राहुल गांधी ने जिस 'मत्स्य मंत्रालय' का मुद्दा छेड़ा था उसमें अब अमित शाह भी कूद पड़े हैं। और अब अमित शाह ने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि केंद्र ने दो साल पहले ही मत्स्य विभाग बना दिया है और राहुल यह इसलिए नहीं जानते हैं क्योंकि वह 'छुट्टी' पर थे।
कांग्रेस में एक समय पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर तूफ़ान लाने वाले पार्टी के नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद ने प्रधानमंत्री मोदी की तारफ़ी की है। उन्होंने उनकी इसलिए तारीफ़ की कि वह अपनी जड़ों को नहीं भूले हैं और वह ख़ुद को अभी भी 'चायवाला' बुलाते हैं।
बाग़ी नेताओं की ओर से बीते साल कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी गई थी और उसके बाद पार्टी में भूचाल आया था। इन नेताओं के गुट को G-23 गुट का नाम दिया गया है।
कांग्रेस इन दिनों आप के निशाने पर है। आप नेताओं के सोशल मीडिया पेज पर पोस्ट हुए पोस्टर्स इसकी तसदीक करते हैं। इन पोस्टर्स में कहा गया है कि कांग्रेस को वोट देना बीजेपी को वोट देने जैसा है।
राहुल गांधी के उत्तर-दक्षिण वाले बयान को लेकर तो बीजेपी उन पर हमलावर थी ही, लंबे वक़्त से पार्टी के ख़िलाफ़ बोल रहे कपिल सिब्बल ने भी बीजेपी के सुर में सुर मिलाया है।
पायलट ने दौसा, भरतपुर और चाकसू में बड़ी किसान महापंचायतें की हैं और इनमें अशोक गहलोत और प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा की मदद के बिना ही भीड़ जुटाकर आलाकमान तक अपने ‘जिंदा’ होने का पैगाम पहुंचाया है।
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब के इस ताज़ा बयान के- “अमित शाह ने कहा था कि बीजेपी को नेपाल और श्रीलंका में भी जीत हासिल करनी चाहिए”, इसके राजनीतिक अर्थ हैं।
यह बात तय है कि 2022 में प्रियंका ही उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री पद का चेहरा होंगी। प्रियंका को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाने से सुस्त और निस्तेज पड़ी कांग्रेस में जान आ सकती है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे राज्यसभा में विपक्ष का नेता होंगे। वह ग़ुलाम नबी आज़ाद की जगह लेंगे। राज्यसभा से आज़ाद की बिदाई के बाद वह पद खाली होगा। उनका कार्यकाल 15 फ़रवरी को ख़त्म होगा।