कांग्रेस में अध्यक्ष पद को लेकर अभी सस्पेंस कुछ दिन और बना रह सकता है। हालाँकि शुक्रवार शाम तय माना जा रहा था कि शनिवार सुबह नया अध्यक्ष चुन लिया जाएगा। लेकिन देर रात तक चली बैठक के बाद हालात बदल गए हैं।
अनुच्छेद 370 में फेरबदल के बाद कांग्रेस में क्यों पूरी तरह बिखरती दिख रही है? क्या पार्टी में एक राय नहीं है? राहुल के इस्तीफ़े के बाद से ही नेतृत्वहीन दिख रही क्या कांग्रेस के लिए यह बड़ा संकट नहीं है? देखिए सत्य हिंदी के लिए शैलेश की रिपोर्ट में इन सवालों के जवाब।
कांग्रेस में पिछले 2 महीने से अध्यक्ष पद को लेकर बनी असमंजस की स्थिति स्वतंत्रता दिवस से पहले ख़त्म हो सकती है। यानी 15 अगस्त से पहले कांग्रेस को नया अध्यक्ष मिल सकता है।
कांग्रेस के अध्यक्ष पद को लेकर संकट लगातार गहराता जा रहा है कांग्रेस के अंदर से ख़बर आ रही है कि प्रियंका गाँधी ने भी कांग्रेस अध्यक्ष की ज़िम्मेदारी संभालने से साफ़ इंकार कर दिया है। आख़िर कोई क्यों नहीं बनना चाहता है पार्टी अध्यक्ष?
लोकतंत्र के लिए सत्ताधारी पार्टी का महत्व बहुत ज़्यादा है, पर विपक्ष की भूमिका भी कम नहीं है। विपक्ष के बहुत सारे नेता सत्ताधारी पार्टी में शामिल होना चाहते हैं। क्या यह देश की राजनीति के लिए सही है?
कांग्रेस के अंदरूनी ख़ेमों से ख़बरें आने लगी हैं कि वरिष्ठ नेताओं का एक गुट अब प्रियंका गाँधी को अध्यक्ष बनाने की कवायद में जुट गया है। नेताओं ने पार्टी के भीतर और बाहर भूमिका तैयार करनी शुरू कर दी है।
कांग्रेस में इस्तीफ़ों का दौर जारी है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी कांग्रेस महासचिव पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। अब सवाल उठता है कि क्या प्रियंका गाँधी भी तो इस्तीफ़ा नहीं देंगी?
कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल से उस सांसद को लोकसभा में अपना नेता क्यों बनाया है जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद सत्र शुरू होने से एक दिन पहले ‘फ़ाइटर’ बताया था?
जे.पी. नड्डा को बीजेपी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है। इसके साथ ही इसपर लंबे समय से चला आ रहा अटकलों का दौर ख़त्म हो गया है। अमित शाह के गृहमंत्री बनने के बाद से बीजेपी अध्यक्ष पद पर कई नामों को लेकर कयास लगाये जा रहे थे।
अमित शाह क्या गृह मंत्री के साथ बीजेपी अध्यक्ष के पद पर भी बने रहेंगे? इसे लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं। शाह के और 6 महीने तक अध्यक्ष बने रहने की संभावना है।
राहुल गाँधी कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर बने रहेंगे या नहीं, इसे लेकर पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि राहुल गाँधी कांग्रेस के अध्यक्ष थे, हैं और रहेंगे।
राम मंदिर के मुद्दे पर शिवसेना के सुर लोकसभा चुनाव के बाद बदल गए हैं। संजय राउत ने अब कहा है कि यह काम मोदी, योगी के साथ हम मिल कर पूरा करेंगे। तो शिवसेना का रूख़ नरम अब क्यों पड़ा?