loader

रॉबर्ट वाड्रा के साथ मोदी की भी जाँच हो, राहुल ने कहा

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक बार फिर निशाना साधते हुए कहा है कि सरकारी दस्तावेज़ में उनके नाम हैं, यह साफ़ है कि उन्होंने रफ़ाल सौदे में घपला किया है, लिहाज़ा उनकी जाँच हो। उन्होंने यह भी कहा कि क़ानून सबके लिए समान है। रॉबर्ट वाड्रा हों या नरेंद्र मोदी, जाँच सबकी होनी चाहिए। 
तमिलना़डु के चेन्नई स्थित स्टेला मैरिस कॉलेज के छात्रों से रूबरू राहुल ने कहा कि क़ानून लागू करने में किसी तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिए और चुनिंदा लोगों पर ही कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। क़ानून सबके लिए बराबर है और कोई भी आदमी हो, यदि उसके ख़िलाफ़ शिकायत हैं तो मामले की जाँच होनी चाहिए। उन्होंने इसी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि सरकार काग़ज़ात में यह लिखा गया है कि प्रधानमंत्री ख़ुद सीधे दसॉ से बात कर रहे थे। 
राहुल गाँधी ने नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करने के लिए मौजूद छात्रों से पूछा कि जिस तरह वह उनके बीच आए हैं और उनसे बात कर रहे हैं, क्या प्रधानमंत्री ने इस तरह कभी बात की है। उन्होंने पूछा, 'आपने कब प्रधानमंत्री को इस तरह 3,000 महिलाओं के बीच खड़ा पाया है, कब उन्होंने इस तरह सबके सवालों के जवाब दिए हैं?'
छात्रों के साथ बातचीत के दौरान सबसे महत्वपूर्ण यह रहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने देश में चल रहे वैचारिक और सैद्धांतिक संघर्ष की बात की। उन्होंने नाम लिए बग़ैर संघ परिवार की विचारधारा पर चोट की। 
राहुल ने कहा, 'देश में दो विचारधाराओं के बीच साफ़ संघर्ष चल रहा है। एक विचारधारा सबको साथ लेकर चलने वाली है जिसका मानना है कि कोई समुदाय दूसरे पर हावी न हो और सब साथ मिल कर रहें। दूसरी विचारधारा मौजूदा सरकार और प्रधानमंत्री की है जो अपने विचार पूरे देश पर थोपना चाहते हैं।'
 राहुल ने कहा कि इस दूसरी विचारधारा का मानना है कि अलग-अलग संस्कृतियाँ औ भाषाएँ केंद्रीयकृत संस्कृति और विचार से घटिया हैं। 
राहुल गाँधी ने स्टेला मैरिस कॉलेज में छात्रों से बात करते हुए यह साफ़ कर दिया कि वह रफ़ाल जैसे मुद्दों को छोड़ने वाले नहीं है और इसे बार-बार उठाते रहेंगे। उन्होंने अपने बहनोई रॉबर्ट वाड्रा का खुले नाम लेकर और उनकी जाँच कराने की बात कह कर यह भी स्पष्ट कर दिया कि इस मुद्दे पर वह या उनकी पार्टी रक्षात्मक रवैया नहीं अपनाएगी।
राहुल ने यह भी संकेत दे दिया कि वाड्रा के नाम पर वह बीजेपी को हमलावर नहीं होने देंगे और इस मुद्दे पर भी नरेंद्र मोदी को ही निशाने पर रखेंगे। यह कहना कि क़ानून सबके लिए बराबर है, लिहाज़ा रॉबर्ट वाड्रा हों या नरेंद्र मोदी, जाँच सबकी हो। इस बहाने वह मोदी को घेरने की रणनीति को और मजबूती से लागू कर रहे हैं। अब बीजेपी को इसका जवाब देना मुश्किल होगा, क्योंकि राहुल रॉबर्ट वाड्रा की जाँच करवाने की बात कह रहे हैं। वाड्रा पर मनी लॉन्डरिंग का आरोप है और प्रत्यवर्तन निदशालय उसकी जाँच कर रहा है। उनसे पूछताछ की गई है। 
राहुल गाँधी इसके बहाने बहस को राष्ट्रवाद से भी बाहर निकालना चाहते हैं। अब बीजेपी यदि उनकी बातों का जवाब देगी और वाड्रा पर हमले तेज करेगी तो बालाकोट हमले की बात पीछ छूट जाएगी। यह कांग्रेस के लिए फ़ायदेमंद होगा, क्योंकि राष्ट्रवाद के मुद्दे को बीजेपी भुनाने में लगी हुई है और इस पर कांग्रेस रक्षात्मक रवैया अपनाने को मजबूर है। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

राजनीति से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें