कोरोना और इस महामारी से बचने के लिए लगाए गए लॉकडाउन ने क्या मानव स्वभाव को भी प्रभावित किया है? क्या कोरोना की वजह से हमारे मनोविज्ञान, स्वभाव, व्यवहार व कामकाज के तौर तरीकों में कोई फ़र्क आया है?
अब स्पष्ट है कि देश को हर तरफ और हर मुमकिन तरीके से अराजकता में धकेला जा रहा है। इसका सबसे ताजा उदाहरण है पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को दिल्ली रिपोर्ट करने का निर्देश।
कोरोना टीके की कमी और साल के अंत तक हर हाल में देश के सभी लोगों का टीकाकरण करने के दावों के बीच सरकार ने यह भी साफ कर दिया है कि टीके का उत्पादन यकायक नहीं बढ़ाया जा सकता है।
कोरोना टीके की कमी और टीकाकरण कार्यक्रम रुक जाने के बीच केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों के तमाम आरोपों को 'अर्द्ध सत्य', 'बिल्कुल झूठ' और 'तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया तथ्य' क़रार दिया है।
सरकारी आँकड़ों के मुताबिक ही कोरोना महामारी से तीन लाख से अधिक लोगों की मौत होने के बावजूद केंद्र सरकार उससे निपटने के लिए आलोचकों की सलाह लेने या उनसे बात करने के बजाय उन पर ज़ोरदार हमले करने की नीति पर चल रही है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन ने योग गुरु रामदेव को एक कड़ी चिट्ठी लिख कर फटकार लगाई है और एलौपैथी डॉक्टरों पर दिए गए बयान को वापस लेने को कहा है।
ऐसे समय में जब कोरोना महामारी के कारण विश्व अर्थव्यवस्था चौपट हो गई, करोड़ों लोग बेरोज़गार हो गए, दुनिया की कोई अर्थव्यवस्था इसकी चपेट में आने से नहीं बच सकी, आख़िर कैसे अरबपतियों की संख्या पाँच गुणे बढ़ गई और सबसे ज़्याद फ़ायदा उठाने वाले व्यक्ति की जायदाद में 100 अरब डॉलर की बढ़ोतरी दर्ज की गई?
सरकार भले ही यह दावा करे कि टीके की कोई कमी नहीं है और दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान सही ढंग से चल रहा है, आईएमएफ़ ने अनुमान लगाया है कि इस साल के अंत तक भारत के एक तिहाई लोगों को ही टीका लगाया जा सकेगा।
ऐसे समय जब कई सरकारें कोरोना से होने वाली मौतों को छुपाने की कोशिशें कर रही हैं, मृत्यु प्रमाण पत्र उनकी पोल खोल रहा है। दिल्ली में अप्रैल 2021 में इसी महीने के पिछले साल की तुलना में लगभग ढ़ाई गुणा मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता पिछले सात साल के न्यूनतम स्तर पर है। हालांकि वे अभी भी देश के सबसे लोकप्रिय नेता हैं, उन्हें पसंद करने वालों से ज़्यादा संख्या उन्हें नापसंद करने वालों की है और यह भी सात साल में पहली बार हुआ है।