पब्लिक टीवी ने अपने न्यूज़ बुलेटिन में ख़बर चलाई थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैलिकॉप्टर से पैसा गिराएंगे। इस पर केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने चैनल को नोटिस थमाया है।
कोरोना संक्रमण के हाॅट स्पाॅट् इंदौर में एक अज्ञात कार में बैठे लोग 100, 200 और 500 रुपये के दो दर्जन नोट उड़ाकर फरार हो गये। कार में कितने लोग सवार थे, इसका पता नहीं चल पाया है।
क्या WHO ने अमेरिका और बाक़ी दुनिया को कोरोना के बारे में ग़लत सूचना दी। क्या यह सब चीन के इशारे पर हुआ। इसका मक़सद क्या था। चीन और अमेरिका की ज़ुबानी जंग कहाँ तक जाएगी। शैलेश की रिपोर्ट
मीडिया में उथल पुथल मची हुई है । तमाम नौकरियाँ चली गई हैं और तमाम उसी रास्ते पर हैं । कई जगह वेतन कटौती हो चुकी है । कोरोना प्रलय बन कर आया है । रेवेन्यू के नदारद होते ही कुछ राष्ट्रवादी पत्रकार रातोंरात धर्मनिरपेक्ष हो गये तो कई मध्यमार्गी राष्ट्रवादी । तमाम मज़दूर की भाषा बोलते मिले और तमाम चीखते स्वर गूँगे हो गये । अमर उजाला के संपादक मंडल के नक्षत्र शरद गुप्ता से इस पर सवाल पूछ रहे हैं शीतल पी सिंह
क्या लॉकडाउन से हमारी केंद्र व राज्य सरकारों ने वह हासिल कर लिया जिसके दावे किए गए थे? या लॉकडाउन के बाद एक और लॉकडाउन करके ही कोरोना वायरस पर विजय पाने की बात केंद्र व राज्य सरकारों ने सोच रखी है?
लॉकडाउन पार्ट 2 के दौरान 20 अप्रैल से कुछ जगहों पर छूट मिलने की बात केंद्र सरकार ने कही है। लेकिन देश की राजधानी के लोगों को यह छूट नसीब होना मुश्किल है।