तालिबान ने अफ़ग़ानिस्तान के छह प्रांतों पर क़ब्ज़ा कर लिया है, हज़ारों लोग विस्थापित हो चुके हैं और हज़ारों सड़कों पर चल रहे हैं। मानवीय संकट खड़ा हो गया है, जिसके बढने की आशंका जताई जा रही है।
अफ़ग़ानिस्तान के तीन प्रांतों की राजधानियों में तालिबान के लड़ाके दाखिल हो चुके हैं, लश्कर गाह में सडकों पर लाशें हैं और काबुल में रक्षा मंत्री के घर पर आत्मघाती हमला हुआ है।
तालिबान ने जिस तरह काबुल पर क़ब्ज़ा करते ही महिलाओं को घर जाने को कह दिया और उनके पोस्टर हटा दिए, लोगों को पुराने दिनों की याद ताज़ा हो गई है। फिर यह नया तालिबान क्या है?
दानिश सिद्दीकी की तसवीरें खोयी इंसानियत को तलाश करने की अपील हैं। तालिबान अपने अफ़सोस की रस्म से निकलकर यह असली काम कर पाएँगे या भारत में या पूरी दुनिया में हिंसा और युद्ध को ही जीवन बना देनेवाले इस अपील को सुन पाएँगे, पूछ रहे हैं लेखक अपूर्वानंद।
अफ़ग़ानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि पाकिस्तान में अफ़ग़ान राजदूत नजीबुल्लाह अलीखील की बेटी को इस्लामाबाद से अगवा कर लिया गया और प्रताड़ित किया गया।
भारतीय फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी अफ़ग़ानिस्तान संघर्ष में मारे गए। वह अंतरराष्ट्रीय न्यूज़ एजेंसी रायटर्स के लिए अफ़ग़ानिस्तान में रिपोर्टिंग कर रहे थे।
भारत में अफ़ग़ान राजदूत फ़रीद मामंदज़ई ने कहा है कि यदि तालिबान से चल रही बातचीत टूट ही गई और अमेरिका की सेना लौट गई तो उनका देश भारत से सैनिक सहायता मांगेगा।