जीडीपी में 20 प्रतिशत की वृद्धि पर बहुत खुश होने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि भारतीय अर्थव्यवस्था का बुरा समय अभी भी ख़त्म नहीं हुआ है और यह मंदी से बाहर नहीं निकला है।
फिच समूह की इंडिया रेटिंग्स ने टीकाकरण की रफ़्तार कम होने की वजह से भारत की जीडीपी अनुमान घटा दिया है। इसने कहा है कि जीडीपी वृद्धि दर 2021-22 में 9.6 फ़ीसदी नहीं, बल्कि अब 9.4 फ़ीसदी ही रहने की संभावना है।
स्वतंत्रता दिवस पर भाषण करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'सबका विकास, सबका प्रयास' का नारा उछाल कर एक नई बहस की शुरुआत कर दी है। क्या यह महज नारा साबित होगा या वाकई कुछ होगा।
आर्थिक उदारीकरण की 30वीं सालगिरह पर पूर्व वित्त व प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह ने कहा है कि आगे का रास्ता और मुश्किल भरा है तथा देश को अपनी प्राथमिकताएँ फिर से तय करनी होंगी
स्विटज़रलैंड की संस्था यूबीएस सिक्योरिटीज इंडिया ने अनुमान लगाया है कि चालू वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून के दौरान भारत की आर्थिक विकास दर शून्य से 12 प्रतिशत नीचे चली जाएगी।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी बुलेटिन। स्वामी : कांग्रेस सरकार में अर्थव्यवस्था थी ख़राब, अब और ख़राब कर दी। रामदेव के बयानों का विरोध, काला दिन मना रहे एलोपैथिक डॉक्टर्स। देखिए दोपहर तक की ख़बरें-
Satya Hindi News bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। 40 साल का न्यूनतम विकास दर दर्ज, शून्य से 7.3% नीचे। स्टडी में दावा : चीन के वुहान लैब में बनाया गया कोरोना वायरस
भारतीय अर्थव्यवस्था वित्तीय वर्ष 2020-2021 में शून्य से 7.3 प्रतिशत नीचे चली गई, यानी इसकी विकास दर -7.3 दर्ज की गई है। यह पिछले 40 साल की न्यूनतम आर्थिक विकास दर है।
जीडीपी यानी सकल घरेलू विकास दर पर माथापच्ची जारी है। रिज़र्व बैंक ने आज ही कहा है कि आर्थिक विकास दर यानी जीडीपी विकास दर 10.5 फ़ीसदी रहेगी। आईएमएफ़ ने भी कहा है कि यह दर 12.5 फ़ीसदी रहेगी। पर कैसे संभव?
बजट पेश किए जाने के बाद पहली बार भारत के रिज़र्व बैंक ने सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी की विकास दर का अनुमान व्यक्त किया है। इसने कहा है कि 2021-22 में जीडीपी 10.5 फ़ीसदी रहने का अनुमान है।