एचडी कुमारस्वामी
जेडीएस - चन्नापटना
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पंजाब के विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार घोषित करने के मामले में तो आम आदमी पार्टी चुस्त है लेकिन वह मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर सुस्त है। इसे लेकर पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल से लगातार सवाल पूछा जा रहा है लेकिन वह इसे कुछ कुछ न कहकर टाल देते हैं।
लेकिन अब जब विधानसभा चुनाव में सिर्फ़ तीन महीने रह गए हैं तो केजरीवाल कब मुख्यमंत्री के चेहरे का एलान करेंगे, इस सवाल को पंजाब में पूछा जा रहा है। हालांकि उन्होंने पिछले बार की ग़लतियों से सीख लेते हुए यह एलान पहले ही कर दिया था कि उनके मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार सिख समुदाय से होगा।
शनिवार को आप ने 30 उम्मीदवारों वाली दूसरी सूची जारी कर दी। इसमें पूर्व आईपीएस कुंवर विजय प्रताप सिंह, पूर्व डीसीपी बलकार सिंह, गायिका अनमोल गगन मान जैसे बड़े नाम शामिल हैं। नवंबर में पार्टी ने 10 उम्मीदवारों के नाम का एलान किया था।
2017 में अपने पहले ही चुनाव में मुख्य विपक्षी दल बनने में कामयाब रही आम आदमी पार्टी को उम्मीद है कि इस बार उसके भाग्य का छींका फूट सकता है। केजरीवाल दिल्ली के बाहर आम आदमी पार्टी के विस्तार के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं। इसमें भी उनका फ़ोकस पंजाब पर ज़्यादा है।
केजरीवाल लगातार पंजाब के दौरे कर रहे हैं। बीते दिनों में उन्होंने पंजाब को लेकर कई बड़े एलान किए हैं और कुछ चुनावी सर्वे में आम आदमी पार्टी के सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने से भी वह जोश में हैं।
पंजाब में पार्टी के कार्यकर्ता लंबे वक़्त से सांसद भगवंत मान को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की मांग कर रहे हैं। लेकिन न जाने क्यों पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल इसमें देर कर रहे हैं। इस वजह से मान के समर्थकों के सब्र का बांध टूट रहा है।
मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने में देर होने से भगवंत मान के समर्थक परेशान हैं और कई बार प्रदर्शन भी कर चुके हैं। उनका कहना है कि मान को चेहरा नहीं बनाया गया तो पार्टी को इसका सियासी खामियाजा भुगतना होगा।
भगवंत मान दो बार सांसद चुने जा चुके हैं और आम आदमी पार्टी की पंजाब इकाई के प्रधान भी हैं। मान भी चाहते हैं कि उन्हें पंजाब में चेहरा घोषित किया जाए। कहा जाता है कि इसमें देरी होने से वह नाराज़ हैं।
केजरीवाल अपने भाषणों में भगवंत मान की तारीफ़ भी करते हैं लेकिन इसके बाद भी अब जब पंजाब के चुनाव में सिर्फ़ तीन महीने का वक़्त बचा है तो केजरीवाल मान पर दांव लगाने में क्यों हिचक रहे हैं।
कांग्रेस ने दलित सिख समुदाय से आने वाले चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाकर बड़ा दांव खेला है। ऐसे में केजरीवाल दलित सिख वर्ग से या फिर जट्ट सिख वर्ग के किस नेता को मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाएंगे, इस पर सभी की नज़रें लगी हैं।
यह ज़रूर कहा जा सकता है कि अगर भगवंत मान को पार्टी ने चेहरा नहीं बनाया तो उनके समर्थक बग़ावत कर सकते हैं और पार्टी को इससे कई सीटों पर नुक़सान हो सकता है।
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