में उन्होंने पार्टी छोड़ दी और बीजेपी में शामिल हो गए। बीजेपी का हाथ थामने के बाद सीबीआई ने फिर उनसे कोई पूछताछ नहीं की। 
यह भी दिलचस्प मामला है कि जो आरोप बीजेपी ने तृणमूल पर लगाए हैं, बिल्कुल वही आरोप तृणमूल ने कई बार बीजेपी पर लगाए हैं। उसका भी कहना है कि बीजेपी भयमुक्त वातावरण में निष्पक्ष चुनाव नहीं होने देगी। 
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क़मर वहीद नक़वी

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