झारखंड में अप्रैल-मई में मरने वाले लोगों की तादाद पिछले साल की अवधि में हुई मौतों से लगभग डेढ़ गुणे ज़्यादा है। और यह सरकार के आँकड़ों से ही साबित होता है।
सऊदी अरब ने कहा है कि इस बार सिर्फ 60 हज़ार मुसलमानों को हज़ की अनुमति दी जाएगी और वे सब सऊद अरब के ही होंगे। इसकी वजह कोरोना वायरस संक्रमण से सुरक्षा बताई गई है।
दिल्ली सरकार ने एलान किया है कि हर घर जाकर सर्वेक्षण किया जाएगा और उसके बाद पोलिंग बूथ पर 45 साल से ऊपर के लोगों को कोरोना टीका दिया जाएगा, टीकाकरण का काम हर हाल में चार सप्ताह में पूरा कर लिया जाएगा।
दुनिया के अलग-अलग देशों में बैठे अनजान लोगों ने इंटरनेट के महासागर को मथ कर जो साक्ष्य जुटाए हैं उनसे इस आशंका को बल मिला है कि चीन स्थित वुहान इंस्टीच्यूट ऑफ वायरोलॉजी से कोरोना वायरस निकला है।
दुनिया भर में मशहूर और ब्रिटेन से छपने वाली स्वास्थ्य पत्रिका 'द लांसेट' ने शोध में पाया है कि कोरोना टीका की दो खुराकों के बीच का अंतर कम होना चाहिए। यह भारत सरकार के फ़ैसले के ठीक उलट है।
सरकार ने निजी क्षेत्र को देने के लिए जितने कोरोना टीके सुरक्षित रखे, उसमें से आधा टीके सिर्फ 9 कॉरपोरेट अस्पतालों ने ले लिए, जिनके अस्पताल बड़े शहरों में हैं।
क्या दिल्ली सरकार कोरोना से होने वाली मौतों को जानबूझ कर छिपा रही है? यह सवाल इसलिए उठता है कि दिल्ली के तीनों म्युनिसपल कॉरपोरेशनों से जारी मृत्यु प्रमाण पत्रों और दिल्ली सरकार के कोरोना मौत के आँकड़ो में भारी अंतर है।
कोरोना महामारी और उसके बाद लगाए गए लॉकडाउन ने खरीद-फ़रोख़्त और बाजार में बुनियादी बदलाव लाए हैं। यह बदलाव सबसे साफ़ तौर पर ऑनलाइन शॉपिंग के क्षेत्र में देखा जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की कोरोना टीका नीति पर सवाल उठाते हुए इसकी आलोचना की है। अदालत ने कहा है कि 45 साल और इससे अधिक की उम्र के लोगों को मुफ़्त कोरोना टीका देना और 45 से कम की उम्र के लोगों से इसके लिए पैसे लेना 'अतार्किक' और 'मनमर्जी' है।
बच्चों-किशोरों पर लॉकडाउन का असर दूरगामी हो सकता है, जिससे उनकी मानसिकता बदल सकती है, उनके पूरे जीवन पर इसका असर दिख सकता है। अभिभावक, शिक्षक और माता-पिता इसे पूरी तरह समझ भी नहीं पा रहे हैं।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिख कर कहा है कि राज्यों से टीका खरीदने को कहना सहकारी संघवाद के सिद्धांत के ख़िलाफ है। उन्होंने केंद्र से मुफ़्त टीका देने को कहा है।
क्या वाकई कोरोना वायरस प्राकृतिक जीव नहीं है और इसे चीन के शहर ऊहान (वुहान) स्थित सरकारी प्रयोगशाला में बनाया गया था? और क्या इसका पहला शिकार उस प्रयोगशाला में काम कर रहे एक वैज्ञानिक की पत्नी थी?