अमेरिका भाग गया। बेलगाम तालिबान। कैसे चलेगा अफगानिस्तान? अब तो भारत ने भी तालिबान से बात कर ली। क्या है आगे का रास्ता? आलोक अड्डा में वरिष्ठ पाकिस्तानी पत्रकार हारून रशीद, बीबीसी हिंदी के पूर्व संपादक शिवकांत, वरिष्ठ पत्रकार हिसाम सिद्दीकी, आशुतोष और हिमांशु बाजपेई
अमेरिका ने तय समय से पहले ही अफगानिस्तान छोड़ दिया .आज काबुल में तालिबान ने जश्न मनाया .सुरक्षा परिषद भी तालिबान पर नर्म पड़ा है .अब आगे क्या होगा ?आज की जनादेश चर्चा शाम सात बजे
Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन । अफ़ग़ानिस्तान से आख़िरी अमेरिकी सैनिक भी लौटे। रिपोर्ट- तालिबान घरों पर चिपका रहे पत्र, ‘सरेंडर करो या मरो’
तालिबान के आतंकवादी संगठनों से संबंध की रिपोर्टें भी आती रही हैं। तालिबान ने दुनिया के सबसे वांछित व्यक्तियों में से एक ओसामा बिन लादेन को शरण दी थी। इसके बावजूद तालिबान अमेरिका की आतंकवादी संगठनों की सूची में क्यों नहीं है?
अमेरिका ने अफ़ग़ानिस्तान के 9.5 बिलियन डॉलर रिजर्व को फ्रीज़ कर दिया है। यह कार्रवाई काबुल में तालिबान के कब्जे के बाद की गई है ताकि तालिबान उस फंड तक पहुँच नहीं सके।
अफ़ग़ानिस्तान में उथल-पुथल है। तालिबान अब सत्ता में वापस लौट आया है। ऐसा लगता है कि अमेरिका ने काफ़ी पहले ही अफ़ग़ानिस्तान युद्ध में हार मान ली थी। वियतनाम युद्ध के बाद अफ़ग़ानिस्तान में एक और हार!
Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। अफ़ग़ानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी का फ़ैसला सही: बाइडन। ‘अफगान ही तैयार नहीं तो अमेरिकियों को मरने के लिए नहीं छोड़ सकते’
जिस तरह अफगानिस्तान पर तालिबान ने कब्जा किया वह अप्रत्याशित था .क्या अमेरिका ने तालिबान के साथ कोई डील की ?इसका भारत पाकिस्तान पर क्या असर पड़ेगा ?आज की जनादेश चर्चा इसी मुद्दे पर।