क्या आम आदमी पार्टी की बड़ी जीत की बड़ी वजह युवा हैं? क्या युवाओं की पहली पसंद अब केजरीवाल की पार्टी बन गई है? यदि ऐसा है तो युवाओं की पार्टी कही जाने वाली बीजेपी कैसे मात खा गई?
क्या बीजेपी को अब सहयोगियों के दूर होने की कमी खलने लगी है? शिवसेना, झारखंड में आजसू के एनडीए से अलग होने और दूसरे सहयोगियों के नाराज़ होने से क्या बीजेपी में खलबली मची है?
भारतीय राजनीति में ग़ैर-कांग्रेसवाद का एक बड़ा दौर रहा है लेकिन अब क्या देश आने वाले समय में ग़ैर-भाजपावाद की राजनीति की ओर बढ़ने वाला है? क्या कांग्रेस विचारधारा से समझौता करेगी?
अर्थव्यवस्था की हालत तो लंबे समय से ख़राब होती जा रही है, लेकिन सुस्त पड़ी कांग्रेस अब इस मुद्दे पर अचानक से तेज़ी कैसे दिखने लगी है? आर्थिक मंदी पर कांग्रेस एक से 8 नवंबर तक 35 प्रेस कॉन्फ़्रेंस करेगी।
महाराष्ट्र व हरियाणा विधानसभा चुनाव और कई दूसरे राज्यों में उपचुनावों का मिलाजुला परिणाम आने के बाद प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह ने पार्टी की बड़ी जीत बताया।
लोकसभा चुनाव में ज़बरदस्त हार के पाँच महीने बाद भी कांग्रेस हार के कारणों का विश्लेषण नहीं कर पाई है, बल्कि अभी भी पार्टी में इस बात पर चर्चा चल रही है कि ऐसा क्यों नहीं हो पाया है।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह बलवंत सिंह राजोआना की दया याचिका पर फ़ैसला करे। राजोआना की दया याचिका सरकार के पास 2012 से ही लंबित पड़ी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने 'ओम' और 'गाय' पर बयान दिया। क्या बीजेपी की राजनीति गाय और हिन्दुत्व को ही आगे बढ़ाने की है? गाय पर इतना ज़ोर क्यों है? बीजेपी के पास क्या दूसरी कोई उपलब्धि नहीं है? अर्थव्यवस्था पर बात क्यों नहीं? देखिए शैलेश की रिपोर्ट।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता सीताराम येचुरी ने आख़िरकार गुरुवार को अपनी पार्टी के विधायक यूसुफ़ तारीगामी से श्रीनगर में मुलाक़ात की। इसके लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी।
प्रधानमंत्री मोदी पर लगातार हमलावर रहे शत्रुघ्न सिन्हा ने मोदी की तारीफ़ में कसीदे पढ़े हैं। तो क्या शत्रुघ्न सिन्हा अब कांग्रेस को छोड़कर फिर से बीजेपी में शामिल होना चाहते हैं?
आख़िर क्यों कांग्रेस पार्टी गाँधी परिवार से बाहर निकलने की नहीं सोच पाती है? ऐसा क्या है कि वह उसी परिवार के इर्द गिर्द घूमती रहती है? यह परिवार इस पार्टी की ख़ूबी है या बोझ?
लंबे समय से कांग्रेस के नए अध्यक्ष पर चली आ रही अटकलों पर आज विराम लग सकता है। आज रात नौ बजे तक पार्टी के नए अध्यक्ष को चुन लिए जाने की संभावना है। अधीर रंजन ने इसके संकेत दिए हैं।