जीडीपी में 20 प्रतिशत की वृद्धि पर बहुत खुश होने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि भारतीय अर्थव्यवस्था का बुरा समय अभी भी ख़त्म नहीं हुआ है और यह मंदी से बाहर नहीं निकला है।
जीडीपी के नये आंकडे आ गये हैं । उम्मीद की नयी किरण ? या फिर आँकड़ों की बाज़ीगरी ? अर्थव्यवस्था पटरी पर लौटी ? बेरोज़गारी दूर, मंहगाई कम ? आशुतोष के साथ चर्चा में ए के भट्टाचार्य, प्रो अरुण कुमार और आलोक जोशी ।
नेशनल मॉनीटाईजेशन पाइपलाइन से सबसे ज़्यादा पैसा भारतीय रेल से ही मिलेगा, लेकिन यह उसका चरित्र भी बदल देगा। क्या होगा भारतीय रेल का और क्या होगा इसकी रियायतों का, पढ़ें हरजिंदर को।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नेशनल मॉनीटाइजेशन पाइपलाइन का एलान किया है, जिससे छह लाख करोड़ रुपए का इंतजाम किया जा सकता है। पर विपक्ष ने इसका जोरदार विरोध किया है। क्या है मामला?
स्वतंत्रता दिवस पर भाषण करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'सबका विकास, सबका प्रयास' का नारा उछाल कर एक नई बहस की शुरुआत कर दी है। क्या यह महज नारा साबित होगा या वाकई कुछ होगा।
डॉ. मनमोहन सिंह जब आर्थिक विषयों पर बोलते हैं तो लोग उन्हें कांग्रेस नेता मानकर नहीं सुनते बल्कि एक मंझे हुए अर्थशास्त्री मानकर सुनते हैं। यह तो डॉ. सिंह ही बता सकते हैं कि वे खुद को कांग्रेस नेता मानकर बयान देते हैं अथवा अर्थशास्त्री के नाते बोलते हैं।
आर्थिक उदारीकरण की 30वीं सालगिरह पर पूर्व वित्त व प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह ने कहा है कि आगे का रास्ता और मुश्किल भरा है तथा देश को अपनी प्राथमिकताएँ फिर से तय करनी होंगी
पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने कहा है कि आर्थिक सुधार की उपलब्धियों पर खुश होने के बजाय हमे अपने अंदर झाँकना चाहिए और प्राथमिकता तय करनी चाहिए।
महँगाई के नए आँकड़े आ गए हैं। जून महीने में महँगाई बढ़ने की दर यानी मुद्रास्फीति की दर में मामूली गिरावट दर्ज हुई है। मई में यह दर 6.3% थी, जबकि जून में घटकर 6.26% हो गई है।
कोरोना से बुरी तरह मार खाई हुई अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कुल मिलाकर 6,28,993 करोड़ रुपए का नया पैकेज लाने का एलान किया है।